आए दिन छात्रों में हो रहे झगड़े, छात्राओं की पढाई हो रही प्रभावित
प्राध्यापकों के सामने ही होती है छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें
सफीदों, (हरियाणा) (महाबीर मित्तल ) : सफीदों के राजकीय पीजी कालेज में आजकल सब कुछ सामान्य नहीं है
और कॉलेज प्रशासन द्वारा इसको सामान्य बनाने के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। कालेज में छात्रों में आए दिन हो रहे झगड़े पढाई के माहौल को खराब कर रहे हैं। छात्रों की गुटबाजी के कारण कालेज के अन्य छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। झगड़ों के कारण कई छात्रों पर अपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं वहीं कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। ऐसा ही एक मामला गत १७ सितंबर को भी छात्रों के बीच हुए झगड़े में सिल्लाखेड़ी गांव का विकास बुरी तरह घायल हो गया था। जिसका ईलाज पानीपत के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने लगभग एक दर्जन छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन इससे इन घटनाओं पर अंकुश लग पाएगा, यह कहना मुश्किल है। कालेज में पहले भी कई बार इस तरह के झगड़े हुए हैं, पुलिस ने मामले भी दर्ज किए लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अगर कालेज के छात्रों की मानें तो कालेज में लड़कियों को लेकर ही ये झगड़े होते हैं। जो बाद में लड़ाई का विकराल रूप धारण कर लेती है। इस संदर्भ में नाम न लिखने की शर्त पर छात्रों ने बताया कि कालेज में शरारती तत्वों पर कालेज प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। ऐसे में ये शरारती तत्व छात्राओं पर फबतियां कसते हैं उनके विष्य में कालेज प्रशासन को सूचना दी जाती है तो प्रशासन उनको रोकने में असर्मथता जताते है। प्रशासन की ढ़िलाई के कारण ही ऐसे झगड़े होते है। इन शरारती तत्वों के हौसले इतने बुलंद है कि प्राध्यापकों के सामने ही छात्राओं के साथ अश्रテील हरकते करते आम देखे जा सकते हैं। कालेज में अनुशासन का जनाजा कितना निकला हुआ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्राएं अब इस कालेज में जाने में असहज महसुस करती हैं। कुछ दिन पूर्व कालेज में पहुंचे पत्रकारों के सामने एक छात्राओं ने सरेआम कालेज में छात्राओं की सुरक्षा पर प्रश्र्रचिन्ह लगाए थे। छात्रा ने प्राध्यापकों के सामने ही शरारती छात्रों द्वारा उनके रास्ता रोकने की घटना बताई थी, लेकिन इन सब घटनाओं के बावजुद महाविनालय प्रशासन कुंभकरणीय नींद सो रहा है। इन मामलों को कालेंज में होने वाली आम घटनाएं बताता है। यदि कॉलेज में भविष्य बनाने के लिए आने वाले छात्र अपराधी बन रहें हैं और छात्राएं यहा पढ़ाई करने में असहज महसुस कर रही है, बावजुद इसके कालेज प्रशासन इसे सामान्य बता रहा है तो शायद कोई अभिभावक अपने बच्चों को यंहा पढ़ा पाएगा।
प्राध्यापकों के सामने ही होती है छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें
सफीदों, (हरियाणा) (महाबीर मित्तल ) : सफीदों के राजकीय पीजी कालेज में आजकल सब कुछ सामान्य नहीं है
और कॉलेज प्रशासन द्वारा इसको सामान्य बनाने के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। कालेज में छात्रों में आए दिन हो रहे झगड़े पढाई के माहौल को खराब कर रहे हैं। छात्रों की गुटबाजी के कारण कालेज के अन्य छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। झगड़ों के कारण कई छात्रों पर अपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं वहीं कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। ऐसा ही एक मामला गत १७ सितंबर को भी छात्रों के बीच हुए झगड़े में सिल्लाखेड़ी गांव का विकास बुरी तरह घायल हो गया था। जिसका ईलाज पानीपत के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने लगभग एक दर्जन छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन इससे इन घटनाओं पर अंकुश लग पाएगा, यह कहना मुश्किल है। कालेज में पहले भी कई बार इस तरह के झगड़े हुए हैं, पुलिस ने मामले भी दर्ज किए लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अगर कालेज के छात्रों की मानें तो कालेज में लड़कियों को लेकर ही ये झगड़े होते हैं। जो बाद में लड़ाई का विकराल रूप धारण कर लेती है। इस संदर्भ में नाम न लिखने की शर्त पर छात्रों ने बताया कि कालेज में शरारती तत्वों पर कालेज प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। ऐसे में ये शरारती तत्व छात्राओं पर फबतियां कसते हैं उनके विष्य में कालेज प्रशासन को सूचना दी जाती है तो प्रशासन उनको रोकने में असर्मथता जताते है। प्रशासन की ढ़िलाई के कारण ही ऐसे झगड़े होते है। इन शरारती तत्वों के हौसले इतने बुलंद है कि प्राध्यापकों के सामने ही छात्राओं के साथ अश्रテील हरकते करते आम देखे जा सकते हैं। कालेज में अनुशासन का जनाजा कितना निकला हुआ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्राएं अब इस कालेज में जाने में असहज महसुस करती हैं। कुछ दिन पूर्व कालेज में पहुंचे पत्रकारों के सामने एक छात्राओं ने सरेआम कालेज में छात्राओं की सुरक्षा पर प्रश्र्रचिन्ह लगाए थे। छात्रा ने प्राध्यापकों के सामने ही शरारती छात्रों द्वारा उनके रास्ता रोकने की घटना बताई थी, लेकिन इन सब घटनाओं के बावजुद महाविनालय प्रशासन कुंभकरणीय नींद सो रहा है। इन मामलों को कालेंज में होने वाली आम घटनाएं बताता है। यदि कॉलेज में भविष्य बनाने के लिए आने वाले छात्र अपराधी बन रहें हैं और छात्राएं यहा पढ़ाई करने में असहज महसुस कर रही है, बावजुद इसके कालेज प्रशासन इसे सामान्य बता रहा है तो शायद कोई अभिभावक अपने बच्चों को यंहा पढ़ा पाएगा।
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