वैसे तो मंदिरों में घंटा लगा होने के अनेक कारण हैं-तो सर्वप्रथम घंटे की ध्वनि सुनकर लोग जान जाते हैं, कि मंदिर में प्रतिष्ठित देवी या देवता की आरती आरंभ हो चुकी है, अत: जो भी आरती में सम्मिलित होने के इच्छुक हैं, वे शीघ्रता से पहुंचे और जो नहीं पहुंच सकते, वे जहां पर हैं, वहीं खड़े होकर ध्यान कर लें। घंटा लगाने का दूसरा कारण यह है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित देवता भी जागृत हो जाएं, अन्यथा जब आप उनके दर्शन के लिए जाते हैं, तो हो सकता है कि वे उस समय समाधि में डूबे हों और आपकी पूजा-प्रार्थना व्यर्थ चली जायें। घंटे की ध्वनि, यदि लयबद्धता से की जाये, तो करण प्रिय लगती है। घंटे की ध्वनि से अनिस्टों का निवारण होता है। पुरानों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब प्रलय काल के बाद सृष्टि हुई, उस समय घंटे की ध्वनि के समान ही नाद (आवाज) हुआ था। इस तरह मंदिर में घंटा लगाए जाने के कई कारण हैं। -वंश जैन(न्यूजप्लॅस)