
उल्लेखनीय है कि सफीदों नगर का निवासी सैनिक जयभगवान (42) पिछले करीब १२ साल से आर्मी के आर्मड सप्लाई कोर विभाग में गुजरात के कच्छ क्षेत्र में कार्यरत था तथा एक प्रशिक्षण के दौरान उसका निधन हो गया। सेना के कंपनी कमांडर लेफटीनेंट कर्नल रोहित सेठी का शोक संदेश लेकर सूबेदार एस.एल. यादव व सूबेदार बावल चेतिया अपनी सैनिक टुकड़ी के साथ तिरंगे में लिपटे सैनिक जयभगवान के शव को लेकर सफीदों पहुंचे तथा सैनिकों ने अपने साथी के संस्कार के समय उसके सम्मान में हवा में गोलियां दागकर उसे सलामी दी। इस भाव भरे दृश्य को देखकर उपस्थित लोगों की आंखें भर आई लेकिन स्थानीय प्रशासन के किसी भी नुमाइंदे ने दुख व्यक्त करना तो दूर श्मशानघाट की तरफ झांकने की भी जहमत नहीं उठाई। सैनिक की मौत की खबर पूरे क्षेत्रभर को थी तथा जिसे भी सैनिक की मौत का पता चला वह श्मशानघाट की तरफ दौड़ पड़ा लेकिन सफीदों प्र्रशासन सैनिक को अंतिम विदाई देने की औपचारिकता निभाने के लि

ए भी अंतिम विदाई में शरीक नहीं हुआ। सबसे अहम बात यह है कि जिस श्मशान घाट में सैनिक का संस्कार किया गया वह श्मशान घाट मिनी सचिवालय से मात्र कुछ गज दूरी पर था। सैनिक का पूरे मानसम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो गया लेकिन साथ ही एक प्रश्न छोड़ गया कि एक सैनिक देश की सुरक्षा के लिए अपने घरपरिवार से दूर होकर अपनी जान तक को न्यौछावर कर देता है उसका यही हश्र होता रहेगा? प्रशासन संस्कार में तो दूर उसके बाद भी सैनिक के परिवार के पास जाकर उसके दुख में शामिल नहीं हुआ लेकिन सैनिक के अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंची सैनिक टुकड़ी के प्रभारी अधिकारी सुबेदार एस एल यादव ने शहीद के परिजनों के साथ बैठक करके उनसे अनुरोध किया कि वे शहीद के आश्रितों को हर संभव सहयोग व संरक्षण दें। उन्होंने भी आश्र्वासन दिया कि विभागीय जिमेदारियों से ऊपर उठाकर वह भी समय समय पर सैनिक के परिवार के सदस्यों का हालचाल जानने आते रहेंगे। उन्होंने अपनी कंपनी की तरफ से कंपनी कमांडर लैफटीनैंट कर्नल रोहित सेठी द्वारा जारी ख् रुपए की राशी का चैक तथा आर्मी वैलफैयर एसोसिएशन की तरफ से २० हज़ार रुपए की राशी का चैक मृतक सैनिक की पत्नी ऊषा को दिया।
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