जींद : जिले में लगातार 45 घंटे से हो रही बरसात रुकने का नाम नहीं ले रही है। वहीं सितंबर माह में पिछले 14 सालों के दौरान पांच बार ही औसतन 100एमएम से अधिक बरसात दर्ज की गई है। जब भी इतनी बरसात हुई है, जिले के लोगों को अच्छी-खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है। प्रशासनिक दावों की पोल खुलती हुई नजर आई है। 1995 में हुई 383एमएम बरसात में तो जिले में बाढ़ तक आ गई थी, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के दावे धरे के धरे रह गए थे और लोगों को अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ी थी। अब भी पिछले डेढ़ दिन से बरसात हो रही है और मौसम वैज्ञानिक भी अगले दो दिन तक रुक-रुककर बरसात होने की बात कर रहे है। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में सितंबर माह के दौरान पिछले 14 सालों में पांच बार औसतन 100एमएम से अधिक बरसात दर्ज की गई। जब भी इतनी बरसात हुई, उस दौरान जन जीवन तो ठप हुआ ही, साथ ही फसलों को भी नुकसान उठाना पड़ा। जिले में सितंबर माह में सबसे अधिक बरसात सन् 1995 में दर्ज की गई थी। इस दौरान 383एमएम बरसात हुई थी और जिले में बाढ़ आ गई थी। इसके बाद वर्ष 1998 में 100एमएम से अधिक बरसात दर्ज की गई। इस दौरान 176एमएम बरसात हुई। इसके बाद वर्ष 2002 में जिले में औसतन 124एमएम बरसात दर्ज हुई। इसके बाद वर्ष 2005 में 208एमएम बरसात रिकार्ड की गई थी। इस दौरान भी जन जीवन काफी प्रभावित हुआ। वर्ष 2005 के बाद चार साल बाद अब अब तक जिले में 170एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है। वहीं पिछले डेढ़ दिन में ही औसतन 150एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है।
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