सिरसा: गुजरात के कांडला घाट से वॉयलर लेकर बठिंडा के श्री गुरू गोबिंद सिंह रिफायनरी के लिए रवाना हुआ विशालकाय तीन ट्रालें आज 3 महीने 20 दिन का सफर तय करने के पश्चात सिरसा पहुंच गया। दिल्ली पूल पर इस विशालकाय ट्राले को देखने के लिए सिरसा वासी उमड़ पड़े। इस ट्राले के साथ चल रहे हाईड्रोलिक इंजीनियर शंकर दूदूथी ने बताया कि यह विशाल ट्राला गुजरात के कांडला घाट से बठिंडा के लिए रवाना हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ट्राले में 250 से 300 के करीब टायर लगे हुए हैं वहीं इस ट्राले को खीचने के लिए वोल्वों कम्पनी के दो शक्तिशाली इंजन लगे हुए हैं तथा साथ ही प्रत्येक ट्राले की देखरेख के लिए 50 से अधिक कर्मचारी जुटे हुए हैं। शंकर ने बताया कि प्रत्येक दिन वे 10 से 15 किलो मीटर का सफर तय करते हैं और इतने सफर के बाद टायरों का रखरखाव और अन्य पुर्जों की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि गुजरात से बठिंडा तक का 17 सौ किलो मीटर का सफर उन्हें तय करना है। जबकि सिरसा तक उन्होंने 15 सौ किलो मीटर का सफर तय कर लिया है। जब उनसे पूछा गया कि रास्तें में उन्हें किन दिक्कतों का सामना करना पडा तो उन्होंने बताया कि आंधी बारिश के इलावा शहरों में नीचे लगी बिजली की तारों के कारण उन्हें काफी परेशानी झेलनी पडती है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वे मध्य प्रदेश के जिला वीणा, उत्तर प्रदेश के मथुरा, हरियाणा के पानीपत के बाद अब बठिंडा के लिए ये वायलर सप्लाई करने जा रहे हैं। 30 फुट ऊंचाई व 137 फुट लम्बाई वाले ये तीन ट्राले शहर के लोगों के लिए चर्चा का विषय जरूर बने हुए हैं।
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