गाजियाबाद(प्रैसवार्ता) प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले दो दिवसीय 'अ.भा. हिन्दी साहित्य समारोह' से गाजियाबाद महानगर की साहित्यिक-सांस्कृतिक पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुई है। जिसमें देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में विद्वान, लेखक, पत्रकार, शिक्षाविद् व समाजसेवी भाग लेते हैं। समरोह में जहां कई विचार गोष्ठियां होती हैं वहीं आ.भा. पत्र-पत्रिका व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन, सांस्कृतिक संध्या व कवि सम्मेलन सहित अनेक विद्वानों को नामित सम्मानों से अलंकृत किया जाता है। इस वर्ष आगामी 24-25 अक्टूबर को स्थानीय हिन्दी भवन में 17वां अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य समारोह तथा 10वां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन एक साथ आयोजित किये जा रहे हैं। समारोह के संयोजक तथ यू,एस.एम.पत्रिका के संपादक उमाशंकर मिश्र के अनुसार पहली बार दो आयोजन एक साथ ही किये जा रहे हैं जिसमें तीन सत्रों में 'भाषा संस्कारों की जननी हैÓ विषय पर विचार गोष्ठी में श्रेष्ठ विद्वान अपने विचार व आलेख प्रस्तुत करेंगे। आ.भा. पत्र पत्रिका व पुस्तक प्रदर्शनी में देशभर से प्रकाशित लघु पत्रों व साहित्यिक पत्रिकाओं के नवीनतम अंकों की प्रदर्शनी और वर्ष 2008-09 में प्रकाशित साहित्यिक पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। उद्योग नगर प्रकाशन व यू.एस.एम.पत्रिका द्वारा प्रकाशित साहित्य की बिक्री की व्यवस्था भी रहेगी। समारोह में रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन तथा प्रतिवर्ष दिये जाने वाले नामित सम्मानों से चुने हुए विद्वानों को अलंकृत किया जायेगा। राजभाषा सम्मेलन में सार्वजनिक उपक्रमों के राजभाषा अधिकारियों, प्रबंधकों आदि की भागीदारी प्रमुखता से रहेगी तथा राजभाषा गृह पत्रिकाओं की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। हिन्दी के विकास में श्रेष्ठ योगदान करने वाले हिन्दी अधिकारियों व संस्थाओं और उनकी पत्रिकाओं को भी सम्मानित किया जायेगा। दो दिवसीय सम्मेलन का प्रांरभ 24 अक्टूबर को पूर्वाह 10 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 5 बजे संपन्न होगा। इसमें भाग लेने के लिए सभी हिन्दी सेवी चिंतक व साहित्यकार अपनी भागीदारी की सूचना मुख्य संयोजक उमांशकर मिश्र, संपादक-यू.एस.एम. पत्रिका 695, न्यू कोट गांव, जी.टी. रोड, गाजियाबाद को पत्र अथवा फोन: 2860110, 98182-49902 द्वारा सूचित कर सकते हैं।
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