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5.5.11

....चलो आखिर मारा तो गया ओसामा





10 मार्च 1957 को रियाध सउदी अरब में एक धनी परिवार में जन्मे ओसामा बिन लादेन

अल कायदा नामक आतंकी संगठन का प्रमुख था।

जो संगठन 9 सितंबर 2001 को अमरीका के न्यूयार्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के साथ विश्व के कई देशों में आतंक फैलाने का दोषी था। उस अलक़ाएदा संगठन के मुखिया ओसामा बिन

लादिन को पाकिस्तान के एबटाबाद में रविवार रात CIA ने मार गिराया गया। मध्य पूर्वी मामलों के विश्लेषक हाज़िर तैमूरियन के अनुसार ओसामा बिन लादेन को ट्रेनिंग CIA ने ही दी थी।

वो जहाँ रहता था वो एक ऐसी इमारत थी जीसकी दीवार 12 से 18 फ़ीट की थी, जो इस इलाक़े में बनने वाली इमारतों से कई गुना ज़्यादा थी।. इस इमारत में न कोई टेलिफ़ोन कनेक्शन था और न ही इंन्टरनेट कनेकशन। यहीं छिपकर बैठा था दुनिया को अपने आतंक से हिलाकर रख देने वाला आतंकी। जिसने कंई बेगुनाहों को कत्ल कर दिया। क्या उसका यही मज़हब था????

सऊदी अरब में एक यमन परिवार में पैदा हुए ओसामा बिन लादेन ने अफगानिस्तान पर सोवियत हमले के ख़िलाफ़ लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए 1979 में सऊदी अरब छोड़ दिया. अफगानी जेहाद को जहाँ एक ओर अमरीकी डॉलरों की ताक़त हासिल थी तो दूसरी ओर सऊदी अरब और पाकिस्तान की सरकारों का समर्थन भी था।.

सबसे आश्चर्च की बात गुफाओं में रहने-छिपनेवाला लादेन अमेरिका को एक पॉश कॉलोनी में मिला!!!!!

वह भी पाकिस्तानी मिलिट्री अकादमी से सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर!!!!

जहाँ परदेशी एक परिन्दा भी अपनी उडान नहिं भर सकता उसी ज़मीन पर एक ख़ोफ़नाक आतंकी दुनिया की नज़र से छिपकर कैसे रह सकता था भला?

या पाकिस्तान की नज़रे इनायत तो नहिं थी उस पर!!!!!

चलो ख़ेर आख़िर मारा तो गया जो इस्लाम/इंसानियत के नाम पर एक धब्बा था ।

नादान जवानों को मज़हब के नाम पर या जिहाद के नाम पर जान की बाज़ी लगाने भेजकर खुद एशो-आराम की ज़िन्दगी बसर करता था।

या कहो कि इस्लाम से /इंसानियत से ख़िलवाड कर रहा था।

जो अपने वतन (साउदी अरब) को वफ़ादार नहिं था वो भला अपने मज़हब को वफ़ादार कैसे हो सकता था?

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