"भारतीय रेल :- सुरक्षा सें परें"
मेरा कोई लिखने का मुंड नहीं था, में एक कार्टूनिस्ट हूँ व् मेकेनिकल इंजिनियर हूँ और विश्व प्रसिद्ध कंपनी में कार्यरत हूँ लेकिन आजकल के हालात को देखते हुय मन क़ि अगन है वो पीड़ा बनकर कागजों पर उतरनी शुरु हो चुकी है I नितीश कुमार जी क़ि पहल पर भारतीय रेल पटरी पर आनी शुरू हुई थी तभी चुनाव हुय I सत्ता में आये लालू यादव को रेलवे का मंत्री बनाया गया I सारा श्रेय लालू जी ले गये लेकिन किस्मत में कुछ और लिखा था अगले चुनाव में नितीश जी बिहार के मुख्यमंत्री बन गये I बेचारा लालू जी खड़ा देखता रह गया किस्मत कहाँ किसको कब क्या दे और क्या ले ले, कुछ पता नहीं I मुख्यमंत्री ने ऐसी डबल दुलत्ती मरी बिहार क़ि जनता आज नितीश क़ि जय-जय कार कर रही है I वेसे में आपको यह बताता चलूँ व्यक्ति के नाम में भी बहुत कुछ है जेसे (एश्वर्या राय, अमर्त्य सेन, ज्योतिसुर्य, सिकंधर,) ध्यान से देखो कुछ समानता है और तीनो क़ि किस्मत एक साथ खुली, दूसरा उदाहरण (बिल गेट्स, बिन लादेन, बिल किल्न्तन) आप समझ गये होंगे, तीसरा उदाहरण (नरेन्द्र मोदी, नितीश कुमार) सो अब आपको सझ्माने क़ि जरूरत नहीं है I सत्ता बदली ममता बहन जी फिर रेल क़ि पटरी पर खडी हो गयी रेल मंत्रालय ही चाहिय I आप देख रहे हैं फिर वही पुरानी वाली रेल पटरियों पर चल रही है I जब से रेल मंत्री बनी हैं रेल दुर्घत्नायाने बढ गई हैं I अभी फ़िलहाल में अरुणिमा के साथ जो हुआ वह पुरे देश के लिए शर्मनाक है I अरुणिमा के सपने टूट ; गये भारत का एक होनहार खिलाडी शयद अब बैशाखी का सहरा लेकर चले I यहां एक बात एक बात और यद् दिलाना चाहता हूँ भारत के दो किरकेटरों ने एक - एक लाख रुपये दिए वाकई बहुत अच्छी बात हैं उनके मन में कंहीं न कंहीं कुछ रहा होगा (लोगों दुआरा क्रिकेट विश्व कप जितने पर इनामो क़ि बोछारो का विरोध करना) यहाँ एक बात लिखना बहुत जरुरी है हर डिब्बे में लिखा होता है "यात्री अपने सामान क़ि सुरछा खुद करें" अब रेलवे को प्लेटफार्म पर लिखना होगा I
"यात्री अपनी सुरछा खुद करें"
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