चंडीगढ़: इनेलो ने हुड्डा सरकार को प्रदेश में गभीर वित्तिय संकट व खराब आर्थिक हालत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार से इस मामले में तुरन्त श्वेतपत्र जारी किए जाने की मांग की है। इनेलो ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन व भत्तों का बकाया राशि का सरकार द्वारा भुगतान करने में की जा रही आनाकानी की भी कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए सरकार से अपने वायदे अनुसार कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किए जाने की मांग की है। इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुड्डा सरकार की गलत नीतियों व सरकारी भ्रष्टाचार के कारण आज प्रदेश की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है और सरकार रोजमर्रा का कामकाज चलाने के लिए भी कर्जा ले रही है। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि 2005 में जब इनेलो ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी उस समय प्रदेश के खजाने में 1750 करोड़ रुपए सरप्लस राशि थी। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश पर 13 हजार करोड़ का अतिरिक्त कर्जा हो गया है। सरकार ने अभी एक दिन पहले ही एक हजार करोड़ का कर्जा लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते समय सरकार ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों की वेतन व भत्तों की बकाया 60 फीसदी राशि 2009-10 के दौरान एकमुश्त अदा कर दी जाएगी। इनेलो नेता ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के नौ महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अब एक तरफ जहां कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि एकमुश्त देने की बजाय अगले दो सालों के दौरान दो किस्तों में दिए जाने की बात कही जा रही है वहीं सरकार का कामकाज चलाने के लिए बैंकों से कर्जा लेने के अलावा सरकारी स पत्तियों को बेचने की भी योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों को बकाया राशि की तीस फीसदी रकम फरवरी 2010 और बाकी 30 फीसदी रकम फरवरी 2011 में दिए जाने की बात कही जा रही है। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि ऐसा करके सरकार कर्मचारियों के साथ न सिर्फ भारी धोखा कर रही है बल्कि अपने वायदे से भी मुकर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों व सरकारी भ्रष्टाचार के कारण सरकारी खजाने में राजस्व की कमी दिखाई जा रही है और प्रदेश में मु यमन्त्री से लेकर सभी मन्त्री, कांग्रेसी विधायक व सांसद दोनों हाथों से प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं। उन्होंने प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर चिन्ता जताते हुए सरकार से तुरन्त इस मामले में श्वेतपत्र जारी किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कहीं कोई विकास कार्य नहीं चल रहा और पिछले पांच सालों से प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रदेश में ग भीर आर्थिक संकट पैदा होने और सरकार का कामकाज कर्जा लेकर चलाए जाना बेहद चिन्ता का विषय है और सरकार को इस मामले में प्रदेश के सामने अपनी स्थिति तुरन्त स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के आर्थिक संकट का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक तरफ जहां सरकारी पदों के अपग्रेडेशन पर पूरी तरह से पाबन्दी लगा दी गई है वहीं विभिन्न विभागों से अगले दो सालों के दौरान अपने खर्चों में दस फीसदी कटौती करने को कहा गया है। यानी अगले दो सालों में प्रदेश में कहीं कोई विकास कार्य होने की स भावना नहीं नजर आ रही।
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