कोटा के वकीलों के साथ सरकार का एक और धोखा
कोटा के वकील पिछले कई वर्षों से आन्दोलन कर रहे हें और इस आन्दोलन में वरदा के दोरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने २७ नोव्म्बर २००९ को कोटा में राजस्व मंडल की डबल बेंच स्थापित करने , कोटा के वकीलों को प्लाट देने , कोटा में उपभोक्ता फ़ोरम की सर्किट बेंच स्थापित करने का वायदा किया था किन्तु एक वर्ष का समय गुजरने पर भी जब मुख्यमंत्री ने वायदा पूरा नहीं किया तो वकील सडकों पर आ गये वकीलों की उग्रता देख कर सरकार ने आनन फानन में कोटा में राज्य उपभोक्ता सर्किट बेंच खोलने के निर्देश जारी किये और खुद सरकार के प्रवक्ता ने मिडिया से सम्पर्क कर बयान जारी किये के २४ दिसम्बर को कोटा में हर हाल में बेंच खोलने की घोषणा की गयी लेकिन पिछले दिनों कोटा के वकीलों में सरकार कोंग्रेस और भाजपा के नाम पर फुट डलवाने में कामयाब हो गयी और बस वकीलों की ताकत कम देख कर सरकार के होसले बुलंद हुए २२ दिसम्बर को सरकारी बयान आया के मंत्री शांति धारीवाल कोटा नहीं आ पायेंगे इसलियें सादे समारोह में कोटा में सर्किट बेंच की स्थापना होगी राज्य उपभोक्ता बेंच के चेयरमेन जस्टिस अशोक परिहार भी इस आयोजन में रहेंगे लेकिन आज अचानक सरकार ने इस कार्यक्रम को गुर्जर आन्दोलन का बहाना बना कर स्थगित कर दिया हे दर असल सरकार अब यह आयोजन राजनीती से प्रेरित होकर कर रही हे और अब जनवरी में नई कार्यकारिणी के समक्ष यह आयोजन होगा लेकिन सरकार ने एक बार फिर कोटा के वकीलों को अंगूठा दिखा दिया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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