जिला जींद के फसलतंत्र में किसान मित्र के रूप में डायन मक्खी भी पाई जाती। जी, हाँ! , राजपुरा, ईगराह, रूपगढ, निडाना व ललित खेडा के किसान तो इसे इसी नाम से जानते हैं जबकि अंग्रेज इसे Robber Fly कहते हैं। नामकरण की द्विपदी प्रणाली के अनुसार यह मक्खी Dipterans के Asilidae परिवार की Machimus प्रजाति है। डायन मक्खी जहाँ एकतरफ स्वभावगत घोर अवसरवादी होती है वही दूसरी तरफ कौशलवत प्रभावशाली परभक्षी भी होती है। इनके भोजन में मक्खी, टिड्डे, भुंड, भिरड, बीटल, बग़, पतंगे व तितली आदि कीट शामिल होते हैं। डायन मक्खी कई बार अपने से बड़े जन्नौर का शिकार भी कुशलता से कर लेती है। डायन मक्खी अपने अड्डे से शिकार करती है। यह मक्खी अपना अड्डा खुली एवं धुप वाली जगह बनाती है। अड्डे की जगह पौधों की टहनी, ठूंठ, पत्थर व ढेला आदि कुछ भी हो सकता है। इस मचान से ही डायन मक्खी शिकार करने के लिए उड़ान भरती है। कीट वैज्ञानिकों का कहना है कि डायन मक्खी अपनी टोकरीनुमा कंटीली टांगों से उड़ते हुए कीटों को काबू करती है। हमने तो इस मक्खी को कई बार जमीन पर बैठे - बिठाए टिड्डों को भी झपटा मार कर अपनी गिरफ्त में लेते हुए देखा है।
शिकार को पकड़ते ही, डायन अपना डंक उसके शरीर में घोपती है व इस डंक के जरिये ही वह शिकारी के शरीर में अपनी लार छोड़ती है। इसकी लार में एक तो ऐसा जहरीला प्रोटीन होता है जो तुंरत कारवाई करते हुए शिकार के स्नायु -तंत्र को सुन्न करता है तथा दूसरा एक ऐसा पाचक प्रोटीन होता है जो शिकार के शरीर के अंदरूनी हिस्सों को अपने अंदर घोल लेता है। घुले हुए इन हिस्सों को डायन मक्खी ठीक उसी तरह से पी जाती है जैसे बड़ा-बूढा दूध में दलिया घोल कर पी जाता है।
4 टिप्पणियाँ:
चलिए दायाँ मक्खी के बारे में पता चला फोटो बहुत सुन्दर खिंची गई हैं !
Pareek ji,
See the style of breaking fast
Marci fail :D
I had been arguing with my close friend on this issue for quite a while, base on your ideas prove that I am right, let me show him your webpage then I am sure it must make him buy me a drink, lol, thanks.
- Kris
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