10:12 pm
आपका अख्तर खान अकेला
एक वायरस इंसान तो क्या ....... जी हाँ मशीन को भी ........बना देता हे यह बात फिल्म स्टार नाना पाटेकर के उस फिल्म डायलोग से सीधा समझा जा सकता हे जिसमें उन्होंने एक मच्छर आदमी को क्या बना सकता हे वोह बताया हे .
जी हाँ दोस्तों इंसान तो क्या एक बेजान सी मशीन एक विचार भी अब वायरस से सुरक्षित नहीं हे हमारे कम्प्यूटर को ही लो एक वायरस घुस गया बेचारे कम्प्यूटर के जानकारों ने तिन दिनों तक वायरस की तलाश की लेकिन वायरस था के मिलने का नाम ही नही ले रहा था सोफ्टवेयर से हार्डवेयर में प्रवेश कर गया था इधर वायरस के कम्प्यूटर में आजान से हम बेबस और परेशान थे अपने भाइयों से अपने मार्गदर्शकों से बेबाकी से मिल नहीं पा रहे थे जेसे लोग अख़बार मांग के पढ़ते हें वेसी स्थिति हमारी थी और हम गुपचुप तो कभी किसी के लेब्तोप या कम्प्यूटर से अपना दिल भला रहे थे लेकिन अपना अपना होता हे इसलियें बस अपने कम्प्यूटर के वायरस के खत्म होने तक कसमसा रहे थे और आज दोस्तों आप सभी की दुआ से मेरा यह कम्प्यूटर एक बार फिर वायरस मुक्त हो गया हे .
मेरा कम्प्यूटर तो वायरस मुक्त हो गया हे लेकिन कितने दिन ऐसा रहेगा कह नहीं सकता क्योंकि आजकल तो वायरस जी का जमाना हे मेने सोचा एक बेजान चीज़ को भी वायरस ............ बना देता हे तो फिर इंसान और इंसान की फितरत तो क्या चीज़ हे और आज ब्लोगिंग की दुनिया में जो भी लिखा जा रहा हे जो भी पढ़ा जा रहा हे शायद वोह वायरस से मुक्त तो नहीं हे सब अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग लिए चल रहे हें एक ब्लोगर दुसरे ब्लोगर से नान्राज़ हे तो एक ब्लोगर दुसरे ब्लोगर की खिल्ली उढ़ा रहा हे कुछ गिनती के ऐसे चमकते हीरे हें जो शायद गुड नाईट लगाकर साथ चलते हें इसलियें वायरस उन तक नहीं पहुंच पा रहा हे और आज ब्लोगिंग की दुनिया की कुछ हस्तिया ऐसी भी हें जो पूरी तरह से वायरस मुक्त हैं और ब्लोगिंग की दुनिया में वोह हर दिल अज़ीज़ बने हें हमारे यहाँ ब्लोगिंग की दुनिया में अच्छा लिखें वालों की कमी नहीं हे लेकिन अच्छा पढने वाले अच्छा देखने वालों की शायद कमी होती जा रही हे और अब इस वायरस को ढूंढ़ कर हमे सबको मरना होगा और भाईचारे सद्भावना के वायरस से इस ब्लोगिंग की दुनिया को महकाना होगा चमकाना होगा और रंगों की इस होली के त्यौहार को खुबसुरत रंगीन बनाने के लियें खतरनाक वायरसों से खुद को बचाने के लियें अब खुद के दिमाग में एंटी वायरस डलवाना होगा क्या हम ऐसा कर सकेंगे अगर हां तो भैया मेने तो एंटी वायरस डलवा लिया हे मेरे ब्लॉग गुरुओं के तो पहले से ही एंटी वायरस दल हे और जो साथी हें जो टिप्पणीकार जो फोलोव्र्स हें ज़ाहिर हे उनके भी एंटीवायरस दला ही होगा इसलियें भाइयों एंटी वायरस जन्दाबाद करने की शुरुआत हो गयी हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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1 टिप्पणियाँ:
अब इस वायरस को ढूंढ़ कर हमे सबको मरना होगा और भाईचारे सद्भावना के वायरस से इस ब्लोगिंग की दुनिया को महकाना होगा. चमकाना होगा और रंगों की इस होली के त्यौहार को खुबसुरत रंगीन बनाने के लिए खतरनाक वायरसों से खुद को बचाने के लिए अब खुद के दिमाग में एंटी वायरस डलवाना होगा. क्या हम ऐसा कर सकेंगे?
श्रीमान जी, आपने सही कहा है जैसे-हमें रोटी स्वंय खानी होती हैं, ठीक उसी प्रकार से वायरस को मारने के लिए हमें ही आगे आना होगा.
दोस्तों! अच्छा मत मानो कल होली है.आप सभी पाठकों/ब्लागरों को रंगों की फुहार, रंगों का त्यौहार ! भाईचारे का प्रतीक होली की शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार की ओर से हार्दिक शुभमानाओं के साथ ही बहुत-बहुत बधाई!
आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं
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