मै कोई शायर नहीं और न ही मै कोई लेखक हूँ। भारी-भरकम शब्दों का प्रयोग कर अपने पांडित्य का लोहा मनवाने की कोई आवश्यकता नहीं समझता। मै सीधा-सरल व्यक्ति हूँ, पक्का मुसलमान और कट्टर राष्ट्रवादी हूँ। अकबर खान मेरा नाम है।
कुछ बरसों तक प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में काम किया तथा खूब वाहवाही बटोरी। परन्तु इसी दौरान मैंने अपनी भारतीय समाज रूपी फसल में विभिन्न प्रकार के कीड़े एवं कबाड़ देखा, जिसे समाप्त करना अति आवश्यक है।
आखिर आज हम अपने ही देश में आतंकित क्यों है? आतंकवाद से, भ्रष्टाचार से, लापरवाही से, अनियमितता से, अनुशासनहीनता से तथा ................से, ...................से और .......................से दरअसल समानार्थक से दिखने वाले यें शब्द हमारे समाज की विभिन्न बिमारियों की ओर इंगित करते हैं।
आज सबसे पहले आतंकवाद से सम्बन्धित एक अति संवेदनशील रग को छेड़ते हैं। इस दर्द से जूझने वाले भली-भांति समझ सकते हैं कि मेरा मकसद तो केवल राहत है. हालाँकि इस रग को छेड़ने से थोडा या बहुत दर्द तो अवश्यम्भावी है। इस बात के लिए मै क्षमा का याचक हूँ।
उस आतंकवाद की बात करेंगे, जो देश के अन्दर इसी देश के लोगों द्वारा फैलाया जाता है। जैसा की मैंने शुरू में ही कहा था कि मै एक सीधा और सरल व्यक्ति हूँ। इसलिए बात भी सीधी ही करता हूँ।
तो क्या आपकी राय में इस देश में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों में मुसलमानों का ही हाथ होता है? अगर हाँ, तो आखिर ऐसा क्यों हैं? आपकी निष्पक्ष एवं ईमानदार राय(टिप्पणियों) के बाद आगे की बात ........................
5 टिप्पणियाँ:
nbhhjn
No one is born as terrorist.Don't u think these terrorists also want to have a family,good cars and peaceful life.What forced Laden to live in hideouts for years.To me it Modi,s sitting in our hearts that produce Kasabs.Who ,otherwise, would like to sacrifice their lives.You know when they attack they are sure they will die and a dying man is always true.The Hindus say all our problems are due to Muslims. But it is not so.The 80% chunk of population is made of Hindus.The government machinery is under their control.The rampant corruption,exploitation,indiscipline are due to Hindus not Muslims.When America butchered lac's of people in Iraq no body called him terrorist but when Laden killed thousand in USA he was called a terrorist.Same is true in India
आतंकवाद से जूझने के लिए एकमत हो कर रास्ट्रीय संकल्प की आव्शयकता है. लेकिन भारत में इस मुद्दे पर भी धर्म के नाम पर राजनीती हो रही है.
bhai aap kisne keh diya ki atnkwadi sir mushal maan hi hote hai ......kya ..lite musalmaan hai ................atnakwaad ka dram se koi lena dena nahi hai
भाई आपने कहा...
"मै सीधा-सरल व्यक्ति हूँ, पक्का मुसलमान और कट्टर राष्ट्रवादी हूँ"
...आपको आतंकित होने होने की कतई आवश्यकता नहीं है. अपने उसूलों पर कायम रहे और राष्ट्रहित में सद्भावना बनाए रखें.
"उस आतंकवाद की बात करेंगे, जो देश के अन्दर इसी देश के लोगों द्वारा फैलाया जाता है।"
बिलकुल कुछ लोग पैसे के लालच में (इसमें किसी भी धर्म के लोग हो सकते हैं), कुछ भारतीय मुसलमान विदेश भ्रमण के लालच में, खाड़ी देशों में अपना भविष्य या सरहद पार के मुसलमानों (वे जिनका उद्देश्य आतंकवाद फैलाना है) उनसे हमदर्दी रखते हैं. नतीजा बाहर के घुसपैठियों को अपने नापाक इरादों को कामयाब करने में सहूलियत होती है. वर्ना क्या मजाल है हमारे चाक चौबंद सुरक्षा दस्ते से वे जीत जाये. बम्ब धमाकों के बाद नुक्सान सिर्फ भोले भाले जनता का होता है. सियासतदानो को तो सिर्फ वोट बैंक के लिए रोटियां सेकने से मतलब रहता है. हमारी जिम्मेदारी बस इतनी बनती है की हम अपने घर और पड़ोस को साफ़ सुथरा रखें.
नाहक ही हमलोग हिन्दू मुस्लिम बोल बोलकर भाईचारे को ठेस पहुंचाते है. अपना तो एक ही उसूल है - राष्ट्र जागरण धर्म हमारा. हमारी संस्कृति जिन्दा रहेगी तो ही दुनिया में हमारा नाम रहेगा.
एक टिप्पणी भेजें