जींद : भारतीय संस्कृति में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन गाय माता की स्थिति शहर में काफी चिंताजनक नजर आ रही है। शहर में जहां आवारा पशुओं की भरमार होती जा रही है। मौजूदा समय में शहर में आवारा पशुओं की संチया लगभग दो हजार से अधिक हैं, जिनमें से अकेले गायों की संチया एक हजार के आसपास है। इनमें से अधिकतर गाय सड़कों पर आवारा घूमती देチाी जा सकती है। कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में ऐसी सैकड़ों गाय हैं, जो विभिन्न मार्गों पर घूमती रहती हैं। इसके अलावा खाली प्लाटों में पडे़ गंद को खाती रहती हैं, लेकिन इस तरफ प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जींद शहर में चार गौशालाएं हैं। इनमें भिवानी रोड स्थित श्री गौशाला, हांसी रोड स्थित श्री गोपाल गऊ सदन, हनुमान नगर स्थित सोमनाथ गौशाला तथा बाला जी गौशाला प्रमुख हैं। इन गौशालाओं में करीबन ख्फ्०० गाय हैं, जिनके रहने, खाने तथा इलाज गौशाला संचालकों द्वारा किया जाता है। इन गौशाला में भी सिर्फ इन्हीं गायों को रखा जाता है, जो कोई व्यक्ति छोड़ जाता है या फिर नगरपालिका वाले छोड़ जाते हैं। इसके अलावा गौशाला संचालक शहर में बीमार या चोट ग्रस्त गायों का भी इलाज करते हैं। सूचना मिलने पर तुरंत ये लोग मौके पर पहुंचकर गायों का इलाज करते हैं। फिलहाल शहर में घूमती आवारा गायों को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। सड़कों पर आवारा गायों के घूमने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। नगरपालिका भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। वहीं कई मालिक भी सड़कों पर गायों को सड़क पर आवारा छोड़ देते हैं।
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