सिरसा: देश में ऊर्जा की मांग व उपलब्धता के अंतर को कम करने के लिए ऊर्जा संरक्षण एक सस्ता व आसान तरीका है, जिससे देश की आर्थिक उन्नति संभव है। ऊर्जा संरक्षण एक सशक्त आंदोलन है और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह इस आंदोलन में भाग लेकर ऊर्जा बचत के अभियान को कामयाब बनाने में अपना सहयोग दे। उक्त उद्गार दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री टी. के धींगड़ा ने आज तीन दिवसीय मेले के समापन अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन प्राकृतिक संसाधानों का कम होना तथा ऊर्जा की मांग में अत्याधिक वृद्धि होने के कारण ऊर्जा की बचत करना बहुत ही जरुरी है। उन्होंने कहा कि घरों में 100 वाट के बल्ब की बजाय 25 वाट की सीएफएल प्रयोग में लाकर 75 वाट या 75 प्रतिशत बिजली की बचत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि फैक्ट्रीयों में 13 वाट, 40 वाट, 200 वाट के बल्ब/ ट्यूब लाईट के स्थान पर 9 वाट, 36 वाट, 160 वाट की सीएफएल ट्यूब प्रयोग में लाकर 10 से 30 प्रतिशत तक बिजली बचाई जा सकती है। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्रों में 250 वाट व 400 वाट की मर्करी वेपर लाईट की बजाय 150 व 250 वाट की सोडियम वेपर लाईट प्रयोग में लाकर 35 प्रतिशत बिजली की बचत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बिजली की खपत के साथ-साथ सौर ऊर्जा का प्रयोग करके भी बिजली की बचत की जा सकती है। आज के आधूनिक युग में सौर ऊर्जा का बहुत ही महत्व है। उन्होंने बताया कि गीजर के बदले सोलर वाटर हीटर का उपयोग करके प्रतिवर्ष 1500 यूनिट बिजली से 5500 रूपये तक की बचत की जा सकती है। समापन समारोह के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण व सौर ऊर्जा के तौर-तरीको से आमजन को अवगत करवाने हेतु क्षेत्रीय तथा राजस्थान की टीमों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा विभिन्न प्रकार की भाषण, डाईंग, सलोग्र, लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर मुख्य अभियंता आर.के सहगल, आर.के जैन, आर.के सोडा, आर.के वर्मा, एसडीओ ओ.पी बिश्रोई, मदन लाल, ज्योति प्रकाश गुप्ता, गुलशन वधवा, शिवराज सिंह, ओ.पी भारद्वाज, भागीरथ, विकास ठुकराल, संदीप गोदारा, डी.आर वर्मा, सुखबीर सिंह कंबोज, के.एल लांबा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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