2012 के दिसंबर में होने वाले प्रलय के भयानक रूप में प्रचार के बाद मेरे पास कुछ पाठकों के मेल आए। उन्हीं का जबाब देने के क्रम में और 21 दिसंबर 2012 के ग्रह स्थिति की जांच पडताल करने के क्रम में कुछ प्राकृतिक आपदाओं की तिथियों पर मेरा ध्यान आकृष्ट हुआ। संयोग था कि पूरे दिसंबर मेरे गुरू और पिताजी मेरे साथ रहे, इससे ग्रहों के स्वभाव को जानने में मुझे बहुत मदद मिली। प्राकृतिक आपदाओं के अध्ययन के इसी क्रम में मेरा ध्यान 13 से 16 जनवरी की भयावह स्थिति पर गया , तो मैने तुरंत एक पोस्ट डाल दी। इस पोस्ट पर पाठकों द्वारा बहुत विरोध भी दर्ज किया गया , क्यूंकि लोगों के दिमाग में पूर्वाग्रह है कि ग्रहों का पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं पडता है और मैं प्रतिदिन आनेवाली भूकम्प की घटना को ग्रहों का प्रभाव सिद्ध करने की बेमतलब कोशिश कर रही हूं। पर इस भूकम्प ने मेरा साथ देकर ग्रहों के पृथ्वी पर पडनेवाले प्रभाव को तो साबित कर ही दिया है।
जब से ज्योतिष के क्षेत्र में आयी हूं , मेरा सबसे अधिक शौक तिथि के साथ भविष्यवाणी करके ग्रहों के प्रभाव को साबित करना रहा है। प्रारंभ में इसकी सत्यता का प्रतिशत कुछ कम अवश्य होता था , पर क्रमश: बढते हुए आज सत्यता के बहुत करीब पहुंच चुका है। इस पूरी यात्रा में गलत हुई भविष्यवाणियों ने मुझे जितना तनाव नहीं दिया , उतनी खुशी मेरी सटीक भविष्यवाणियों से हुई है। पर कभी कभार पहले से ही भयावह दिखने वाली मेरी सटीक भविष्यवाणियां , चाहे वो व्यक्तिगत हो या सामूहिक , मुझे काफी कष्ट पहुंचा जाती है, वैसे ही दिनों के लिस्ट में आज का दिन भी जुड गया है। सुबह पाबला जी और समीर लाल जी के द्वारा हैती में 7 रिक्टर से अधिक की एक भयावह भूकम्प की खबर से मेरी भविष्यवाणी सही होने की सारी खुशी जाती रही। इससे आगे पढने के लिए यहां क्लिक करें ।
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