चंडीगढ़। हरियाणा में भले ही कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा हो लेकिन विपक्ष खासकर इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला हार मानने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस की सीटें घटने और उसे नाममात्र का बहुमत मिलता देख चौटाला की उम्मीदें और जवान हो गई हैं। वे विपक्ष की दूसरी पार्टियों से मिलकर सत्ता तक पहुंचने की कड़ी बनाने में जुट गए हैं।
हरियाणा के इतिहास में पिछले 37 साल में ये पहला मौका है जबकि एक ही पार्टी की सरकार लगातार दूसरी बार चुनकर आती दिख रही है। 90 सीटों वाले इस राज्य में कांग्रेस को दोपहर साढ़े तीन बजे तक 40 सीटों पर बढ़त-जीत हासिल हो गई थी। दूसरी ओर इनेलो ने भी अपना प्रदर्शन काफी सुधारा और पिछले बार की नौ सीट में इनेलो इस बार 32 सीटों पर बढ़त-जीत हासिल किए हुए है।
यही वजह है कि चौटाला ने प्रेसवार्ता कर कहा कि कांग्रेस की सीटों में काफी कमी हुई और इसलिए उसे सरकार बनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पार्टी को सीएम किसे बनाएं इस बात पर माथापच्ची करने के बजाय विपक्ष में बैठना चाहिए। चौटाला की कोशिश ये है कि भाजपा, हजकां और अन्य को किसी तरह अपने पाले में लाकर हुड्डा को सरकार बनाने से रोका जाए।
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