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30.9.09

सेंटरो कार लुटी

सफीदों (हरियाणा)
सफीदों स्थित जींद बाईपास पर मंगलवार रात हथियारबंद चार युवकों ने सेंटरो कार चालक को बंधक बना अपहरण कर लिया और मारपीट कर गांव ढाठरथ के निकट चालक को छोड़कर कार लेकर फरार हो गए। घटना की सूचना पाकर पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। मगर लुटेरे युवकों का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने कार चालक की शिकायत पर चार युवकों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
गांव निंबरी (पानीपत) निवासी रोहताश मंगलवार को कार्यवश सेंटरो कार से असंध (करनाल) गया हुआ था। रात को जब वह वापस लौट रहा था तो सफीदों स्थित जींद बाईपास पर चार युवकों ने इशारा कर कार को रूकवा लिया। कार में बैठते ही चारों युवकों ने अपने हथियारों को निकाल लिया और चालक रोहताश को बंधक बनाकर पिछली सीट पर डाल लिया। इस दौरान युवकों ने रोहताश के साथ मारपीट की और गांव ढाठरथ के निकट सुनसान जगह पर छोड़कर कार लेकर फरार हो गए। रोहताश ने घटना की सूचना पुलिस को दी। कार लूटने की सूचना मिलते ही पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। मगर लुटेरे युवकों का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने रोहताश की शिकायत पर चार युवकों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

मनीष व कविता ने भारत का नाम रोशन किया

जींद (हरियाणा)
भाई सुरेंद्र मलिक मैमोरियल खेल स्कूल निडानी की मनीष कविता ने मलेशिया में आयोजित पांचवी एशियन जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में भारत की टीम से खेलते हुए अंतिम मुकाबले में ईरान की टीम को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। बुधवार को दोनों खिलाड़ियों के गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।
खेल स्कूल निडानी की प्राचार्या राजवंती मलिक ने बताया कि गांव फतेहगढ़ निवासी मनीष तथा गांव पडाना निवासी कविता किसान परिवार से संबंध रखती हैं। दोनों ही छात्राएं पिछले सात वर्षें से खेल स्कूल में पढ़ते हुए शैक्षणिक एवं खेल क्षेत्र में लगातार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती रही हैं। पच्चीस से सताईस सितंबर तक मलेशिया में आयोजित पांचवीं एशियन जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए दोनों का चयन किया गया था। भारतीय टीम में मनीष को पहले कविता को चौथे स्थान पर रखा गया। दोनों ही खिलाड़ियों ने टीम में मौजूद अन्य खिलाड़ियों के सहयोग से अंतिम मुकाबले में ईरान की टीम को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। इस अवसर पर विद्यालय निदेशक दलीप सिंह ने मनीष, कविता प्रशिक्षक नरेंद्र देशवाल को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।

जिला जींद में हितकारी डायन

जिला जींद के फसलतंत्र में किसान मित्र के रूप में डायन मक्खी भी पाई जाती। जी, हाँ! , राजपुरा, ईगराह, रूपगढ, निडाना ललित खेडा के किसान तो इसे इसी नाम से जानते हैं जबकि अंग्रेज इसे Robber Fly कहते हैं। नामकरण की द्विपदी प्रणाली के अनुसार यह मक्खी Dipterans के Asilidae परिवार की Machimus प्रजाति है। डायन मक्खी जहाँ एकतरफ स्वभावगत घोर अवसरवादी होती है वही दूसरी तरफ कौशलवत प्रभावशाली परभक्षी भी होती है। इनके भोजन में मक्खी, टिड्डे, भुंड, भिरड, बीटल, बग़, पतंगे तितली आदि कीट शामिल होते हैं। डायन मक्खी कई बार अपने से बड़े जन्नौर का शिकार भी कुशलता से कर लेती है। डायन मक्खी अपने अड्डे से शिकार करती है। यह मक्खी अपना अड्डा खुली एवं धुप वाली जगह बनाती है। अड्डे की जगह पौधों की टहनी, ठूंठ, पत्थर ढेला आदि कुछ भी हो सकता है। इस मचान से ही डाय मक्खी शिकार करने के लिए उड़ान भरती है। कीट वैज्ञानिकों का कहना है कि डायन मक्खी अपनी टोकरीनुमा कंटीली टांगों से उड़ते हुए कीटों को काबू करती है। हमने तो इस मक्खी को कई बार जमीन पर बैठे - बिठाए टिड्डों को भी झपटा मार कर अपनी गिरफ्त में लेते हुए देखा है।
शिकार को पकड़ते ही, डायन अपना डंक उसके शरीर में घोपती है इस डंक के जरिये ही वह शिकारी के शरीर में अपनी लार छोड़ती है। इसकी लार में एक तो ऐसा जहरीला प्रोटीन होता है जो तुंरत कारवाई करते हुए शिकार के स्नायु -तंत्र को सुन्न करता है तथा दूसरा एक ऐसा पाचक प्रोटीन होता है जो शिकार के शरीर के अंदरूनी हिस्सों को अपने अंदर घोल लेता है। घुले हुए इन हिस्सों को डायन मक्खी ठीक उसी तरह से पी जाती है जैसे बड़ा-बूढा दूध में दलिया घोल कर पी जाता है।

29.9.09

पूनम जाटान बनी जिले की पहली महिला नर्सिंग सर्विस में लेफ्टिनेंट

जींद (हरियाणा) :- अर्बन एस्टेट निवासी पूनम जाटान ने मिल्ट्री नर्सिंग सर्विस में लेफ्टिनेंट बनकर केवल जिले का नाम रोश किया है बल्कि अपने माता पिटा का भी नाम रोशन किया है। पूनम के लेफ्टिनेंट बनने पर जहां परिवार खुशी से फूला नहीं मा रहा है, वहीं पूनम को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। फिलहाल पूनम को कमांड अस्पताल लखनऊ में नियुक्ति मिली है और वह जिले की पहली महिला नर्सिंग लेफ्टिनेंट है।
सेवानिवृत स्टेशन सुप्रीटेंडेंट पूनम जाटान के दादा उमेद सिंह ने बताया कि पूनम बचपन से ही काफी प्रतिभाशाली थी और समें सीखने की ललक थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर कमीशनिंग इन नर्सिंग ऑफिसर का टेस्ट हुआ था। जिसमें प्रतिभागियों ने भाग लिया था। पूनम प्रतिभाशाली चयनित प्रतिभागियों में शामिल थी।
उन्होंने बताया कि पूनम जब चार वर्ष की थी, तो उसके पिता उदयराज सिंह की दुर्घटना में मौत हो गई थी। पूनम ने बारहवीं तक की पढ़ाई डीएवी स्कूल जींद तथा नर्सिंग की पढ़ाई एमएम कालेज ऑफ नर्सिंग मुलाना से की। अब उसका चयन मिल्ट्री नर्सिंग सर्विस में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। उन्होंने बताया कि पूनम की मां कुसुम देवी घरेलू महिला है और वह अपनी बेटी को आगे बढऩे के लिए हमेशा प्रेरित करती रही है।

कांग्रेस घास, मिलीबग व परजीवी सम्भीरकाएं

कांग्रेस घास, जी हाँ! वही कांग्रेस घास जिसे कभी ख़त्म करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों व उनकी चहेती बीटल जाय्गोग्रामा ने ताणे तक तुडवा लिए थे मगर पार नहीं पड़ी थी। पर समय सदा एकसा नही रहता। कपास की साधारण किस्मों की जगह बी.टी. हाइब्रिडों का प्रचलन हुआ। इसके साथ ही कपास की फसल में फिनोकोक्स सोलेनोप्सिस नाम का मिलीबग भस्मासुर बन कर सामने आया और देखते-देखते ही कांग्रेस घास के पौधों पर भी छा गया। संयोग देखिये, अमेरिकन कपास, कांग्रेस घास व मिलीबग का निकासी स्थल एक ही है। हिंदुस्तान में आते ही मिलीबग को कांग्रेस घास के रूप में पूर्व परिचित, एक सशक्त वैकल्पिक आश्रयदाता मिल गया। किसानों के घातक कीटनाशकों से पुरा बचाव व सारे साल अपने व बच्चों के लिए भोजन का पुरा जुगाड़। पर प्रकृति की प्रक्रियाएं इतनी सीधी व सरल नही होती। बल्कि इनमेँ तो हर जगह हर पल द्वंद्व रहता है। प्रकृति में सुस्थापित भोजन श्रृंख्ला की कोई भी कड़ी इतनी कमजोर नही होतीं कि जी चाहे वही तोड़ दे। फ़िर इस मिलीबग कि तो बिसात ही क्या जिसकी मादा पंखविहीन हो तथा अन्डे थैली में देती हो। जिला जींद की परिस्थितियों में ही सात किस्म की लेडी बिटलों, पांच किस्म की मकडियों व पांच किस्म के बुगडों आदि परभक्षियों के अलावा तीन किस्म की परजीवी सम्भीरकाओं ने मिलीबग को कांग्रेस घास पर ढूंढ़ निकाला। यहाँ स्थानीय परिस्थितियों में मिलीबग को परजीव्याभीत करने वाली अंगीरा, जंगीरा व फंगीरा नामक तीन सम्भीरकाएं पाई गई है। इनमेँ से अंगीरा ने तो कांग्रेस घास के एक पौधे पर मिलीबग की पुरी आबादी को ही परजीव्याभीत कर दिया है। इस तरह की घटना कम ही देखने में आती है। मिलीबग नियंत्रण के लिए प्रकृति की तरफ़ से कपास उत्पादक किसानों के लिए एनासिय्स नामक सम्भीरका एक गजब का तोहफा है। भीरडनूमा महीन सा यह जन्नोर आकर में तो बामुश्किल एक-दो मिलीमीटर लंबा ही होता है। एनासिय्स की प्रौढ़ मादा अपने जीवनकाल में सैकडों अंडे देती है पर एक मिलीबग के शरीर में एक ही अंडा देती है। इस तरह से एक एनासिय्स सैकडों मिलिबगों को परजीव्याभीत करने का मादा रखती है। मिलीबग के शरीर में एनासिय्स को अंडे से पूर्ण प्रौढ़ विकसित होने में तकरीबन 15 दिन का समय लगता है। इसीलिए तो एनासिय्स को अंडे देते वक्त मिलीबग की ऊमर का ध्यान रखना पड़ता है। गलती से ज्यादा छोटे मिलीबग में अंडा दिया गया तो प्रयाप्त भोजन के आभाव में मिलीबग के साथ-साथ एनासिय्स की भी मौत हो जाती है। खुदा न खास्ता एनासिय्स ने अपना अंडा एक इसे ऊमर दराज मिलीबग के शरीर में दे दिया जिसकी जिन्दगी दस दिन की भी न रह रही हो तो भी एनासिय्स के पूर्ण विकसित होने से पहले ही मिलीबग की स्वाभाविक मौत हो जायेगी। परिणाम स्वरूप एनासिय्स की भी मौत हो जायेगी। इसीलिए तो एनासिय्स का पुरा जोर रहता है कि अंडा उस मिलीबग के शरीर में दिया जाए जिसकी जिन्दगी के अभी कम से कम 15 दिन जरुए बच रहे हों। अंडा देने के लिए सही मिलीबग के चुनाव पर ही एनासिय्स की वंश वृध्दि की सफलता निर्भर करती है। मिलीबग के शरीर में अंड विस्फोटन के बाद ज्योंही एनासिय्स का शिशु मिलीबग को अंदर से खाना शुरू करता है, मिलीबग गंजा होना शुरू हो जाता है। इसका रंग भी लाल सा भूरा होना शुरू हो जाता है। मिलीबग का पाउडर उड़ना व इसका रंग लाल सा भूरा होना इस बात की निशानी है कि मिलीबग के पेट में एनासिय्स का बच्चा पल रहा है। मिलीबग को अंदर से खाते रह कर एक दिन एनासिय्स का किशोर मिलीबग के अंदर ही प्युपेसन कर लेता है। फ़िर एक दिन पूर्ण प्रौढ़ के रूप में विकसित होकर मिलीबग के शरीर से बाहर आने के लिए गोल सुराख़ करेगा। इस सुराख़ से एनासिय्स अपना स्वतन्त्र प्रौढिय जीवन जीने के लिए मिलीबग के शरीर से बहर निकलेगा। और इस प्रक्रिया में मिलीबग को मिलती है मौत तथा अब वह रह जाता सिर्फ़ खाली खोखा। यहाँ एनासिय्स यानि कि अंगीरा के जीवन कि विभिन्न अवस्थाओं के फोटों दी गई है। कांग्रेस घास सम्मेत विभिन्न गैरफसली पौधे जो मिलीबग के लिए आश्रयदाता है, एनासिय्स कि वंश वृध्दि के लिए भी वरदान है क्योंकि इन्हे इन पौधों पर अपनी वंश वृध्दि के लिए मिलीबग बहुतायत में उपलब्ध हो जाता है।

28.9.09

शोभा यात्रा निकाल मां दुर्गा का विसर्जन किया


जींद (हरियाणा)
विजयदशमी पर्व पर महिषासुर मर्दनी मां दुर्गा, कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती की प्रतिमाओं का सोमवार को हांसी ब्रांच नहर में पूजा पाठ के बाद विसर्जन किया गया। विसर्जन से पूर्व सैंकड़ों भक्तों ने रंगों व आतिशबाजी के साथ शहर में शोभा यात्रा निकाली। जैसे ही शोभा यात्रा हांसी ब्रांच नहर पुल पर पहुंची तो वैदिक मंत्रों के साथ मां दुर्गा की पूजा की गई।
विजयदशमी पर्व पर सोमवार को भारत विकास परिषद भूतेश्वर शाखा के तत्वाधान में महिषासुर मर्दनी मां दुर्गा, कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती आदि की शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा के दौरान भक्तों ने मां भगवती के जयकारे लगाए और नाच गाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। शाखा प्रधान केपी सिंह ने बताया कि पिछले पांच दिनों से बड़े डाकखाना के निकट महिषासुर मर्दनी मां दुर्गा, कार्तिक, गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती आदि की पूजा के लिए पंडाल लगाया गया था। जिसमें प्रतिदिन पूजा-पाठ के बाद भंडारे का आयोजन किया जाता था। विजयदशमी के दिन अगले वर्ष फिर से मां दुर्गा के घर आने की कामना को लेकर शहर में शोभायात्रा निकाल सभी प्रतिमाओं का नहर में विसर्जन किया गया।

जिला जींद में पादपखोर - तेलन

यह कीट ना तो तेली की बहु और ना इस कीट का तेली से कोई वास्ता फ़िर भी हरियाणा में पच्चास तै ऊपर की उम्र के किसान, अंग्रेजों द्वारा ब्लिस्टर बीटल कहे जाने वाले इस कीट को तेलन कहते हैं। हरियाणा के इन किसानों को यह मालुम हैं कि इस तेलन का तेल जैसा गाढा  मूत्र अगर हमारी खाल पर लग जाए तो फफोले पड़ जाते हैं। इन किसानों को यह भी पता हैं कि पशु-चारे के साथ इन कीटों को भी खा लेने से, हमारे पशु बीमार पड़ जाते हैं। घोडों में तो यह समस्या और भी ज्यादा थी। एक आध किसान को तो थोड़ा-बहुत यह भी याद हैं कि पुराने समय में देशी वैद्य इन कीटों को मारकार व सुखा कर, इनका पौडर बना लिया करते। इस पाउडर नै वे गांठ, गठिया व संधिवात जैसी बिमारियों को ठीक करने मै इस्तेमाल किया करते। इस बात में कितनी साच सै अर् कितनी झूठ - या बताने वाले किसान जानै या इस्तेमाल करने वाले वैद्य जी। कम से कम हमनै तो कोई जानकारी नही।

हमनै तो न्यूँ पता सै अक् या तेलन चर्वक किस्म की कीट सै। कीट वैज्ञानिक इस नै Mylabris प्रजाति की बीटल कहते हैं जिसका Meloidae नामक परिवार Coleaoptera नामक कुनबे मै का होता है। इसके शरीर में कैन्थारिडिन नामक जहरीला रसायन होता है जो इन फफोलों के लिए जिम्मेवार होता है। इस बीटल के प्रौढ़ कपास की फसल में फूलों की पंखुडियों , पुंकेसर व स्त्रीकेसर को खा कर गुजारा करते हैं। कपास के अलावा यह बीटल सोयाबीन, टमाटर, आलू, बैंगन व घिया-तोरी आदि पर भी हमला करती है जबकि इस बीटल के गर्ब मांसाहारी होते हैं। जमीन के अंदर रहते हुए इनको खाने के लिए टिड्डों, भुन्डों, मैदानी-बीटलों व् बगों के अंडे एवं बच्चे मिल जाते हैं।जीवन चक्र:इस बीटल का जीवन चक्र थोड़ा सा असामान्य होता है। अपने यहाँ तेलन के प्रौढ़ जून के महीने में जमीन से निकलना शुरू करते है तथा जुलाई के महीने में थोक के भावः निकलते हैं। मादा तेलन सहवास के 15-20 दिन बाद अंडे देने शुरू कराती है। मादा अपने अंडे जमीन के अंदर 5-6 जगहों पर गुच्छों में रखती है। हर गुच्छे में 50 से 300 अंडे देती है। अण्डों की संख्या मादा के भोजन, होने वाले बच्चों के लिए भोजन की उपलब्धता व मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करती है। भूमि के अंदर ही इन अण्डों से 15-20 दिन में तेलन के बच्चे निकलते है जिन्हें गर्ब कहा जाता है। पैदा होते ही ये गर्ब अपने पसंदीदा भोजन "टिड्डों के अंडे" ढुंढने के लिए इधर-उधर निकलते हैं। इस तरह से भूमि में पाए जाने वाले विभिन्न कीटों के अंडे व बच्चों को खाकर, ये तेलन के गर्ब पलते व बढते रहते है। अपने जीवन में चार कांजली उतारने के बाद, ये लार्वा भूमि के अंदर ही रहने के लिए प्रकोष्ठ बनते हैं। पाँचवीं कांजली उतारने के बाद, लार्वा इसी प्रकोष्ठ में रहता है। इस तरह से यह कीट सर्दियाँ जमीन के अंदर अपने पाँच कांजली उतार चुके लार्वा के रूप में बिताता है। यह लार्वा जमीन के अंदर तीन-चार सेंटीमीटर की गहराई पर रहता है। बसंत ऋतु में इस प्रकोष्ठ में ही इस कीट की प्युपेसन होती है। और जून में इस के प्रौढ़ निकलने शुरू हो जाते हैं।

27.9.09

चरस तस्करी के आरोप में दो काबू, एक फरार

जींद (हरियाणा) शहर थाना पुलिस ने रात को अलग-अलग स्थानों से नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में दो लोगों को काबू कर उनके कब्जे से चरस तथा एक स्कूटर बरामद किया है। जबकि एक नशीले पदार्थों का तस्कर अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने तीनों के खिलाफ नशीले पदार्थ निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
शहर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि रामराये गेट निवासी अजय तथा अजमेर बस्ती निवासी कश्मीर सिंह नशीले पदार्थों की तस्करी करते हैं। शनिवार रात को बाहर से नशीले पदार्थों की डील हो रही थी। पुलिस ने सूचना के आधार पर रामराये गेट पर खड़े अजय को धर दबोचा। अजय की तलाशी लिए जाने पर उसके कब्जे से कुछ ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस रेड पड़ने की भनक लगते ही अजय के पास खड़े दो व्यक्ति स्कूटर पर सवार होकर भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने पीछा कर मंयुसिपल कमेटी चौक पर स्कूटर सवारों को घेर लिया। इसी दौरान स्कूटर के पीछे बैठा दूसरा व्यक्ति अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गया जबकि स्कूटर चालक को पुलिस ने धर दबोचा। उसकी तलाशी लिए जाने पर उसमें से चरस बरामद हुई। स्कूटर चालक की पहचान अजमेर बस्ती निवासी कशमीर के रूप में हुई जबकि फरार होने वाले व्यकित की पहचान गांव मिताथल (भिवानी) निवासी पप्पू के रूप में हुई। पुलिस ने तीनों के खिलाफ नशीले पदार्थ निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

युवकों ने परिवहन समिति बस के शीशे तोड़े

जींद (हरियाणा): पटियाला चौक पर रविवार शाम को कुछ युवकों ने नरवाना से जींद आ रही परिवहन समिति की बस के चालक, परिचालक तथा हैल्पर की धुनाई कर डाली और बस के शीशे तोडक़र क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना को अंजाम देकर हमलावर युवक फरार हो गए। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
परिवहन समिति बस का चालक गांव उचाना खुर्द निवासी जितेन्द्र बस परिचालक सुरेन्द्र, हैल्पर गांव बडनपुर निवासी सोनू रविवार शाम को रोहित डबवाली परिवहन समिति की बस नरवाना से वाया काकड़ौद से होकर जींद की तरफ आ रहा था। गांव डोहानाखेड़ा से बस में सवार हुए एक युवक को बस परिचालक सुरेन्द्र ने टिकट लेने के लिए कहा, जिस पर युवक उखड़ गया और परिचालक सुरेन्द्र के साथ हाथापाई करने लगा। उस समय तो यात्रियों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया, मगर युवक ने मोबाइल फोन से अपने दोस्तों को पटियाला चौक पर बुला लिया। जैसे ही बस पटियाला चौक पर पहुंची तो पहले से खड़े लगभग एक दर्जन युवकों ने बस को घेर लिया और चालक जितेन्द्र, परिचालक सुरेन्द्र, हैल्पर सोनू को नीचे उतारकर उनकी बुरी तरह पिटाई की। बाद में युवकों ने लाठियों तथा डंडों से बस के शीशों पर प्रहार कर उन्हें तोड़ डाला।
घटना की सूचना पाकर जब तक पुलिस मौकें पर पहुंचती तब तक हमलावर युवक फरार हो चुके थे। बस के चालक जितेन्द्र ने बताया कि गांव डोहानाखेड़ा निवासी विक्की गांव के बस अड्डे से बस में सवार हुआ था। परिचालक सुरेन्द्र ने उसे टिकट लेने के लिए कहा था। जिसकों लेकर दोनों की तकरार हो गई। उसने पटियाला चौक पर कुछ बदमाशों को बुला लिया। जैसे ही उसने पटियाला चौंक पर सवारियां उतारने के लिए बस रोकी तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया और बस के शीशे तोड़ डाले। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

जिला जींद में कीटखोर कीट-बिन्दुआ बुगडा

बिन्दुआ बुगडा एक मांसाहारी कीट है जो अपना गुजर-बसर दुसरे कीटों का खून चूस कर करता है। कांग्रेस घास पर यह कीट दुसरे कीटों की लाश में ही आया है। कांग्रेस घास के पौधों पर इसे मिलीबग, मिल्क-वीड बग़ जाय्गोग्राम्मा बीटल आदि शाकाहारी कीट इनके शिशु अंडे मिल सकते है। इन पादपखोर कीटों के अलावा कीटाहारी कीट भी मिल सकते है। इन सभी मध्यम आकर के कीटों का खून चूस कर ही बिन्दुआ बुगडा इसके बच्चों का कांग्रेस घास पर गुजारा हो पाता है। आलू की फसल को नुकशान पहुचने वाली कोलोराडो बीटल के तो ग्राहक होते है ये बिन्दुआ बुगडे। इसी जानकारी का फायदा उठाकर कीटनाशी उद्योग द्वारा इन बुगडों को भी जैविक-नियंत्रण के नाम पर बेचा जाने लगा है। साधारण से साधारण जानकारी को भी मुनाफे में तब्दील करना कोई इनसे सीखे।
चलते-चलते आपको बता दे कि माँ के दूध के साथ अंग्रेजी सीखे लोग इस बिन्दुआ बुगडे को "Two spotted bug" कहते हैं। जबकि वैज्ञानिकों कि भाषा में इसे "Perillus bioculatus" kahte haen.

26.9.09

बहादरपुर में अज्ञात कारणों से हजारों मछलियाँ मरी

सफीदों (हरियाणा)
गांव बहादरपुर में अज्ञात कारणों के चलते तालाब में हजारों की तादाद में अचानक मछलियाँ मरने से ग्रामीण सकते में है। बड़ी संख्या में मछलियों के तालाब में मरने से ग्रामीणों को पशुओं के बीमार होने की आशंका सताने लगी है। इसके अलावा ग्रामीणों के समक्ष पशुओं के पीने के पानी की भी समस्या खड़ी हो गई है।
गांव बहादुरपुर स्थित पंचायती तालाब में पिछले एक पखवाड़े से अज्ञात कारणों के चलते लगातार मछलियां मर रही हैं। अब नौबत यहां तक पहुंची है कि तालाब के किनारे मरी हुई मछलियों से अट गए हैं। मरी हुई मछलियों से उठने वाली सडांध के कारण लोगों का गांव में रहना दूभर हो गया है। भारी सख्या में मछलियों के मरने के कारण तालाब का पानी भी दूषित हो गया है। जिससे ग्रामीणों के समक्ष पशुओं के पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पंद्रह दिन से लगातार तालाब में मछलियां मर रही हैं। मरी हुई मछलियां हवा के चलते किनारों पर जमा हो गई हैं। तालाब का पानी भी बदबूदार हो गया है। तालाब की सफाई कराने की मांग अधिकारियों से की गई थी। लेकिन आजतक इस समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने मांग की कि तालाब की सफाई करवाई जाए और उसमें स्वच्छ पानी भरवाया जाए।

कालाबाजारी के मामले में डिपो होल्डर के खिलाफ मामला दर्ज

जींद(हरियाणा) : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आए केरोसिन की कालाबाजारी करने के मामले में पुलिस ने एक डिपो होल्डर के खिलाफ आवश्यक खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उसकें पास से एक सौ पिचासी लीटर केरोसिन तेल बरामद किया है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सींसर गांव में राशन डिपो चलाने वाला बलबीर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आए केञ्रोसिन को लोगों में वितरित करने की बजाए लैक में बेचने के लिए गांव हथो जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने गांव हथो में छापा मारा। पुलिस पार्टी को देख बलबीर केरोसिन ड्रम को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस द्वारा ड्रम से एक सौ पिचासी लीटर केरोसिन तेल बरामद किया गया। पुलिस ने बलबीर के खिलाफ आवश्यक खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

कपास में स्लेटी भुंड

स्लेटी भुंड जिला जींद में कपास का नामलेवा सा हानिकारक कीट है। लेकिन "घनी सयानी दो बर पोया करै" अख़बारों में पढ़ कर अपनी फसल में कीडों का अंदाजा लगाने वाले किसानों की इस जिला में भी कोई कमी नहीं है। कागजी व हाटिय ज्ञान से लैस किसान इस स्लेटी भुंड को ही सफ़ेद मक्खी समझ कर धड़ाधड़ अपनी फसल में स्प्रे करते हुए आमतौर पर मिल जायेगें। इसमे खोट किसानों का भी नहीं है। एक तो घरेलु मक्खी व इस भुंड का साइज बराबर हो सै। दूसरी रही रंग की बात। स्लेटी अर् सफ़ेद रंग में फर्क करना म्हारे हरियाणा के माणसां के बस की बात कोन्या। लील देकर पहना हुआ सफ़ेद कुर्ता भी दो दिन में माट्टी अर् पसीने के मेल से स्लेटी ही बन जाता है। इसीलिए तो रंगों व कीटों की पहचान का कार्य यहाँ के किसानों को बुनियाद से ही सिखने की आवश्यकता है। यह स्लेटी भुंड कपास की फसल के अलावा बाजरा, ज्वार व अरहर की फसल में भी नुकशान करते हुए पाया जाता है। इस कीट का प्रौढ़ पौधों के जमीं से ऊपरले व गर्ब जमीं के निचले हिस्सों पर नुक्शान करता है। इस कीट की दोनों अवस्थाए पौधों की विभिन्न हिस्सों को कुतरकर व चबाकर खाती हैं। इस कीट का प्रौढ़ पत्तों या फूलों की पंखुडियों के किनारे नोच कर खाता है। यह पुंकेसर भी खा जाता है जबकि इसका गर्ब पौधों की जडें खाता है।खानदानी परिचय:स्लेटी भुंड को द्विपदी प्रणाली मुताबिक कीट विज्ञानी माइलोसेर्स प्रजाति का भुंड कहते है इसके कुल का नाम कुर्कुलिओनिडि होता है। इस कीट की मादाएं पौण महीने की अवधि में लगभग साढे तीन सौ अंडे जमीन के अंदर देती हैं। इन अण्डों का रंग क्रीमी होता है जो बाद में मटियाला हो जाता है। अंडो का आकार एक मिलीमीटर से कम ही होता है। तीन-चार दिन की अवधि में अंड-विस्फोटन हो जाता है। इस कीट के शिशु जिन्हें विज्ञानी गर्ब कहते हैं, जमीन के अंदर रहते हुए ही पौधों की जड़े खाकर गुजारा करते हैं। मौसम के मिजाज व भोजन की उपलब्धता अनुसार इनकी यह शिशु अवस्था 40 -45 दिन की होती है।पैरविहिन इन शिशुओं के शरीर का रंग सफ़ेद व सिर का रंग भूरा होता है। इनके शरीर की लम्बाई लगभग आठ मिलीमीटर होती है। स्लेटी भुंड का प्यूपल जीवन सात-आठ दिन का होता है। प्युपेसन भी जमीं के अंदर ही होती है। इसका प्रौढिय जीवन गर्मी के मौसम में दस- ग्यारह दिन का तथा सर्दी के मौसम में चार-पांच महीने का होता है। सर्दी के मौसम में यह कीट अडगें में छुपा बैठा रहता है।

25.9.09

विनम्र अपील धार्मिक उत्सव आयोजन कर्ताओं के नाम !

देश मैं ईद और नवरात्र के पर्व के अवसरों पर भक्तिमय उल्लाश और खुशियों का सुखद वातावरण बना हुआ है । जगह जगह गाँव और शहर मैं पंडाल , स्वागत द्वार अवं तोरण द्वार सजे हुए हैं । कंही ईद के दावतों का आयोजन हो रहा है तो कंही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है । इन उल्लासपूर्ण और खुशनुमा माहोल मैं छोटी छोटी बातों को ध्यान रखा जावे , जिससे लोगों को एवं समाज को कोई असुबिधा न हो , पर्यावरण को नुकसान न हो , उर्जा का सरक्षण हो एवं देश मैं सुखमय , सुखमय एवं शांतिपूर्ण वातावरण बना रहे । अतः आयोजनकर्ताओं से विनम्र अपील है की
१। भीड़ भाड़ वाले एवं व्यस्तम चोराहे वाले स्थान मैं सार्वजानिक आयोजन से बचे , हो सके तो खुले एवं मैदानी स्थानों का चयन किया जाए , आना जाने का मार्ग अवरुद्ध न हो । सकरे एवं तंग गलियों वाले स्थानों मैं एक से अधिक वैकल्पिक रस्ते बनाए जाएँ ।
२। आयोजन हेतु एकत्रित की जाने वाली सहयोग राशिः / चंदे की राशिः हेतु लोगों को मजबूर न करे । एकत्रित धनराशी का किफायती एवं समाज की भलाई मैं उपयोग कर उसके आय एवं व्यय का ब्यौरा पूर्ण पारदर्शिता के साथ लोगों के सामने रखें ।
३। लोउड स्पीकर के स्थान पर बॉक्स का प्रयोग करें । आवाज की तीव्रता एवं समय का ध्यान रखे की बच्चों , बुजुर्ग और बीमारों को अ सुबिधा न हो ।
४। बिजली की कमी को देखते हुए विद्युत उर्जा आधारित साज सज्जा मैं किफायत के साथ कम बिजली खपत वाले उपकरण एवं लाइटिंग का प्रयोग करें । दिन मैं बिजली का प्रयोग न के बराबर करें , नियमानुसार अस्थायी बिजली कनेक्शन अवश्य लें ।
५। पर्यावरण को नुक्सान न पहुचाने वाली इको फ्रेंडली साज सज्जा एवं मूर्तियों को चुने । मूर्तियों का विसर्जन इस प्रकार करें की पेयजल श्रोतों और जल श्रोतों का जल प्रदूषित न हो ।
६। झांकियां की अवधारणा ऐसी हो की जिससे धार्मिक भावना एवं आस्था को ठेश न पहुचे एवं देवी देवताओं का सम्मान बना रहे ।
७। धार्मिक आयोजन स्थलों पर धार्मिक एवं सादगी पूर्ण गाने बजाये जाएँ । आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम फूहड़ एवं अमर्यादित न हो ।
८। प्रसाद वितरण , भोज एवं दावतों के आयोजन मैं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता एवं साफ़ सफाई का पर्याप्त ध्यान रखा जावे । वितरण के पर्याप्त इंतज़ाम किए जावें जिससे भीड़ भाड़ , अव्यवस्था और भगदड़ जैसी अप्रिय स्थिति न बने ।
९। कोई अप्रिय स्थिति होने पर तुंरत पुलिस एवं प्रशासन को सूचित करें । आवश्यक तात्कालिक व्यवस्था बनाने का पूरा प्रयास एवं सहयोग करें ।

सम्मान दिवस रैली में कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली

जींद (हरियाणा) :- पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि चौधरी देवीलाल किसानों मजदूरों व कमेरा वर्ग के लिए मसीहा थे। सर छोटूराम के बाद कमेरा वर्ग के लिए जिसने कार्य किया है वह स्वर्गीय देवीलाल ही थे। हमें उनकी जिंदगी से सबक लेना चाहिए।
बादल शुक्रवार को हुडा ग्राउंड में आयोजित सम्मान दिवस रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब भारत में अमरजैंसी लगी थी तो देवीलाल ही ऐसे इंसान थे, जिन्होंने अमरजैंसी के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके लिए उन्हें कई माह जेल में भी रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब से भारत आजाद हुआ है, तब से देश पर अधिकतर शासन कांग्रेस ने ही किया है। लेकिन आज तक कांग्रेस ने न तो किसानों के लिए कुछ काम किया है और न ही कमेरा वर्ग को ऊँचा उठाने के लिए कोई कार्य किया है। आज देश में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई चरम पर है। कांग्रेस ने हमेशा धनी लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। बादल ने स्वर्गीय देवीलाल को हरियाणा की मां करार देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है, कांग्रेस के कुशासन को उखाड़ फैंकने का। उन्होंने रैली में उमड़े जनसमूह से आवाहन किया कि चश्मे के निशान पर मोहर लगाकर कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाओ। वे अपने विधायकों कार्यकर्ताओं के साथ चौटाला की हर संभव मदद करने को तैयार हैं।
पूर्व मुख्य मंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि वे स्वर्गीय देवीलाल की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य कमेरा वर्ग को ऊपर उठाना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। आज किसान स्वयं अपनी फसल का भाव तय नहीं कर सकता। इनेलो सरकार आते ही वे किसानों की फसलों के भाव बढ़ाए जाएँगे। उन्होंने भाजपा व हजकां को कांग्रेस की बी टीम करार दिया।

24.9.09

मोटरसाइकिल चोर गिरोह का भांडा फोड़, आठ गिरफ्तार

जींद (हरयाणा ) :- सीआईए स्टाफ ने वाहन चोर गिरोह का भांडा फोड़ करते हुए गिरोह के आठ सदस्यों को काबू कर उनकी निशानदेही पर मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। पुलिस गिरफ्तार युवकों से चोरी की अन्य वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है।
सुभाष नगर निवासी अजय ने २१ सितंबर को शहर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका किसी ने मोटरसाइकिल चुरा लिया है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गांव पालवा निवासी अनिल संदीप को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्होंने जींद के अलावा आसपास के जिलों से भी मोटरसाइकिलों को चुराया था। मोटरसाइकिल चुराने के बाद उनके फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे तथा चोरी किए गए मोटरसाइकिलों की नंबर प्लेट को बदल दिया जाता था। मोटरसाइकिलों को चोरी करने में गांव रिटौली निवासी अनिल संदीप, कलायत (कैथल) निवासी शमशेर, गांव वजीरखेड़ा निवासी रघुवीर, किताबा, गांव पालवा निवासी दिलबाग, अमित, संदीप, सफीदों गेट जीन्द निवासी पवन भी उनकेञ् गिरोह में शामिल हैं। पुलिस ने मोटरसाइकिल चोर गिरोह के आठों सदस्यों को काबू कर उनकी निशानदेही पर कुछ मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। जिनकी कीमत लगभग सवा आठ लाख रुपये है।

आम आदमी को प्रेरित करने में जुटे एड्स पीड़ित

जींद(हरियाणा) : सेक्स, कण्डोम, ऐड्स इनके बारे में बात करने पर आज भी लोग काफी हिचकिचाहट महसूस करते हैं। यहां तक कि इस सम्बन्ध टेलीविजन पर अगर कोई विज्ञापन भी प्रसारित होता है तो देखने वाले चैनल को बदल देते हैं। अधिकतर लोगों की सोच आज भी यही है कि इनकें बारे में बातें करना गलत है, लेकिन ऐसे लोगों सोच को जिले के (एड्स ग्रसित) उन चंद लोगों ने गलत साबित कर दिया है, जो एचआईवी-पाजिटिव होते हुए भी समाज की मुख्यधारा मे जुडक़र इस बीमारी के बारे में खुलकर प्रचार करने में लगे हुए हैं।जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव रणदीप श्योकंञ्द-के सानिध्य में एड्स कंट्रोल सोसाइटी से जुडे़ जिले के इन चार व्यक्तियों को जब स्वयं को एड्स होने के बारे में पता चला तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। समाज की मुチयधारा से जुड़ने में भी समय लग गया, लेकिन काउंसलिंग-व एड्स ग्रसित लोगों के सामने आने वाली परेशानियों को देखते हुए इनके हौसले बुलंद हुए और इन लोगों ने ग्रसित लोगों को समाज की मुチयधारा से जोड़ने का निर्णय लिया। आज ये चारों लोग न केवल गांव व शहरों में जाकर इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि एड्स रोगियों को मुチयधारा में जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त सभी प्रचार के दौरान स्वयं द्वारा की गई गलतियों को बताते हैं और लोगों को ऐसी गलतियों से सबक लेने व न दोहराने की बात करते हैं। यदि एड्‌स् ग्रसित लोग समाज को जागरूक करने का बीड़ा उठा सकते हैं तो हमें भी आगे आना होगा। रेडक्रञस टारगेट इंटरवेशन-प्रोजेタट फार एड्स कंञ्ट्रोल के प्रोजेタट मैनेजर विनोद कुञ्मार ने कहा कि एड्स एक लाईलाज बीमारी है और जानकारी ही बचाव है।

23.9.09

शहीदों को पुष्पाजंलि अर्पित करके मनाया शहीदी दिवस

जींद (हरयाणा) :- जिले में बुधवार को शहीदी दिवस पर शहर में अनेक जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन करकें शहीदों को याद किया गया। कार्यक्रमों में शहीदों के अधूरे रह गए सपनों को पूरा रने की शपथ ली गई। शहीदी स्मारक पर हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के मौकें पर पुलिस अधीक्षक सतीश बालन, अतिरि उपायु बीबी कौशिक तथा अन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को याद किया। पुलिस के जवानों ने सैन्य परंपरा के अनुरूप शस्त्र झुकाकर मातमी धुन बजाकर शहीदों को नमन किया।
अतिरि उपायु बीबी कौशिक ने कहा कि देश की आन बान और शान पर मर मिटने वाले शहीद किसी जाति विशेष केञ् नहीं होते। वे समूचे राष्ट्र की धरोहर होते हैं। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में अनेकों वीरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कुर्ञ्बानियां दी। आजादी केञ् लंबे संघर्ष में अनेकों जाने अनजाने देश तों ने शहादत दी। उनहोंने कहा कि आजादी केञ् बाद भी देश की अखंडता को बरकरार रखने में भारतीय सैनिकों का कोई जवाब नहीं है। आज हम देशभतों की बदौलत ही खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। इस मौकेञ् पर अतिरि पुलिस अधीक्षक सिमरनजीत सिंह, एसडीएम एसबी लोहिया, जिला खेल अधिकारी मनजीत खेड़ा, सेवानिवृत मेजर जनरल एसी मंगला आदि मौजूद थे।

विधानसभा प्रत्याशियों ने लाव लश्कर के साथ नामांकन भरे

जींद (हरियाणा) :- जिलेभर में बुधवार को निवर्तमान शिक्षा एवं परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता, पूर्व मंत्री एवं हजकां नेता बृज मोहन सिंगला, निर्दलीय उमीदवार बलवंत सिंह दालमवाला, सफीदों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजू मोर, इनेलो प्रत्याशी कलीराम पटवारी, नरवाना विधानसभा से इनेलो प्रत्याशी पृथी सिंह सहित सोलह प्रत्याशियों ने अपने अपने क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किए। जींद विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान परिवहन तथा शिक्षा मंत्री मांगेराम गुप्ता अपने समर्थकों सहित पुरानी अनाज मंडी में एकत्रित हुए। बाद में जलूस की में ति प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और निर्वाचन अधिकारी बीएस लोहिया के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। गुप्ता के कवरिंग प्रत्याशी के रूप में उनकें बेटे महाबीर गुप्ता ने अपना नामांकन दाखिल किया और अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया। हजकां नेता एवं पूर्व मंत्री बृज मोहन सिंगला अपने समर्थकों के साथ रेलवे जंशन पर एकत्रित हुए और जलूस की में ति प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। निर्दलीय एवं समाजसेवी बलवंत सिंह दालमवाला अपने गांव से ही समर्थकों के साथ काफिले के रूप में जींद पहुंचकर निर्वाचन अधिकारी बीएस लोहिया के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सफीदों विधानसभा क्षेत्र से इनेलो प्रत्याशी कलीराम पटवारी, भाजपा प्रत्याशी राजू मोर ति प्रदर्शन करते हुए सफीदों लघु सचिवालय पहुंचे और एसडीएम सत्यवान इंदौरा के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया। दोनों प्रत्याशियों के नौ समर्थकों ने कवरिंग प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किए। दोनों प्रत्याशियों ने अपना मु व्यवसाय खेतीबाड़ी बताया। नरवाना विधानसभा से इनेलो प्रत्याशी पिरथी सिंह ने अपने समर्थकों सहित लघु सचिवालय में निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में अपना नामांकन पत्र जमा करवाया।