अबोहर में 21 राजपुताना राईफल्स में तैनात अलीगढ निवासी कुलदीप को बुलंदशहर पुलिस ने एनकाउन्टर में मार गिराने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार इंडिका कार को दो लोगों ने मथुरा जंक्शन से दाउजी के लिए बुक करायी थी सादाबाग पहुँचने पर कार के ड्राईवर भगवान सिंह को खुर्जा में उतार कर कार लूट ली थी। कुलदीप फौजी का अपराधिक इतिहास नहीं है। घटना से सम्बंधित तथ्यों को देखने से पता चलता है कि कुलदीप फौजी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अन्य एन्काउंटरों की तरह पकड़ कर हत्या कर दी है। कुलदीप के परिवार वालों को अखबार से कुलदीप के एनकाउन्टर में मारे जाने की सूचना मिली। कभी भी वारदात के समय अगर पुलिस दल पहले से मौजूद नहीं है तो एनकाउन्टर संभव नहीं होता है। एनकाउन्टर एक ऐसा ड्रामा है कि जिसमें सम्बंधित व्यक्ति को पकड़ कर गोली मार दी जाती है गोली मारने से पूर्व सम्बंधित उच्च अधिकारियो को विश्वास में ले लिया जाता है और मीडिया मैनेजमेंट के तहत पुलिस अपनी बहादुरी का गुणगान करने के लिए उनको अपने पक्ष में रखती है और जब सेना के सिपाहियों का एन्काउन्टर होने लगेगा तो प्रदेश के नागरिको के बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा। व्यवस्था के तहत उसी व्यवस्था का दुरपयोग हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह की वारदातें प्रकाश में आ रही है। इस एन्काउन्टर के व्यापक जांच की आवश्यकता है जिससे यह मालूम हो सके कि वह फौजी सही था या उत्तर प्रदेश की पुलिस ?
1 टिप्पणियाँ:
kisko galat kahe bhai, idhar kuya udhar khai.narayan narayan
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