जींद, २९ दिसंबर
कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं होता। एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है गांव खूंगा निवासी करण सिंह सैनी तथा उसके साथियों ने। पंचकूला में लोक कला परिष्द द्वारा आयोजित समूह नृत्य में करण सिंह सैनी तथा उसकेसाथियों ने प्रदेशभर में प्रथम स्थान प्राप्प्त कर एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार तथा ट्राफी जीती है। एक लाख रुपये का चैक तथा ट्राफी को हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने विजेता टीम को सौंप कर समानित किया। कर्ण सैनी के मंगलवार को गृह जिले जींद में पहुंचने पर कला प्रेमियों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। साधारण किसान परिवार में जन्मे कर्ण सैनी बचपन से ही प्रतिभा के धनी रहे हैं। हिंदी तथा पत्रकारिता में एमए करण सैनी ने न केवल छात्र जीवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिक्षण संस्थान तथा जिले का नाम रोशन करता रहा है। निर्देशन तथा लेखन में भी करण सैनी ने अच्छा नाम कमाया है। लोक कला परिष्द हरियाणा द्वारा पंचकूला स्थित इंद्रधनुष् आडिटोरियम में तीन दिवसीय समूह नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें करण सैनी तथा उसकी टीम ने भाग लिया था। २७ दिसंबर को अंतिम दौर में करण सैनी तथा उसकी टीम ने हरियाणवी लोकगीत मत छेड़ बलम मेरे चुनड़ ने हो जाओगी तकरार जले पर नृत्य कर दर्शकों तथा निर्णायक मंडल को अमिट छाप छोड़ते पर प्रतियोगिता को जीत लिया। कार्यक्रम के मुチयअतिथि हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने करण सैनी तथा उसकी टीम को एक लाख रुपये का चैक और ट्राफी देकर पुरस्कृत किया। इसके अलावा करण सैनी की एलबम गाबरू तथा मस्त मलंगा भोला भाला ने भी खूब शोहरत बटोरी है। रंगमंच कर्मी प्रोफेसर रोशनलाल श्योराण ने कहा कि करण सैनी ने नृत्य, गायन, लेखन, मॉडलिंग के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी है। करण सैनी तथा उसकी टीम की उपलधि पर पूरे जिले को गर्व है।
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