12:02 pm
रज़िया "राज़"
ये बंधन टूटेना। (2)
चाहे कोई बाधा आये, चाहे आये तूफ़ान।
ये बंधन टूटेना। (2)
साथ कभी छूटेना…ये बंधन टूटेना
ये बंधन टूटेना। (2)
मेरी चाहत इतनी ग़हरी, जितना सागर ग़हेरा।
मेरी चाहत इतनी ऊंची, जितना नभ ये ऊँचा।
हाथ कभी छूटेना…ये बंधन टूटेना
तूँ मेरी साँसों में समाया, तू मेरी आहों में।
दिल की धड़कन नाम पुकारें, तेरा दिन-रातों में।
सांस मेरी छूटेना…ये बंधन टूटेना
तुझको चाहा, तुझको पूजा बनके मीरा मैने।
ढूंढा तुझको हर एक मोड़ पे बनके राधा मैने।
प्यार मेरा छूटेना… ये बंधन टूटेना।
7:18 pm
बेनामी
उपभोक्ता फॉर्म ने एक किसान को घटिया कीटनाशक देने पर २५ हजार रुपए हर्जाने के तौर पर देने के आदेश दिए हैं।
हरियाणा के जिला जीन्द के गाँव रजाना निवासी बलबीर ने ३ मार्च २००८ को फॉर्म में की शिकायत की थी कि उसने अपनी गेहूं की फसल के लिये एक ट्रेडिंग कंपनी से १५०० रुपये का कीटनाशक खरीदा था। दुकानदार द्वारा बताये गए सुझावों के अनुसार उसने फसल पर कीटनाशक का प्रयोग किया तो उसकी ९० प्रतेशत फसल खराब हो गई। कृषि विभाग की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में फसल खराब होने का कारण घटिया कीटनाशक बताया। उपभोक्ता फॉरम ने बलबीर को घटिया कीटनाशक देने पर ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा शिकायतकर्ता को २५ हजार रुपए हर्जाने के तौर पर देने के आदेश दिए हैं।
4:37 pm
Akbar Khan Rana
Use mask in crowd. It is primary protection against H1N1 infection. Don't shake hand with the suspected or RTI patients. Thanks!
5:46 pm
उम्मीद
वक्त का पहिया चलता जाता
नये - नये ये रूप दिखाता
हर पल एक सीख दे जाता
कि हमको है बस चलते जाना
बचपन छोड युवा बन जाऊ
चाहत थी कोई अपना पाऊ
मन में उनका अरमान लिये
आंखो में एक सपना लिये
चली जा रही थी कोमल मन अपना लिये
दौडती भागती ज़िन्दगी में
वो मिल गये हमे
आराम की ठंडी सांस की तरह
सांसो से साँसे मिली
और वो दिल के मेहमा हुए
बिना कोई किराया- भाड़ा दिये
कह दिया दिल ने दिल से
सुनो हम तुम्हारे हुए
सपनो में कल तक जो साथ था
अब मेरी उंगली थामे चलने लगा
ऐसा लगा खोया सा कोई
ख्वाब सच होने लगा
वो मुझ में और मैं
उन में खोने लगी
वक्त फिर कुछ और भी मेहरबां हुआ
और न जाने कब उनका मन मेरा हुआ
आंखो ही आंखो में दुनिया सजी
और दिल एक दूसरे का बसेरा हुआ
चल पड़ी मेरी नैया प्यार की लहर पर
वो इस नैया का खिव्या हुआ
हर दिन मेरा उत्सव और रात मयखाना हुआ
जैसे हर लम्हे पर उनका ही पहरा हुआ
उसके होठो ने मेरे होठो को छू कर कहा
कि उम्र भरके लिये मैं तेरा हुआ
तुझ में खो कर ही तो घर मेरा
फूलो का बगीचा हुआ
जब उसने अपनी अखियाँ खोली
घर मेरा रोशन हुआ
जब गूंजी उसकी किलकारी
तेरा मेरा सपना हमारा हुआ
उसने हंसकर भर दी हमारी झोली
तभी तो हमारा प्यार पूरा हुआ
उसका सपना ही अब हमारा सपना हुआ
देखते ही देखते अपना दुलारा
किसी और का साजना हुआ
हंस - रो कर जी लिया हर पल
प्यार नही , पर अब शरीर बूढ़ा हुआ
पर तेरा प्यार दिन -दिन
और भी गहरा हुआ
जब छोटू का छोटू
चश्मे से तेरे खेला किया
फिर मेरा हंस के कहना
अब तो तू बूढा हुआ
आँख भर आई मेरी
जब मेरा पल्लु पकड़ भर
तेरा यू कहना हुआ
खुशी है कि तेरे साथ में बूढा हुआ
हम हमेशा साथ होंगे मेरा फिर कहना हुआ
और फैल गया हमारा प्यार
एक अविरल धार-सा हर तरफ
वक्त की आँधी चली और तुफा आ गया
तेरे कंधे पर सज कर
ये तन मेरा इस दुनिया से रुख्सत हुआ
और इस मिट्टी का मिट्टी में ही मिलना हुआ
जब तू रोया फूट कर तो आत्मा चिल्ला उठी
मैं दूर नही हूँ तुमसे
मिट्टी थी मिट्टी में मिल गई
पर मन और आत्मा का तुम से ही संगम हुआ
और जब तुम अकेला होते हो उस आराम कुर्सी पर
मैं देखती हूँ तुम्हे और तुम भी तो महसूस करते हो
जब ढूंढते हो खुद में ही
और दीवारो से मेरे बातें करते हो
तो ये पीड़ा मुझ से सही नही जाती
तुम से मिलने को तड़प उठती है मेरी रुह
तब में खुद से वादा करती हूँ
हर जन्म तेरे ही पत्नी बनने का इरादा रखती हूँ
जब मिलेंगे साँवरे के द्वार पर हम
तब रुह की रुह से मुलाकात होगी
और हमारे लौकिक नही अलोकिक प्रेम की शुरुआत होगी
और वहाँ मृत्यु का बंधन नही होगा
वहा अमिट अमर प्रेम होगा .....
बस प्रेम....हमारा प्रेम
और ये वक्त जिसने हमे मिलाया
हमे दूर करने में लाचार होगा
अगर कुछ शेष होगा तो वो होगा हमारा प्रेम ....!!!!
12:48 pm
रज़िया "राज़"
देख़ो लोगों मेरे जाने का है पैग़ाम आया..(2)
ख़ुदा के घर से है ये ख़त, मेरे नाम आया….देख़ो लोगो…
जिसकी ख़वाहिश में ता-जिन्दगी तरसते रहे।
वो तो ना आये मगर मौत का ये जाम आया। ख़ुदा के घर…..
ज़िंदगी में हम चमकते रहे तारॉ की तरहॉ ।
रात जब ढल गइ, छुपने का ये मक़ाम आया। ख़ुदा के घर…..
राह तकते रहे-ता जिन्दगी दिदार में हम |
ना ख़बर आइ ना उनका कोइ सलाम आया । ख़ुदा के घर…..
चल चुके दूर तलक मंज़िलॉ की खोज में हम।
अब बहोत थक गये रुकने का ये मक़ाम आया। ख़ुदा के घर…..
हम मुहब्बत् में ज़माने को कुछ युं भूल गये ।
हम है दिवाने, ज़माने का ये इल्ज़ाम आया। ख़ुदा के घर…..
जिसने छोडा था ज़माने में युं तन्हा “रज़िया”
क़ब्र तक छोड़ने वो क़ाफ़िला तमाम आया। ख़ुदा के घर…..
7:04 pm
बेनामी
हरियाणा की जुलाना थाना पुलिस ने पत्नी की गला घोट कर हत्या की कोशिश करने के मामले में आरोपी पति कोगिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्तार पति से पूछताछ कर रही है। गाँव किला जफरगढ़ की संगीता ने २९ जुलाई२००९ को जुलाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका पति बिजेंदर शराब पीता है तथा नशे में वहउसे अक्सर पीटता है। २८ जुलाई को बिजेंदर शराब के नशे में धुत होकर आया और रस्सी से गला घोटकर उसे मारनेका पर्यास किया. उसके द्वारा शोर मचाये जाने पर आसपास के लोग आ गए। लेकिन तब तक बिजेंदर भाग चुका था।शिकायत पर कारवाई करते हुए पुलिस ने पति बिजेंदर को गिरफ्तार किया है।