चीनी मिट्टी की बनी वह काली, बेडौल वैसे तो कोडिय़ों के मोल की है, लेकिन यदि उसकी आंखों को सुर्ख चमक असली निकल आए, तो आपके दिन फिर सकते हैं। पुरानी वस्तुओं के विशेषज्ञ इस बिल्ली को लगभग एक शताब्दी से ढूढ़ रहे हैं। बहुत से अमेरिकी समझ रहे हैं, कि वह उन्हीं के देश में कहीं है, और वे इसे लाखों की कीमत की बिल्ली कहते हैं। वैसे वह लाखों की नहीं करोड़ों रुपए मूल्य की है, क्योंकि इसकी आंखों में दुनिया के दो बेशकीमती याकूत छिपे हैं, जिनके दाम कम से कम तीन करोड़ रुपए के लगभग आंके जाते हैं। 'सुलेमान याकूत' के नाम से विख्यात वे रत्न दो हजार वर्ष से भी प्राचीन है। वे दोनों याकूत शुरू-शुरू में कोरिया के एक मंदिर में देव प्रतिमा के नेत्र थे। जब यहां क्रांति हुई, तो क्रांतिकारियों ने इस मंदिर पर भी धावा बोल दिया और पुजारी को मारकर उस प्रतिका को हथिया लिया। यूं तो वह प्रतिमा ठोस चांदी की थी, किन्तु इसकी विख्यात बहुमूल्य याकूत मणि के नेत्रों के कारण ही और एशिया का हर पराक्रमी उन दिनों इस अपनी संपति बनाने के मनसूबें कस रहा था।
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