सिरसा: मंदी की मार से अमरीका में बसे भारतीय मूल के लोग अन्य समुदायों के मुकाबले काफी कम प्रभावित हुए। इसकी वजह यह है कि वे अधिकांशत: प्रोद्यौगिकी क्षेत्र में काम करते हैं और मंदी का सर्वाधिक झटका बैंकिंग,रियल एस्टेट व ऑटोमोबाइल उद्योग को लगा है। यह कहना है अमरीका की सिलिकॉन वैली में बसे हरियाणवी मूल के युवा उद्यमी और गुप्ताकॉम टेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश गुप्ता का। रमेश गुप्ता चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर में आयोजित एक वेबीनॉर को संबोंधित कर रहे थे। सामुदायिक रेडियो की कार्यक्रम श्रंखला वेबवार्ता के तहत पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस वेबीनॉर की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान ने की। वेबकांफ्रेंसिंग की मदद से सात समंदर पार से मीडिया सेंटर में बैठे विद्यार्थियों शिक्षकों से रूबरू हुए गुप्ता ने मंदी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर क हा कि अमरीका और पश्चिमी जगत में मंदी का सिलसिला अभी थमा नहीं है और यह कब तक थमेगा इस पर जानकार एकमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंदी से अमरीकी मीडिया भी अछूता नहीं रहा और मीडिया में भी बहुत लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ीं। तत्कालीन रीजिनल इंजीनियरिंग कॉलेज कुरूक्षेत्र से इंजीनियरिंग की उपाधि व बंगलौर स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंसिज से स्नातकोत्तर उपाधि पाने के बाद पिछले करीब बारह साल से सिलिकॉन वैली में कार्यरत रमेश गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमरीकी समाज अपनी समस्याओं व चुनौतियों के प्रति अधिक सजग व संजीदा है। अमरीका के लोग हमारे लोगों की तुलना में अपेक्षकृत अधिक उद्यमशील हैं । अमरीकी लोग जोखिम उठाने से नहीं डरते हैं। इसे उनकी तरक्की की एक ठोस वजह माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमरीका समेत पूरे पश्चिमी विश्व के लिए भारत की परिवार व्यवस्था अपने आप में एक अजूबा है और भारत के लोगों को अपनी इस श्रेष्ठता को बरकरार करने के लिए पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। इसी प्रकार गुप्ता भारत के उज्जवल अतीत को भारत की अहम धरोहर मानते हैं और कहते हैं कि उसमें से भी भविष्य के आकाश में ऊंची उड़ान के लिए उर्जा के स्रोत तलाशे जाने चाहिएं। विद्यार्थियों के सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि कंप्यूटर प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में कार्यरत उनकी कंपनी भारत और चीन समेत उदीयमान बाजारों पर फोकस कर काम कर रही है। भारत के प्रति आम अमरीकियों के नजरिए के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि लगभग समूची दुनिया अब यह मान रही है भारत एक महाशक्ति बन चुका है और देश का भविष्य अत्यंत उज्जवल है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिहाज से देखें तो आने वाले समय में अमरीका के बजाय भारत सरीखे देशों में ही तीव्र आर्थिक विकास की क्षमता और संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी को सकारात्मक सोच के साथ स्वयं को आगे बढ़ाना चाहिए। भारतीय प्रतिभाओं के विदेश पलायन के ठीक विपरीत अब रिवर्स ब्रेन ड्रेन की वास्तविकता को स्वीकार करते हुए गुप्ता ने कहा कि बड़ी संख्या मे सक्षम और समर्पित भारतवंशी दूसरे देशों में कामयाबी का झंडा गाडऩे के बाद स्वदेश लौट रहे हैं। यह एक सुखद संकेत है। पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को रमेश गुप्ता सरीखे उद्यमियों से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे और जीवन में कुछ ठोस लक्ष्य बनाकर कार्य करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि वेबवार्ता श्रंखला के तहत विद्यार्थियों व रेडियो श्रोताओं को निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान अर्जित करने वाली विभूतियों से रूबरू कराया जाएगा। कार्यक्रम में अतिथि प्राध्यापक विजेता चिलाना के अलावा विद्यार्थियों सुमित विर्क, पवन राठौर, श्रेयसी छत्रपति,उमा चौधरी, सुरजीत नेहरा, मुकुल मोंगा व रामनाथ ने भी आमंत्रित विशेषज्ञ से सवाल पूछे।
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