गुड़गांव: पति के संबंध खराब होते देख अन्नू ने अपने बच्चे को उसका हक़ दिलवाना चाहा। लेकिन जब परमीत के परिवार ने बच्चे को नहीं अपनाया तो फिर उसके पास एक ही रास्ता बचता था। अन्नू ने परमीत का घर छोड़ दिया।
घर छोड़ने के बाद उसने कानून का सहारा लेने का मन बनाया। और फिर गुडगांव के सेक्टर 56 के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। लेकिन पुलिस का इस मामले पर बिल्कुल अलग रवैया है। पुलिस इसे एक मामूली मामला मान रही है।
दरअसल अन्नू का एक बेटा लगभग चार साल का है और दूसरा जो गोद में है वो लगभग सवा दो महीने का है। बस इसी बच्चे के जन्म के बाद अन्नू की जिंदगी में एकदम से भूचाल आ गया। बच्चे के पैदा होने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इसका फेफड़ा खराब है। डॉक्टरों ने ये भी बताया कि इसके इलाज में तकरीबन तीन लाख रुपए लगेंगे। इससे पहले तक सब कुछ ठीक था।
लेकिन यहीं से अन्नू के पति परमीत सिन्हा का रवैया बदल गया। परमीत निजी कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट है और उसकी तनख्वाह लाखों में है। लेकिन परमीत को अपने बेटे के इलाज के लिए तीन लाख रुपए देना भारी पड़ गया। ऊपर से पत्नी अन्नू को मारना पीटना शुरू कर दिया। और आरोप लगाया कि उसी में कोई दिक्कत है जिसकी वजह से उसका बेटा बीमार पैदा हुआ है।
इसके बाद अन्नू के पति परमीत ने ये भी कहना शुरू कर दिया कि इलाज के पैसे अपने मायके से लेकर आए। अन्नू के पति ने उसे यहां तक कहा कि वो इस बीमार बच्चे को सड़क पर लावारिस फेंक दे। लेकिन जब अन्नू ने ये सब करने से मना कर दिया तो फिर उसने अन्नू और उसके मायके के लोगों को मानसिक रूप से सताना शुरू कर दिया। आखिरकार अन्नू इतनी टूट गई कि उसे अपना घर छोड़ना पड़ा। अन्नू के पास कानून का सहारा लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। आखिरकार अन्नू ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। वहीं पुलिस का कहना है कि शिकायत में बच्चे का जिक्र नहीं किया गया है। शिकायत में अन्नू ने इसे सिर्फ दहेज़ उत्पीड़न का मामला बताया है। अन्नू के घर वालों को अब कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है। अन्नू के घर वालों का आरोप है कि परमीत मौके की तलाश में था और मौका मिलते ही उसने अपना काम कर दिया।
घर छोड़ने के बाद उसने कानून का सहारा लेने का मन बनाया। और फिर गुडगांव के सेक्टर 56 के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। लेकिन पुलिस का इस मामले पर बिल्कुल अलग रवैया है। पुलिस इसे एक मामूली मामला मान रही है।
दरअसल अन्नू का एक बेटा लगभग चार साल का है और दूसरा जो गोद में है वो लगभग सवा दो महीने का है। बस इसी बच्चे के जन्म के बाद अन्नू की जिंदगी में एकदम से भूचाल आ गया। बच्चे के पैदा होने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इसका फेफड़ा खराब है। डॉक्टरों ने ये भी बताया कि इसके इलाज में तकरीबन तीन लाख रुपए लगेंगे। इससे पहले तक सब कुछ ठीक था।
लेकिन यहीं से अन्नू के पति परमीत सिन्हा का रवैया बदल गया। परमीत निजी कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट है और उसकी तनख्वाह लाखों में है। लेकिन परमीत को अपने बेटे के इलाज के लिए तीन लाख रुपए देना भारी पड़ गया। ऊपर से पत्नी अन्नू को मारना पीटना शुरू कर दिया। और आरोप लगाया कि उसी में कोई दिक्कत है जिसकी वजह से उसका बेटा बीमार पैदा हुआ है।
इसके बाद अन्नू के पति परमीत ने ये भी कहना शुरू कर दिया कि इलाज के पैसे अपने मायके से लेकर आए। अन्नू के पति ने उसे यहां तक कहा कि वो इस बीमार बच्चे को सड़क पर लावारिस फेंक दे। लेकिन जब अन्नू ने ये सब करने से मना कर दिया तो फिर उसने अन्नू और उसके मायके के लोगों को मानसिक रूप से सताना शुरू कर दिया। आखिरकार अन्नू इतनी टूट गई कि उसे अपना घर छोड़ना पड़ा। अन्नू के पास कानून का सहारा लेने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। आखिरकार अन्नू ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। वहीं पुलिस का कहना है कि शिकायत में बच्चे का जिक्र नहीं किया गया है। शिकायत में अन्नू ने इसे सिर्फ दहेज़ उत्पीड़न का मामला बताया है। अन्नू के घर वालों को अब कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है। अन्नू के घर वालों का आरोप है कि परमीत मौके की तलाश में था और मौका मिलते ही उसने अपना काम कर दिया।
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