आज भी सुबह से ही निडाना के आसमान में चारों ओर बादलों की चौधर है। चौधरियों के इसी आसमान में लोपा मक्खियाँ (ड्रैगन फलाईज्) भी जमीन के साथ-साथी नीची उड़ान भर रही हैँ। निडाना की महिला किसान इसका सीधा सा मतलब निकालती हैं कि भारी बरसात होने वाली है। मौसम की इस तुनक मिजाजी के मध्य ही आज निडाना की महिला खेत पाठशाला का सातवाँ सत्र शुरु होने जा रहा है। इस महिला खेत पाठशाला के मैदानी सच को जानने, इसकी बारिकियों को समझने व इसकी कवरिंग के लिये, हरियाणा न्यूज चैनल के रिपोर्टर, श्री सुनील मोंगा भी अपनी टीम के
महिला खेत पाठशाला के इस सातवें सत्र के अन्त में कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेन्द्र दलाल ने उपस्थित महिला किसानों को बताया कि कपास की भरपूर फसल लेने के लिए किसान का जागरूकहोना अति आवश्यक है। उन्हें एक तरफ तो अपनी फसल को खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए व दूसरीतरफ हानिकारक कीटों व लाभदायक कीटों की पहचान कर कीटनाशक के स्प्रे करने का सही समय पर सही फैसला लेना चाहिए। किसानों को जानकारी होनी चाहिए कि बहुत सारे खरपतवार हानिकारक कीटों के लिये वैकल्पिक आश्रयदाता का काम करते हैं और इन खरपतवारों पर पल रहे शाकाहारी कीटों की आबादी पर मांसाहारी कीटों का फलना-फुलना निर्भऱ करता है। अगर फसल में दोनों तरह के कीट साथ-साथ आते हैं तो हमारी फसल में कीटों का नुक्शान नही होगा। अतः सड़कों, कच्चे रास्तों, नालों, खालों, मेंढों आदि पर उग रहे कांग्रेस घास, आवारा सूरजमुखी, उल्ट कांड, धतूरा, कचरी, भम्भोले आदि खरपतवारों को आँख मिच कर नष्ट नही करना चाहिए। बल्कि इन पौधों पर दोनों तरह के कीटों की वास्तविक स्थिति का जायजा लेकर ही इस बारे में कोई ठोस फैसला लेना चाहिये। डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को बताया कि कपास की फसल सम्मेत तमाम खरपतवारों पर इस समय मिलीबग के साथ-साथ इसकोखत्म करने वाले अंगीरा, फंगीरा व जंगीरा नामक परजीवी भी बहुतायत में मौजूदहैं। इनमें से अंगीरा नामक परजीवी तो अकेले ही 80-90 प्रतिशत तक मिलीबग कोनष्ट कर देता है।
डा. सुरेन्द्र दलाल ने महिलाओं को याद दिलायाकिफसलमेंमित्रकीटभीदुश्मनकीटोंकोअपनाभोजनबनाकरकीटनाशकोंवालाहीकामकरतेहैं।इसलिएफसलपरकीटनाशककाछिड़काव करने का फैसला लेने से पहले फसल का निरीक्षण करना, हानिकारक कीटों व मित्र कीटोंकी संख्या नोट करना व सही विशलेषण करना अति जरूरी है।
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