प्यारे पोस्टमैन चचा
सादर डाकस्ते!
इतने दिन बीत गये किन्तु न तो आप आये न ही कोई पत्र . वो भी क्या दिन थे जब आपसे नियमित भेंट होती रहती थी. खाकी वस्त्र धारण किये हुए साइकल पर सवार हो पत्रों का झोला टाँगे आप अचानक ही प्रकट हो जाते थे और दे जाते थे खट्टी-मीठी खबरों से भरा एक पत्र. आप मात्र सादा पत्र ही नहीं बल्कि साक्षात्कार पत्र व नौकरी के नियुक्ति पत्र के रूप में हमारा भाग्य भी संग ले आते थे और कभी-२ मनी ऑर्डर द्वारा हमारी जेब भी भर जाते थे. हम सब आपकी उत्सुकता से प्रतीक्षा में आगे पढ़ें...
1 टिप्पणियाँ:
nice letter.
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