जींद : हरियाणा : बुधवार रात से रुक-रुककर बरस रही बरसात शुक्रवार भी पूरा दिन जारी रहा। बरसात ने शहर को पूरी तरह से तर-ब-तर कर दिया। तापमान में गिरावट दर्ज की गई यानि मौसम में ठंडक आ गई। वहीं यह बरसात किसानों के लिए भी वरदान साबित हुई।
दूसरी ओर बरसात के चलते शहर के मुख्य मार्गो के अलावा कई कालोनियों में पानी जमा हो गया। सबसे ज्यादा निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। घरों में पानी घुसने के कारण लोग परेशान दिखाई दिए और पानी निकालने में लगे रहे। जिले में औसतन पिछले ५० घंटे मे 106एमएम से अधिक बरसात दर्ज की गई। सबसे अधिक बरसात जींद में १९८ एमएम तथा सबसे कम बरसात उचाना में १५ एमएम हुई। बरसात के चलते शहर के पटियाला चौक, पुरानी सब्जी मंडी मोड़, सफीदों गेट, बाल भवन रोड पर पानी जामा हो गया, जिससे राहगीरों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बुधवार शाम से ही आसमान में काले बादल छाने शुरू हो गए थे। बुधवार लगभग दस बजे बूंदाबांदी शुरू हो गई थी,। जो दिनभर जारी रही। कृषि विशेषज्ञ भी बरसात को फसलों के लिए लाभदायक बता रहे है। बृहस्पतिवार को पूरा दिन आसमान में छाएं काले बादलों से मौसम खुशगवार रहा। पिछले काफी दिनों से बरसात न होने के कारण किसानों को पंपों का सहारा लेना पड़ रहा था। फिर भी पर्याप्त मात्रा में धान फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस बरसात ने किसानों की सिंचाई की परेशानी को खत्म कर दिया है। जिले में सबसे अधिक बरसात जींद १९८ एमएम, सफीदों १७२ एमएम, पिल्लूखेड़ा में १०८, नरवाना में ४५, जुलाना में १०१ एमएम, उचाना में १५ एमएम हुई। इस बारे में कृषि उपनिदेशक रोहताश सिंह राहड़ ने बताया कि बरसात धान व बाजरे की फसल के लिए काफी फायदेमंद है, वहीं जिन किसानों की कपास की फसल खिल चुकी है उसके लिए यह थोड़ी नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे पानी का संग्रह कर रखें जबकि कपास वाले किसान खेतों में पानी जमा न रहने दें।
तो इस तरह यह बरसात कहीं खुशियों की सौगात लेकर आई तो कहीं इसने थोडी-बहुत दिक्कते भी पैदा की. परन्तु कुल मिलाकर इस खुशगवार मौसम का लुत्फ़ सबने ही उठाया.
1 टिप्पणियाँ:
"चीट्टे कबुतर ते नीले मोर।
सारे चोर ने सारे चोर॥"
आपकी खबर व फ़ोटो ने बुडॆल जेल मे लिखा यह नारा याद दिला दिया
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