सिरसा: प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सस्ती दर पर जिंक सल्फेट उपलब्ध करवाई जा रही है। अधिक से अधिक किसानों को लाभांवित करने के लिए सभी किसानों को जिंक सल्फेट की खरीददारी पर 500 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। इस आशय की जानकारी हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक जितेंद्र कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि उपजाऊ कृषि भूमि में जिंक की 21 प्रतिशत मात्रा और सल्फर की 12 प्रतिशत मात्रा होनी जरुरी है और जिंक सल्फेट कृषि उपयोगी भूमि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। उन्होंने बताया कि जिंक सल्फेट के इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ौतरी होती है साथ ही किसानों को आर्थिक लाभ भी मिलता है। जिंक सल्फेट का इस्तेमाल करने पर किसान को 800 से 1000 रुपए तक प्रति एकड़ की बचत होती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जिंक सल्फेट की महत्ता को ध्यान में रखते हुए जिंक सल्फेट पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिंक सल्फेट का 10 किलो के बैग जिसका बाजार मूल्य 223 रुपए है और वह बैग 111 रुपए 50 पैसे में किसानों को भूमि सुधार एवं विकास निगम के बिक्री केंद्रों पर मुहैया करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को 40 किलोग्राम जिंक सल्फेट पर अनुदान दिया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसान लाभ ले सके। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने बिजाई के समय जिंक सल्फेट का इस्तेमाल नहीं किया है वह किसान अब पहली सिंचाई से पहले जिंक सल्फेट का खेतों में बिखराव कर सकते है। प्रति एकड़ 10 किलो जिंक सल्फेट मिट्टी में मिलाकर खेतों में बिखराव करने से कृषि भूमि में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है जिसके फलस्वरुप फसलों के उत्पादन में वृद्धि भी होती है।
उन्होंने बताया कि उपजाऊ कृषि भूमि में जिंक की 21 प्रतिशत मात्रा और सल्फर की 12 प्रतिशत मात्रा होनी जरुरी है और जिंक सल्फेट कृषि उपयोगी भूमि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। उन्होंने बताया कि जिंक सल्फेट के इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ौतरी होती है साथ ही किसानों को आर्थिक लाभ भी मिलता है। जिंक सल्फेट का इस्तेमाल करने पर किसान को 800 से 1000 रुपए तक प्रति एकड़ की बचत होती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जिंक सल्फेट की महत्ता को ध्यान में रखते हुए जिंक सल्फेट पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिंक सल्फेट का 10 किलो के बैग जिसका बाजार मूल्य 223 रुपए है और वह बैग 111 रुपए 50 पैसे में किसानों को भूमि सुधार एवं विकास निगम के बिक्री केंद्रों पर मुहैया करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को 40 किलोग्राम जिंक सल्फेट पर अनुदान दिया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसान लाभ ले सके। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने बिजाई के समय जिंक सल्फेट का इस्तेमाल नहीं किया है वह किसान अब पहली सिंचाई से पहले जिंक सल्फेट का खेतों में बिखराव कर सकते है। प्रति एकड़ 10 किलो जिंक सल्फेट मिट्टी में मिलाकर खेतों में बिखराव करने से कृषि भूमि में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है जिसके फलस्वरुप फसलों के उत्पादन में वृद्धि भी होती है।
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