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4.1.11

घर से भागे प्रेमी जोड़े ने रेल के निचे कटकर दी जान

29 दिसम्बर से थे घर से गायब
प्रेमी जोड़ो के जान देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा| हरियाणा के जिला कैथल के सजूमा गाव के रीना व् ईश्वर ने साथ जीने मरने की कसमे खाई थी| साथ तो जालिम दुनिया के डर नही जी सके मगर साथ साथ मर कर जरुर अपने प्यार में खाई कसमो को निभा गये| रीना व् ईश्वर एक ही परिवार व् एक ही जाति सम्बन्ध रखते थे| दोनों का अरसे से प्रेम प्रसंग चल रहा था जो उन्हें घर से भागने को
मजबूर कर रहा था| वे 29 दिसम्बर को फरार हो गए| काफी खोजबिन की गई मगर दोनों का कोई आता पता नहीं चाल पाया| तब रीना के पिता ने कलायत थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई| परिवार वालो का कहना है की हमे इस प्रेम के बारे में कोई जानकारी नही थी|रीना व् ईश्वर के प्रेम की जानकारी ईश्वर के पिता को भी नही थी| ईश्वर के पिता का कहना है कि इनके घर से भागने कि जानकारी पूलिस से सुचना मिलने ही मिली| पुलिस इंस्पेक्टर रामचंदर के अनुसार दोनों कि पहेचान रीना के हाथ पर रीना व् लड़के के हाथ पर ईश्वर लिखा हुआ था व् पास पड़े मोबाईल की काळ से पता चला की ये कहा के रहने वाले है|

12.12.10

ड्रेन के जहरीले पानी से हो रही हैं किसानों की फसलें खराब

नहरी विभाग को किसानों की फसलों की कोई परवाह नहीं
कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है नहरी विभाग
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों कस्बे के गंदे पानी व बाढ़ के पानी की निकासी करने वाली सफीदों डिच ड्रेन उपमंडल के गांव छाप्पर के किसानों पर कहर बनकर बरप रही है। ड्रेन की सफाई ना होने की वजह से हर सीजन में किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं। ग्रामीण प्रशासन व नहरी विभाग के आला अधिकारियों को कई बार ड्रेन की सफाई के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासन व नहरी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। प्रशासन को किसानों की जान व माल की कोई परवाह नहीं है। किसान जगतार सिंह, बलदेव सिंह, मालक सिंह, कुलवंत सिंह, जोगेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह व साहब सिंह ने बताया कि सरकार ने बाढ़ के पानी को निकालने के लिए हांसी ब्रांच नहर के दोनों ओर डिच ड्रेन बनाई हुई हैं। इस ड्रेन में बाढ़ के साथसाथ सफीदों कस्बे का गंदा पानी भी सारा साल बहता है। यह ड्रेन पिछले कई वर्षें से गंदगी व घास से अटी पड़ी है। ड्रेन के बंद होने के कारण गंदा व बरसाती पानी किसानों के खेतों में मार करता है। जिससे उनकी हर सीजन में लाखों रुपए की फसलें तबाह हो जाती हैं।किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के माध्यम से सफीदों से जो गंदा पानी आता है वह पानी बहुत ही जहरीला है तथा यह जहरीला पानी ड्रेन बंद होने के कारण उनके खेतों में बह जाता है। किसानों ने बताया कि इस जहरीले पानी की चपेट में कोई भी फसलीय पौधा आता है वह उसी वक्त वह पौधा नष्ट हो जाता है। इस ड्रेन में समुंद्र सोख नामक वनस्पति पैदा हो गई है जोकि पशुओं के लिए घातक है तथा पानी के बहाव को भी रोकती है। इस पानी के संपर्क में आने से कई पशु गंभीर रोगों का शिकार हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि पहले उनकी धान की फसले खराब हुई थी अब गेंहु की फसल भी चौपट होने के कगार पर है। अगर प्रशासन ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया तो उनके अरमानों पर पानी फिरने से कोई नहीं रोक सकता। किसानों का कहना है कि इस ड्रेन की सफाई हुए काफी वर्ष हो चुके है। कायदे से तो ड्रेन की सफाई हर वर्ष् होनी चाहिए लेकिन विभाग को कायदे कानूनों से कोई सरोकार नहीं है। नहरी विभाग की कारगुजारियों के कारण खेतों में जलभराव होना एक आम बात हो गई है। किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के बंद होने के कारण अब इसका पानी गांव के रिहायशी इलाकों में भी मार करने की संभावना बन गई है।पानी के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव की हरिजन बस्ती में भी ड्रेन का पानी घूसने की प्रबल संभावना है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन व नहरी विभाग के आलाधिकारियों के पास जा चुके है लेकिन आज तक उन्हें कोरें आश्र्वासनों के अलावा कुछ भी नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन चाहता है कि उनके खेतों व गांव में जलभराव ना हो तो उसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जागना होगा। उन्होंने प्रशासन व विभाग से गुहार लगाई है कि इस ड्रेन की समुचित सफाई करवाई जाए। अब देखना यह है कि विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से कब जागता है? इस संबंध में नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता कमलकांत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ा पानी गांव की बस्तियों का है। विभाग समयसमय पर इस ड्रेन की सफाई करवाता रहता है। अब फिर से सफाई करवाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त के पास एस्टीमेट बनाकर भेजा जा रहा है। एस्टीमेट पास होने के बाद मनरेगा के तहत इस ड्रेन की सफाई करवाई जाएगी।

8.12.10

नगरपालिका की जमीन पर दिखाया मालिकाना हक

करोड़ों की सरकारी जमीन अपनी होने का दावा
पटवारी की मिलीभगत से दिया कार्रवाई को अंजाम
एस.डी.एम. ने पटवारी के खिलाफ दिए कार्रवाई के आदेश
सफीदों (हरियाणा) : नगर के भूमाफिया द्वारा हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की करोड़ों रुपये की जमीन पर अपने हक का मालकियाना दावा करने से नगर पालिका में हड़कंप मच गया है। करोड़ों की जमीन पर मालकियाना दावे के मामले में एस.डी.एम. ने तहसीलदार को दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की लगभग सात एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। जिसमें से पच्चीस सौ वर्ग गज पर एक व्यक्ति ने दावा करते हुए अपनी मालकियत दर्शाई है और कोर्ट के माध्यम से नगर पालिका को नोटिस भेजा है। दावा की गई जमीन का कलेटर रेट सवा करोड़ रुपया है जबकि मार्केट रेट अढ़ाई करोड़ रुपये है। गत तीन दिसंबर को नगर पालिका को पच्चीस सौ वर्ग गज जमीन की मालकियत का नोटिस भेज कर दावा करने वाले व्यक्ति ने पिछले पच्चीस वर्षें से उस जमीनपर कब्ज़ा दिखाया है। जिसकी पुष्टि क्षेत्र के राजस्व पटवारी ने भी की है। हकीकत में मालकियत दावा की गई जमीन पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं है और अब तक जमीन खाली पड़ी हुई है। नगर पालिका की जमीन पर मालकियत दावे का मामला सामने आने पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मामले की जांच के आदेश तहसीलदार को दिए। पहली दृष्टि में पटवारी की मिलीभगत से मालकियत के फर्जी कागजात तैयार करवाने का मामला सामने आया। जिस पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मालकियत दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने बताया कि पटवारी ने मालकियत दावा की गई जमीन की गलत रिपोर्ट की है। वास्तव में उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं है। जमीन की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है और पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

पशु व्यापारी हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, पांच गिरफतार


शव को खुर्दबुर्द करने में सरपंच ने कराया पैट्रोल उपलबध
हत्या से पूर्व नशीली चाय पिलाई गई थी व्यापारी को
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों हलके के पाजू खुर्द गांव में दर्दनाक तरीके से पशु व्यापारी को मारकर जलाने केमामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड में गांव के सरपंच की महत्वपूर्ण भूमिका रही। शव को खुर्दबुर्द करने के लिए पैट्रोल सरपंच ने ही हत्यारोपियों को उपलध करवाया था। हत्यारोपियों ने शव को ठिकाने के लिए एक गाड़ी चालक तथा एक छात्र का भी सहारा लिया। पुलिस ने पशु व्यापारी की हत्या के मामले में गांव के सरपंच पवन कुमार, मुख्य हत्यारोपी मेजर, कृष्ण, अजमेर तथा छात्र बिट्‌टू को गिरतार कर लिया है जबकि एक हत्यारोपी जीप चालक कुलदीप सिंह अभी फरार है। गांव भागरा मुजफरनगर(उत्तर प्रदेश) निवासी पशु व्यापारी इमरान की हत्या की गुत्थी पूरी तरह सुलझ गई है। शनिवार को गांव पाजूखुर्द पहुंचे इमरान को गांव के ही कृष्ण के खेत में नशीली चाय पिलाई गई थी। फिर इमरान पर मेजर, कृष्ण, अजमेर ने कस्सी से वार कर बेरहमी से हत्या कर डाली और कृष्ण के खेत में पड़े पराली के ढेर पर डाल दिया। शव को कृष्ण के खेत से निकालने के लिए उन्होंने गांव के ही जीप चालक कुलदीप की सहायता ली और फिर शव को गांव से दूर डालने योजना बनाई। मगर कारणवश शव को गांव से बाहर नहीं निकाल सके। फिर उन्होंने इस योजना में गांव के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विनालय में पढ़ रहे बारहवीं कक्षा के छात्र बिट्‌टू से संपर्क साध कर पशु व्यापारी इमरान के शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। फिर डेढ़ किलोमीटर दूर से इमरान के शव को गांव की पंचायती जमीन में पड़ी पराली के ढेर में छुपाया गया। हत्यारोपियों ने गांव के सरपंच पवन से संपर्क साधकर घटना के बारें में अवगत करवाया। सरपंच पवन ने शव को खुर्दबुर्द करने की सलाह देते हुए पैट्रोल उपलबध करवा दिया। जिस पर बिट्‌टू व कृष्ण सरपंच पवन के घर से पैट्रोल ले गए और पराली में छुपाए गए शव को आग लगा दी। पुलिस ने पशु व्यापारी इमरान की हत्या के आरोप में गांव के सरपंच पवन, मेजर, कृष्ण, बिट्‌टू को गिरतार कर लिया।

7.12.10

पैसे के लालच में भूसे में फूंक दिया पशु व्यापारी


सफीदों, (हरियाणा) : सफीदों हलके के पाजूकलां व पाजूखुर्द के बीच धान के भूसे में एक पशु व्यापारी को फूंक दिए जाने का मामले ने समूचे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। लोग यह सोचने को मजबूर हो गए हैं कि इंसान इतना गिर गया है कि वह चंद रुपयों के लिए किसी दुसरे इंसान कर जीवन लीला ही समाप्त कर दे। मृतक के भाई मोबीन ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसका भाई इमरान निवासी गांव बघरा जिला मुज्जफरनगर उत्तर प्रदेश सफीदों क्षेत्र में अपने जीजा पप्पू के साथ पशुओं का व्यापार करता था। हाल में वह अपने जीजा के साथ कस्बे के नजदीकी खेड़ाखेमावती गांव में रह रहा था। पशुओं के व्यापार के चलते इमरान ने उपमंडल के पाजू कलां गांव के मेजर से सौलह हजार रुपए लेने थे। वह उन रुपयों को लेने के लिए कई बार मेजर सिंह के पास तकाजे के लिए गया। हर बार मेजर उसे टरकाता रहा। चार दिसबर को भी वह मेजर के पास अपने रुपए लेने के लिए गया था लेकिन उसके बाद वह घर पर नहीं लौटा। उसके घर पर ना आने के चलते उसके भाई मोबिन ने सफीदों पुलिस के पास इमरान की चार दिसबर की सांय से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।मोबिन ने इस रिपोर्ट में कहा है कि मेजर सिंह के पास तकाजे के लिए जाने के वक्त उसके भाई इमरान के पास दो लाख रूपये की नकदी भी थी। उन्होंने अपने स्तर पर इमरान की तलाश जारी रखी। इमरान की तलाश करतेकरते वे पाजूकलां व पाजूखुर्द के आसपास खेतों में पहुंचे तो पाया कि एक स्थान पर काफी मात्रा में धान का भूसा जल रहा था। उन्होंने भूसे की जलती हुई राख को हटाकर देखा तो उसमें से नर कंकाल निकला। जल चुके भूसे के आसपास उन्होंने तलाशी लेने पर मोबाइल फोन की बैटरी व राख होने से बच गए एक कपड़े से पाया कि यह कंकाल तो उसके भाई इमरान का ही है। मोबिन ने दर्ज करवाई अपनी शिकायत में कहा है कि उसके भाई की पाजू कलां गांव के मेजर सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या करके उसके शव को भूसे में जला दिया। मामले की सूचना सफीदों प्रशासन व पुलिस को दी गई। मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। सफीदों के तहसीलदार ज्ञानप्रकाश बिश्र्रोई व एस.एच.ओ. सुभाष शर्मा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कजे में लेकर आवश्यक कार्रवाई में जुट गए। भूसे में लगी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड़ को बुलाया गया। पुलिस ने मृतक इमरान के भाई की शिकायत पर पाजू कलां गांव के मेजर सिंह सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ भा.दं.सं. की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

23.10.10

भैंसा बना क्षेत्र में चर्चा का विषय


सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा के सफीदों विधानसभा क्षेत्र के गांव रत्ताखेड़ा में रहने वाले किसान राममेहर सिंह का अढ़ाई साल का मुर्राह नस्ल का भैंसा शेरू अपनी कद काठी तथा नस्ल के साथसाथ अपनी लगी अढ़ाई लाख रुपए की कीमत के कारण आसपास के क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है लेकिन भेंसें के मालिक ने अपने पशुबाड़े की शान तथा ग्रामीणों के आग्रह पर उसे बेचने से मना कर दिया। शेरू अब गांव की शान बना हुआ है। भैंसे के मालिक राममेहर सिंह ने बताया कि शेरू की खुराक में हर रोज छः लीटर दूध, चार किलोग्राम चना, दो किलोग्राम बिनौला तथा दो किलोग्राम गेहूं शामिल है। शेरू की लंबाई तेरह फुट तथा ऊंचाई साढ़े पांच फुट और वजन पांच सौ किलोग्राम है। कुछ दिन पूर्व एक पशुपालक ने शेरू की कीमत अढ़ाई लाख रुपए लगाई थी लेकिन ग्रामीणों द्वारा शेरू के बेचे जाने का आग्रह किए जाने पर उसने बेचने से मना कर दिया। उसने बताया कि शेरू मुर्राह नस्ल का भैंसा है। शेरू को मुर्राह नस्ल संरक्षण अभियान के तहत पशु पालन विभाग ने संरक्षित किया हुआ है और उसे टैग लगाया गया है। समयसमय पर पशुपालन विभाग के चिकित्सक शेरू की जांच के लिए आते रहते हैं। गांव के सरपंच सुशील सैनी ने बताया कि शेरू अब गांव की शान है। शेरू की लगी कीमत से केवल पशुपालक को याति मिली बल्कि गांव को भी पहचान मिली है। शेरू ग्रामीणों के लिए प्रेरणा बना हुआ है कि अच्छी किस्म के पशु पालकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। पशु चिकित्सक सुशील रोहिला ने बताया कि शेरू को पशुपालन विभाग द्वारा टैग किया गया है। शेरू मुर्राह नस्ल का उत्तम भैंसा है। उसके सिमंस पशुपालन विभाग द्वारा अन्य किसानों को उपलध करवाए जाते हैं। अच्छे किस्म के पशु पालना पशुपालको के लिए लाभ का सौदा है।

28.7.10

गरीब परिवार को सरकार ने दुत्कारा और संस्था ने संभाला


गुलाबी कार्ड कटने के बाद संस्था के राशन पर जी रहा है गरीब परिवार
सफीदों, (हरियाणा) : देश व प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीबों का मसीहा होने के बड़ेबड़े दावे करती है तथा सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू की जाने वाली योजनाओं के प्रचार के लिए बडे़बडे़ विज्ञापन प्रकाशित किए जाते हैं लेकिन उन कल्याणकारी योजनाओं का फायदा वास्तविक गरीब लोगों तक नहीं पहुंचता। उन योजनाओं को फायदा अपने रसूक के दम पर अमीर लोग उठा ले जाते हैं। सरकार ने इस बात की तरफ ध्यान नहीं दिया कि गरीबों के लिए जारी की गई योजनाएं ठीक रूप से लागू हो भी रही है या नहीं। इन्हीं योजनाओं के तहत सरकार ने अति गरीब परिवारों के लिए गुलाबी कार्ड बनाए जाने की योजना लागू कर रखी है। उन कार्डों को बनाए जाने के लिए किए सर्वे में कर्मचारियों द्वारा निचले स्तर पर बड़ी धांधली हुई। सर्वे में अमीरों के नाम शामिल कर लिए गए तथा गरीबों के नाम काट दिए गए। नतीजतन गरीब लोग इस गुलाबी कार्ड योजना से महरूम रह गए। गुलाबी कार्ड बनाने के लिए किए गए सर्वे में हुई धांधली को लेकर कई बार लोगों द्वारा प्रदर्शन किए गए तथा प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए। इसी धांधली का शिकार सफीदों के वार्ड नंबर 12 में एक टूटेफूटे मकान में रह रही एक विधवा कस्तूरी देवी भी हुई है। विधवा कस्तूरी देवी ने रोते हुए बताया कि उसके साथ बहुत बड़ी ज्यादती हुई है। उसके पास ना तो रहने के लिए ढंग का मकान तथा ना ही खाने के लिए भोजन है। जिस मकान में वह रह रही है, उस मकान की हालत इतनी जर्जर है कि वह किसी भी क्षण गिर सकता है। उसने बताया कि वर्ष् 2008 से पहले उसका गुलाबी कार्ड बना हुआ था लेकिन वर्ष 2008 में उसका गुलाबी कार्ड अफसरशाही व कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। उसके बाद आज तक भी उसका गुलाबी कार्ड नहीं बन पाया है। गुलाबी कार्ड कट जाने के बाद सरकार द्वारा कम दामों पर दिया जाने वाला उसका राशन बंद हो गया। राशन बंद होते ही वह भूखों मरने के कगार पर पहुंच गई। उसने बताया कि उसके पति छोटू राम की काफी सालों पहले ही मौत हो चुकी है। उसका एकमात्र सहारा उसका बेटा रमेश कुमार पैरो से अपाहिज है। घर में कमाई का कोई साधन नहीं है। उसका बेटा रमेश बाजार में बाजार में छोटी सी रेहड़ी लगाता है तथा वह स्वयं भी लोगों के घरों में काम कर रही है। उसके बेटे रेहड़ी पर भी इतना भी काम नहीं है कि वह घर का गुजारा चला सके। परिवार चलाने के लिए जब सरकार के साी दरवाजे बंद हो गए तब उसको महामंडलेश्र्वर एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य व आशीर्वाद चल रही सफीदों की एक सामाजिक संस्था श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति ने सहारा दिया। उल्लेखनीय है कि सफीदों की सामाजिक संस्था श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति हर महीने क्षेत्र के भ्क् गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है। जिसमें पूरे महीने भर का खानेपीने का सारा सामान होता है। विधवा कस्तुरी देवी ने बताया कि उसे इस बात का पता चला कि श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है तो उसने संस्था के पदाधिकारियों से संपर्क किया। संस्था के पदाधिकारियों ने उसके घर व परिवार की हालत को देखते हुए संस्था की तरफ से उसका कार्ड बना दिया।उसने बताया कि वह उस कार्ड के माध्यम से हर महीने का राशन प्राप्त करके गुजरबसर कर रही है। उसने बताया कि उसने इस बात के खूब प्रयास किए कि वह संस्था का राशन ना ले तथा किसी तरह से उसका गुलाबी राशन कार्ड दोबारा से बन जाए। उसने गुलाबी राशन कार्ड बनवाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक खूब धक्के खाए लेकिन उसे कोई सफलता प्राप्त नहीं हुई। नतीजतन आज तक भी उसका गुलाबी कार्ड दोबारा से नहीं बन पाया है। उसका कहना है कि अब उसे सरकार व प्रशासन से इस मामले में उमीद कम ही बची है। उसका कहना है कि वह अपनी जिंदगी तो किसी तरह से काट लेगी लेकिन उसे फिक्र तो अपने बेटे की लगी हुई है कि उसका गुजरबसर किस तरह से होगा उसने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसका गुलाबी कार्ड बनवाया जाए तथा उसका मकान बनवाया जाए। इस मामले में श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति के राशन वितरण प्रमुख दर्शन लाल मेहता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विधवा कस्तूरी देवी पिछले कई सालों से इस संस्था से राशन प्राप्त कर रही है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा कस्तूरी देवी को हर महीने आटा, दाल, चावल, चाय, चीनी व अन्य सामान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महामंडलेश्र्वर एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य व आशीर्वाद से यह राशन वितरण का प्रकल्प पिछले काफी समय से चल रहा है। इस प्रकल्प के तहत गरीब व बेसहारा परिवारों को राशन दे रही है।न है तथा ना ही गुजारा करने के लिए कारोबार है। उसने बताया कि वह हर महीने श्री कृ ष्ण कृपा सेवा समिति द्वारा बनाए गए कार्ड पर समिति से राशन प्राप्त कर रही है।

26.7.10

भूमिगत जलस्तर को लेकर गंभीर हैं हरियाणा के व्यापारी


सुधार की उमीद से राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा प्रदेश के व्यापारी ग्लोबल वार्मिंग भूमिगत जल के अत्याधिक दोहन के दृष्टिगत भविष्य मे प्रदेश मे भूमिगत जल के संकट के प्रति गंभीर हैं। इस दिशा में करनाल जिला के कुंजपुरा कस्बे मे आई राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल को हरियाणा के व्यापारियों के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें हरियाणा की इस समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में कृषि उत्पादों के सही रखरखाव के लिए पर्याप्त गोदाम बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है और कृषि उत्पादों को करमुक्त करने, छोटे व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा बिल की परिधि मे शामिल करने, दुर्घटना हादसे की स्थिति मे व्यापारी को पांच लाख रूपए की बीमा सुविधा उपलध कराने, लघु मध्यम उनोगों को दस करोड़ तक की एसाईज ड्यूटी मे छूट देने नए गूड् एवं सर्विस टैस को देश भर मे आन लाईन कराने की मांग भी की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झारखंड के पूर्व राज्यमंत्री गन्नौर के विजेंद्र गोयल ने किया और इसमे अखिल भारतीय अग्रवाल समेलन के महासचिव बालकिशन अग्रवाल, भारतीय उनोग व्यापार मंडल के संगठन सचिव गोपालशरण गर्ग, पूर्व मुख्यमंत्री के बनारसी दास गुप्ता के बेटे बनारसी दास गुप्ता फाऊंडेशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता, हरियाणा प्लाईवुड मन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान अशोक गोयल, व्यापार मंडल सफीदों के अध्यक्ष राजकुमार मिाल, आल इंडिया राईस मिलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीण गुप्ता हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव सुभाष् तायल शामिल थे।

25.7.10

मानव अधिकार सुरक्षा संघ ने चलाया पौधारोपण अभियान


सफीदों, (हरियाणा) : सामाजिक संस्था मानव अधिकार सुरक्षा संघ (मास) द्वारा सफीदों की शिव गऊशाला में पौधारोपण अभियान की शुरूआत की गई। इस अभियान की शुरूआत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अकबर खान ने की। इस पौधारोपण के दौरान आंवला, जामुन, बकैन, बहेड़ा व नीम के सैकड़ों औष्धीय पौधे लगाए गए। संस्था के अध्यक्ष अकबर खान ने अपने संबोधन में कहा कि मानव का पेड़ों से अटूट संबंध है। पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना व्यर्थ है। वृक्ष है तो हम हैं। पूरा विश्र्व ग्लोबल वार्मिंग व प्रदूष्ण की समस्या से जूझ रहा है। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। यदि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई इसी तरह से होती रही तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। पेड़ों की कमी से वातावरण में आसीजन की कमी होती जा रही है। परिणामस्वरूप मनुष्य को सांस लेना भी दूभर हो गया है। पेड़पौधे ही जीवन का आधार हैं। उन्होंने कहा कि महज पौधा लगाने भर से ही हमारी जिमेदारी समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि जिस तरह से हम अपने बच्चों को पालपोस कर बड़ा करते हैं, उसी तरह से हमें पौधों को भी अच्छी तरह से पालनापोसना होगा। पौधारोपण के लिए एक जनजागृति अभियान की आवश्यकता है। स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़पौधे लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर व्यति को अपने जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस मौके पर बोलते हुए पौधारोपण कार्यक्रम के परियोजना निदेशक विनोद वर्मा ने बताया कि संस्था ने व्यापक पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान की कड़ी में क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर जोरदार ढंग से पौधारोपण किया जाएगा। इस मौके पर गऊशाला के प्रधान शिव कुमार गोयल व संस्था के सहसचिव सुरेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।

10.7.10

कभी भी टूट सकती है हांसीबुटाना लिंक नहर


नहरी की पटड़ी में पड़े हैं गहरें गड्डे
हाथ पर हाथ रे बैठा है प्रशासन नहरी विभाग
सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा के कुरूक्षेत्र कैथल के अलावा कई शहर नहर टूटने से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण सडक़ रेल यातायात पूरी तरह से ठप्प हो चुके हैं। लोगों का जनजीवन संकट में हैं। कुछ ऐसे ही हालात सफीदों क्षेत्र में भी हो सकते हैं। सफीदों क्षेत्र में बहने वाली हांसीबुटाना लिंक नहर किसी भी वक्त टूट सकती है, क्योंकि इस नहर की पटड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है तथा पटड़ी में कईकई फूट गहरे गड्डे बने हुए हैं। प्रशासन नहर महकमा को लोगों की जानमाल की कोई परवाह नहीं है तथा वह हाथ पर हाथ रे बैठा है ज्ञात रहे कि हांसीबुटाना लिंक नहर आमतौर पर खाली रहती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह नहर अपने पूरे वेग से बह रही है। बताया जाता है कि इस नहर में बाढ़ का पानी छोड़ा गया है। नहर में इतना पानी रहा है कि पानी पूल से टकराने वाला है। अगर यह नहर टूट जाती है तो यह पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकती है। सफीदों हलके के अंटा हैड के पास इस नहर की पटड़ी की हालत बेहद चिंतनीय बनी हुई है। नहर के किनारे पटड़ी पर गहरी दरारें गड्डे बने हुए हैं। इन दरारों की लंबाई गहराई कईकई फूट है। दरारें गड्डें इतने गहरें हैं कि इन्हें देखने भर से ही किसी अनहोनी का डर पैदा हो जाता है लेकिन इस तरफ प्रशासन नहरी विभाग का कोई ध्यान नहीं है। सब के सब आंख मूंदे बैठे हैं। इस नहर के किनारों के समीप के किसानों को भारी चिंता होने लगी है। उनको अपनी फसल की चिंता बनी हुई है। उनका कहना है कि अगर यह नहर टूट गई तो उनका सबकुछ तबाह हो जाएगा। किसानों ने बताया कि इस नहर की तरफ विभाग का कोई भी अधिकारी झांककर भी नहीं देखता। किसानों का कहना है कि इस नहर में पीछे से बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा है तथा नहर अपने पूरे उफान पर है। नहर के पानी का सारा दबाव इस अंटा हैड पर बना हुआ हैं, क्योंकि यह नहर यहीं पर आकर मिल जाती है। किसानों का कहना है कि इस नहर में दिनप्रतिदिन पानी की वृद्धि होती जा रही है। पानी की बढ़ौतरी की यहीं रफतार रही तो यह नहर बहुत बड़ी तबाही मचा सकती है। किसानों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि प्रशासन इस नहर की तरफ विशेष् रूप से ध्यान दे तथा इन गड्डों को पूरी तरह से भरवाए।