हमारे जीवन में 'नाम' का बड़ा महत्व होता है नाम से ही हमारी पहचान होती है। नाम रखने की विधि को हमारे यहां संस्कार का दर्जा दिया गया है जिसमें जातक के जन्म नक्षत्र पर आधारित नाम रखने का चलन है। कभी-कभी यह भी देखने में आता है कि किसी जातक का नाम तो बड़ा अच्छा है, परंतु फिर भी सफलता उससे कोसों दूर होती है ऐसे में अंक ज्योतिष द्वारा उसके नाम में थोड़ा सा परिवर्तन करके उपयोग में लाने से लाभ प्राप्त होता है।
वैसे तो नाम के अंकों (नामांकों) को घटा बढ़ाकर लिखने से सही व उपयुक्त नाम रखा जा सकता है। परंतु इस विधि से नाम रखने पर भी अधिक लाभ नहीं मिलता कारण मूलांक व भाग्यांक का नामांक से मेल न रखना। यदि किसी जातक के नामांक का ग्रह उसके मूलांक, भाग्यांक का शत्रु होता है तो उसके नाम को बदलना चाहिए। नाम के आगे अथवा पीछे कुछ अक्षरों को जोड़ घटाकर नामांक को उसके भाग्यांक/मूलांक के साथ समायोजित कर लाभकारी बनाया जा सकता है।स्पष्ट है कि कुछ अंक किसी निश्चित अंक के मित्र व कुछ शत्रु होते हैं। यदि नामांक, भाग्यांक व मूलांक के शत्रु अंक का होगा तो सफलता नहीं मिलेगी इसलिए नामांक का मूलांक व भाग्यांक से समायोजन होना जरूरी है।
मूलांक-
किसी भी जातक की जन्मतिथि का योग मूलांक कहलाता है जैसे १४, ५, २३ तारीखों को जन्मे जातकों का मूलांक ५ कहलाएगा।भाग्यांक-
जन्म की तिथि, माह व वर्ष का योग भाग्यांक होता है जैसे 01 जनवरी १९८२ का भाग्यांक १+१+१+९+८+२=२२ =४ होगा।शुभ नाम चयन हेतु उदारण देखें-
किसी जातक का नाम Mahendra Singh व उसकी जन्मतिथि ११/०१/१९८० है। जातक का मूलांक = ११ = १+१ = २ है। जातक का भाग्यांक = ११/०१/१९०८ = १+१+१+१+९+८+० = २१ = ३ जातक का नामांक- M A H E N D R A S I N G H 4 1 5 5 5 4 2 1 + 3 1 5 3 5 = 27 + 17 = 44 = 8 अतः जातक का संबंध २, ३ व ८ अंकों से है चूंकि नामांक (८) २ व ३ का मित्र अंक नहीं है इसलिए जातक को इस नाम में कुछ फेर बदल करना पड़ेगा (क्योंकि मूलांक व भाग्यांक तो बदले नहीं जा सकते)।यदि जातक अपना नाम केवल Mahendra कर ले जिससे नामांक २७ =९ हो जाएगा तो उसे लाभ होने लगेगा कारण अंक ९ मूलांक व भाग्यांक दोनों का मित्र है जिससे उसे हर काम में आसानी व अपेक्षित लाभ होने लगेगा।
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