जीन्द(हरियाणा) : दहेज की मांग पूरी न करने पर विवाहिता को जलाकर मार डालने के मामले में अदालत ने पति को आठ वर्ष तथा दो हजार रुपये जुर्माना जबकि सास तथा ससुर को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दो-दो हजार रुपये जुर्माने के तौर पर भी भरने होंगे। अदालत में चले अभियोग के अनुसार वार्ड संख्या-11 नरवाना निवासी जगदीश ने 23 नवंबर 2008 को पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी बेटी सुनीता की शादी सवा साल पूर्व आदर्श नगर निवासी अश्वनी के साथ हुई थी। शादी के समय सुनीता को यथा संभव दान दहेज दिया गया था, लेकिन सुसरालजन उसे और अधिक दहेज लाने के लिए मजबूर करते थे। दहेज की मांग पूरी न होने पर सुनीता के सुसरालजनों ने 18 नवंबर 2008 की रात उस पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी। पड़ोसियों द्वारा सुनीता को सामान्य अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों ने सुनीता की 90 प्रतिशत जली हालत देख पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। जहां पांच दिन बाद उपचार के दौरान सुनीता की मौत हो गई। पुलिस ने जगदीश की शिकायत पर पति अश्वनी, ससुर रामदास, सास इमरती उर्फ मूर्ति देवी के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा। बीबी प्रसून्न की अदालत ने पति अश्वनी को आठ वर्ष तथा दो हजार रुपये जुर्माना जबकि सास इमरती उर्फ मूर्ति देवी तथा ससुर रामदास को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन्हे दो-दो हजार रुपये जुर्माने के तौर पर भरने होंगे।
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