3:15 pm
Sumit Pratap Singh
"आइये शर्मा जी. अहो भाग्य हमारे जो आप हमारे स्कूल में पधारे" भीमसेन बड़ी विनम्रता से शर्मा जी का स्वागत करते हुए बोले. शर्मा जी कुर्सी पर बैठते हुए बोले, "अरे भीमसेन जी ये तो हमारा सौभाग्य है जो हमें आपके विद्यालय में आने का अवसर मिला. आपके सम्मुख एक निवेदन लेकर आये हैं." भीमसेन ने कहा, "अरे शर्मा जी क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं...आगे पढ़ें
Posted in:
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें