-डा० डंडा लखनवी
कैसे होती है घटतौली ?
लखनऊ के पेट्रोल पंपों पर जब आप अपने वाहन में पेट्रोल भराने जाएंगे तो हर फिलिंग प्वाइंट आपको दो कर्मचारी मिलेंगे। इसमें से एक कर्मचारी वाहन में पेट्रोल भरेगा और दूसरा कर्मचारी रकम वसूलेगा। यही दोनों कर्मचारियों की मिली जुली साजिस के कारण जितनी कीमत आप चुकाएगे उतनी कीमत का पेट्रोल आपको नहीं मिलेगा। आपको पता भी नहीं चल पाएगा आप ठगे जा चुके हैं। जब यह सब पता चलेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
होता यह है कि पिट्रोल-पंप पहुँचने पर कर्मचारी कितना पेटोल भरा जाय यह आपसे पूछेगा। आप उसे वाहन में भरने हेतु पेटोल की मा़त्रा बताएंगे। इसके बाद वह आपसे मीटर का शून्य देखने को कहेगा। आप मीटर पर शून्य देखेंगे और ओ0के0 कहेंगे। अब वह पेटोल भरना शुरू कर देगा। अभी आपके वाहन में पूरी कीमत का पेटोल भर नहीं पाया है। आप मीटर की ओर देख रहे हैं। इस बीच दोनों कर्मचारियों में से कोई एक ऐसी बात कहेगा जिससे आपका ध्यान मीटर की ओर से हट जाएगा। इधर आपका ध्यान मीटर से हटा उधर रकम वसूलने वाले वाले कर्मचारी ने सप्लाई आफ की और मीटर जीरो पर पुनः आ गया। आप सोचेंगे कि पूरी मात्रा में पेटोल भरे जाने के बाद जीरो हुआ है परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता है। आप घटतौली के शिकार हो चुके होतें हैं। पेटोल पंपों पर ऐसी ठगी शाम-सुबह जब भीड़ का दबाव अधिक होता है, ज्याद होती है। इस ठगी से बचने का उपाय यह है कि आप जितनी कीमत का पेट्रोल लेना हो उतनी कीमत मीटर में फीड करा कर पेट्रोल भराएं।
पिछले कई महीनों से मैं इस ठगी का शिकार हो रहा था। कई पेट्रोल पंपों पर कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा और पूरी कीमत का पूरा माल लिया। उपभोक्ता गण सावधान! कहीं आप भी तो ऐसी ठगी के शिकार तो नहीं हो रहे हैं ?
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