वेदपाल की हत्या करने वाले सोनिया के पिता व अन्य तीन लोगो को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उनको दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।वहीं इस मामले में कईं सामाजिक संगठनों ने हाईकोर्ट मे अर्जी दायर की है और इंसाफ की मांग की है।
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बादल से बरसा है पानी।
रिमझिम रिमझिम बरख़ा से लो
मिट्टी हो गई पानी- पानी।
देखो आई रुत मस्तानी।
पत्ते-पेड़ हुए हरियाले, भर गये देख़ो नदियां नाले।
धरती हो गई धानी धानी...
देखो आई रुत मस्तानी।
मेंढक ने जब शोर मचाया, मुन्ना देखो दौडा आया।
हँस हँस नाची गुडिया रानी..
देखो आई रुत मस्तानी।
देखो आई रुत मस्तानी।
पपीहा पीऊ पीऊ गाता जाये,मोर अदाएं करता जाये।
करते हैं कैसी नादानी...
देखो आई रुत मस्तानी।
मैं पगली नाचुं और गाऊं, भीगुं तो ऐसे शरमाऊं।
बरखा ने दी पूरी जवानी..
देखो आई रुत मस्तानी।
मौसम तो देखो.............
मौसम की पुकार तो देखो
पूर्व से आती बयार तो देखो
हमारा प्यार न देखो, न सही
पर हमारा इन्तेज़ार तो देखो
देखो तो सही
कितने उतावले हैं हम तुम्हारे लिए
अरे यार ! बावले हैं हम तुम्हारे लिए
तुम हो कि नखरैल बनी हो.............
मेरे आँगन में आती ही नहीं हो
मेरा दामन सरसाती ही नहीं हो
माना कि तुम फ़िदा हो अपने ही हुस्न पर
वक्त लगता है तुम्हें दर्पण से हटने में
लेकिन याद रख ___
मौसम तो तुम्हारा गुलाम नहीं है
बरसे बिन तुम्हें भी आराम नहीं है
अपने प्यासों को गर प्यासा ही मार डालोगी
तो क्या करोगी
उस जल का
जो आँचल में भरा है ..............अचार डालोगी ?
अरी ओ घटा...............
अब तो घट जा............
तुझसे तो बादल ही भला
जो उमड़-घुमड़ आता है
और झट से बरस जाता है...............
आजा आजा ...नाटक मत कर..........
बन्द अपना फाटक मत कर
बरस जा...............
बरस जा...........
बरस जा.............
वरना गीतकार गीत लिखना बन्द कर देंगे तुझ पर
तोड़ कर फैंक देंगे
-काली घटा छाई प्रेम रुत आई वाला कैसेट
आजा मेरी जान आजा
अपने नाम की लाज बचाने के लिए आजा
धरती के सौन्दर्य को सजाने के लिए आजा
हम प्यासों की प्यास बुझाने के लिए आजा
आजा
आजा
आजा ...................................
ऐ काली घटा आजा.............................
-albela khatri
http://albelakhari.blogspot.com/
पथ पखारू, रह निहारु
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
रह ताकत, अखियाँ पत्थराई
तुम्हारे लिये है, दुनिया बिसराई
सुन लो अरज सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
मैं हूँ तुम्हारी, तुझ में ही खोई
भूली हूँ सब कुछ, मेरा नही कोई
ले लो शरण सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
जब से है जाना, मैं हूँ तुम्हारी
भूली हूँ सब कुछ , मेरा दोष नही कोई
दर्शन दो सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
तुम्ही मेरा जीवन, तुम्ही मेरी साँसे
तुम्ही मेरी मुक्ति, तुम्ही मेरे सहारे
पार लगा दो सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
काम , क्रोध, लोभ, मोह , माया सब मुझ से जुडा है
सृष्टि का कैसा ये जाल बिछा है
कठपुतली से नाच रहे हैं
मुक्ति दो सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे
आ जाओ सांवरे........जी आ जाओ सांवरे