जींद:-जिले में चल रहे अवैध वाहनों पर रोक न लगने से जहां सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है, वहीं पर इस मामले में प्रशासन पर भी सवालिया निशान लगाया जा रहा है। उधर अवैध वाहनों के कारण जिले में दुर्घटनाओं में भी आए दिन बढ़ोतरी हो रही है। इन वाहनों के चालकों की लापरवाही के चलते पिछले दो महीनों में शहर में एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। याद रहे जिले में अवैध वाहनों का आवागमन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इनकी रोकथाम के लिए लोगों ने कई बार जिला प्रशासन को सचेत भी किया, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन अवैध वाहनों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा। वर्ष 2003 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनजीत अहलावत ने अवैध वाहनों की रोकथाम के लिए जिले में कड़े कदम उठाए थे, लेकिन उन द्वारा उठाए गए कदम कुछ दिन ही चल पाए। अब फिर जिले में अवैध वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शहर के कई लोगों का मानना है कि प्रशासन अवैध वाहनों को रोकने में ढुलमुल रवैया अपना रहा है। शहर के ईश्वर, कर्ण सिंह, ओमप्रकाश, रामदिया, प्रताप, रतन सिंह, प्रेम, प्रवीण, अशोक, सतवीर, विजय, सतीश, रामकिशन, शमशेर, रामकुमार, राजेंद्र, देशराज आदि ने कहा कि जब तक प्रशासन अवैध वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक इन पर रोक नहीं लग पाएगी। उन्होंने बताया कि अवैध वाहनों के मालिकों को कुछ ऐसे लोगों का संरक्षण हासिल है, जिसके चलते उन लोगों के हौसले बुलंद है। सबसे ज्यादा अवैध वाहनों का आवागमन जींद-जुलाना, जींद-सफीदों, जींद-असंध मार्ग के साथ-साथ जींद-उचाना मार्ग पर लगा रहता है। अवैध वाहनों के आवागमन के चलते सरकार को हर महीने करोड़ों रुपये का चूना भी लग रहा है।
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