आन्ध्र प्रदेश का दो भागों अथवा तीन भागों में विभाजन करना ही क्या समस्या का हल है? तेलंगाना राज्य की समस्या कहीं राजनीतिक बेरोजगारों द्वारा स्वयं को रोजगार उपलब्ध करवाने का एक प्रयत्न मात्र तो नहीं? हम अल्प विकास के नाम पर बिहार को दो भागों में विभाजित कर झारखंड का निर्माण देख चुके हैं। किन्तु झारखंड को घोटालों अथवा अव्यवस्था के सिवा भला क्या हासिल हुआ?
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