जींद(हरियाणा) : सेक्स, कण्डोम, ऐड्स इनके बारे में बात करने पर आज भी लोग काफी हिचकिचाहट महसूस करते हैं। यहां तक कि इस सम्बन्ध टेलीविजन पर अगर कोई विज्ञापन भी प्रसारित होता है तो देखने वाले चैनल को बदल देते हैं। अधिकतर लोगों की सोच आज भी यही है कि इनकें बारे में बातें करना गलत है, लेकिन ऐसे लोगों सोच को जिले के (एड्स ग्रसित) उन चंद लोगों ने गलत साबित कर दिया है, जो एचआईवी-पाजिटिव होते हुए भी समाज की मुख्यधारा मे जुडक़र इस बीमारी के बारे में खुलकर प्रचार करने में लगे हुए हैं।जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव रणदीप श्योकंञ्द-के सानिध्य में एड्स कंट्रोल सोसाइटी से जुडे़ जिले के इन चार व्यक्तियों को जब स्वयं को एड्स होने के बारे में पता चला तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। समाज की मुチयधारा से जुड़ने में भी समय लग गया, लेकिन काउंसलिंग-व एड्स ग्रसित लोगों के सामने आने वाली परेशानियों को देखते हुए इनके हौसले बुलंद हुए और इन लोगों ने ग्रसित लोगों को समाज की मुチयधारा से जोड़ने का निर्णय लिया। आज ये चारों लोग न केवल गांव व शहरों में जाकर इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि एड्स रोगियों को मुチयधारा में जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त सभी प्रचार के दौरान स्वयं द्वारा की गई गलतियों को बताते हैं और लोगों को ऐसी गलतियों से सबक लेने व न दोहराने की बात करते हैं। यदि एड्स् ग्रसित लोग समाज को जागरूक करने का बीड़ा उठा सकते हैं तो हमें भी आगे आना होगा। रेडक्रञस टारगेट इंटरवेशन-प्रोजेタट फार एड्स कंञ्ट्रोल के प्रोजेタट मैनेजर विनोद कुञ्मार ने कहा कि एड्स एक लाईलाज बीमारी है और जानकारी ही बचाव है।
1 टिप्पणियाँ:
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