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11.8.09

मिशन इंडिया फाउंडेशन की बैठक संपन्न

10.8.09

देखो लोगों मेरे जाने का है पैग़ाम आया.



देख़ो लोगों मेरे जाने का है पैग़ाम आया..(2)

ख़ुदा के घर से है ये ख़त, मेरे नाम आया….देख़ो लोगो…

जिसकी ख़वाहिश में ता-जिन्दगी तरसते रहे।

वो तो ना आये मगर मौत का ये जाम आया। ख़ुदा के घर…..

ज़िंदगी में हम चमकते रहे तारॉ की तरहॉ ।

रात जब ढल गइ, छुपने का ये मक़ाम आया। ख़ुदा के घर…..

राह तकते रहे-ता जिन्दगी दिदार में हम |

ना ख़बर आइ ना उनका कोइ सलाम आया । ख़ुदा के घर…..

चल चुके दूर तलक मंज़िलॉ की खोज में हम।

अब बहोत थक गये रुकने का ये मक़ाम आया। ख़ुदा के घर…..

हम मुहब्बत् में ज़माने को कुछ युं भूल गये ।

हम है दिवाने, ज़माने का ये इल्ज़ाम आया। ख़ुदा के घर…..

जिसने छोडा था ज़माने में युं तन्हा रज़िया

क़ब्र तक छोड़ने वो क़ाफ़िला तमाम आया। ख़ुदा के घर…..

8.8.09

हत्या की कोशिश करने पर पति गिरफ्तार

हरियाणा की जुलाना थाना पुलिस ने पत्नी की गला घोट कर हत्या की कोशिश करने के मामले में आरोपी पति कोगिरफ्तार किया हैपुलिस गिरफ्तार पति से पूछताछ कर रही हैगाँव किला जफरगढ़ की संगीता ने २९ जुलाई२००९ को जुलाना थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका पति बिजेंदर शराब पीता है तथा नशे में वहउसे अक्सर पीटता है२८ जुलाई को बिजेंदर शराब के नशे में धुत होकर आया और रस्सी से गला घोटकर उसे मारनेका पर्यास किया. उसके द्वारा शोर मचाये जाने पर आसपास के लोग गए। लेकिन तब तक बिजेंदर भाग चुका था।शिकायत पर कारवाई करते हुए पुलिस ने पति बिजेंदर को गिरफ्तार किया है

दाता तेरे हज़ारों हैं नाम



दाता तेरे हज़ारों है नाम…(2)

कोई पुकारे तुझे रहीम,

और कोई कहे तुझको राम।दाता(2)

क़ुदरत पर है तेरा बसेरा,

सारे जग पर तेरा पेहरा,

तेरा राज़ बड़ा ही गैहरा,

तेरे इशारे होता सवेरा,

तेरे इशारे होती शाम।दाता(2)

ऑंधी में तुं दीप जलाए,

पत्थर से पानी तूं बहाये,

बिन देखे को राह दिख़ाये,

विष को भी अमृत तू बनाये,

तेरी कृपा हो घनश्याम।दाता(2)

क़ुदरत के हर-सु में बसा तू,

पत्तों में पौंधों में बसा तू,

नदिया और सागर में बसा तू,,

दीन-दु:ख़ी के घर में बसा तू,

फ़िर क्यों में ढुंढुं चारों धाम।दाता(2)

ये धरती ये अंबर प्यारे,

चंदा-सूरज और ये तारे,

पतझड़ हो या चाहे बहारें,

दुनिया के सारे ये नज़ारे,

देखूँ मैं ले के तेरा नाम।दाता(2)




7.8.09

चार पशु-चोर गिरफ्तार

हरियाणा के नरवाना सदर थाना पुलिस ने लाखो रुपये के पशु चुराने के मामले में चार लोगो को गिरफ्तार किया है. पुलिस पकड़े गए लोगो से पूछताछ कर रही हे। गाँव दनोदा कलां के राजू ने अगस्त को पुलिस में दी शिकायत मेंबताया था कि कोई उसके पशु को चुरा ले गया है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चार लोगों को पकड़ा है।जिनकी पहचान गाँव के ही बबली, परवीन, राजबीर और काला के रूप में हुई। पुलिस ने पकड़े गए लोगों के कब्जे सेचुराए गए पशु भी बरामद किए हैं।

अय धूप कि किरन...



तूं हर सुबह मेरे घर की खिड़की पर दस्तक देती थी।.

छोटी-छोटी किवाडों से मेरे घर में चली आया करती थी।

मैं चिलमन लगा देती फिर भी तू चिलमनो से झांक लिया करती।

तेरी रोशनी चुभती थी मेरी आंखों में,मेरे गालों पर,मेरी पेशानी पर।

मैं तुझे छुपाने कि कोशिश करती थी कभी किताबों के पन्नों से तो

कभी पुरानी चद्दरों से.लेकिन…..

ऎ किरन ! तू किसी न किसी तरहां आ ही जाती.ना जाने तेरा मुजसे

ये कैसा नाता था?क्यों मेरे पीछे पड गई है तूं ?

आज मुझे परदेश जाने का मौका मिला है.मै बहोत खुश हुं।

ऎ किरन ! चल अब तो तेरा पीछा छुटेगा !

दो साल बाद वापस लौटने पर…..

जैसे ही मैने अपने घर का दरवाजा खोला !

मेरा घर मेरा नहीं लगा मुझे,

क्या कमी थी मेरे घर मैं?

क्या गायब था मेरे घर से?…..

अरे हां ! याद आया ! वो किरन नज़र नहीं आती !

बहोत ढुंढा ऊसे,पर कहीं नज़र नहीं आई,वो किरन,

खिड़की से सारी चिलमनें हटा दी मैने,फिर भी वो नहीं आई,

क्या रुठ गई है मुझ से?

घर का दरवाज़ा खोलकर देखा तो,

घर की खिड़की के सामने बहोत बडी ईमारत खडी थी.उसी ने किरन को

रोके रखा था।

आज मैं तरसती हुं, ऊस किरन को, जो मेरे घर में आया करती थी।.

कभी चुभती थी मेरी आंखों में..मेरे गालों पर…

आज मेरा घर अधूरा है, ऊसके बिना.ऊसके ऊजाले से मेर घर रोशन था.

पर आज ! वो रोशनी कहां? क्यों कि ….!

वो धूप की किरन नहीं..

6.8.09

मायावती की पूरक बजट, मै हूं हिमायती...

उत्तर प्रदेश की या तो किस्मत खराब है या तो यहां के नेता ज़रुरत से ज्यादा ही स्याणे हो गये हैं, या ये भी हो सकताहै कि दोनों ही हो। जिस तरह का पूरक बजट आया है उसे देखकर लग रहा है कि उत्तर प्रदेश के 47 से ज्यादा ज़िलेसूखाग्रस्त हुये ही हो। प्रदेश में 47 ज़िले सूखा ग्रस्त घोषित हो चुके हैं लेकिन इस बजट को देखकर लोगों को येलग रहा होगा प्रदेश सूखाग्रस्त नहीं मूर्तित्रस्त है। जिस कारण यहां हर रोज़ कभी हाथी तो कभी सुश्री मायावतीअपनी औऱ साथ में उनके गुरु काँशीराम की मूर्तियां लगवाई जा रही हैं। आपको बता दूं कि मूर्ति में होने वाला खर्चहै लगभग 512 करोड़ से ज्यादा लेकिन आपको ये जानकर औऱ ज्यादा शर्म आयेगी कि सूखाग्रस्त ज़िलों के लियेसिर्फ 250 करोड़ रुपये खर्च का बजट लाया गया है। शर्म इसलिये कि यार हमने ही तो चुना है मायावती को। पतानहीं खुद ने या किसी और ने लेकिन वोट तो हमें ही देने होते हैं। बड़ा संकट खड़ा हो जाता है जब वोटिंग का समयआता है। समझ में ही नहीं आता है कि किसे वोट दें... उस वक्त तो सभी एकदम देवता स्वरुप नज़र आते है लेकिनअसली रंग दिखता है कुछ समय सत्ता में बीत जाने पर, जब पता चलता है कि घोटाले में हर किसी का नाम आया।तो फिर यूपी के लोगों तैयार हो जाओ, इस लेख में दो बातों पर ज़ोर दूंगा कि एक तो मायावती के मज़ेदार औऱलोगों को बेवकूफ बनाने वाले पूरक बजट पर.....दूसरा क्या इस वक्त उनके अलावा कोई विकल्प है आपके पासशेष merajawab.blogspot.com पर पढ़ें ....