आज की इस भौतिकवादी और व्यस्त जीवनचर्या में जहाँ आमतौर पर व्यक्ति स्वयं के कार्यों हेतु भी बमुश्किल ही समय निकाल पाता है, वहीँ हमारे समाज में कुछ ऎसी विभूतियाँ और संस्थायें भी मौजूद हैं जो समाज के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं.ऐसी ही एक संस्था का नाम अखिल भारतीय अग्रवाल समाज है, जिसे कुछ समाज सेवक बड़ी ही मेहनत और लग्न से चला रहे हैं. हाल ही में हरियाणा की ऐतिहासिक एवं पवित्र नगरी जीन्द में इस संस्था ने यहाँ के महाराजा अग्रसेन कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उत्तर भारत का सबसे बड़ा अग्रवाल युवक-युवति परिचय सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मलेन में हरियाणा के अतिरिक्त दिल्ली, मुम्बई, बिहार, असम, चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड से अग्रवाल समाज की युवा पीढी के करीबन 850 युवक-युवतियों ने खुले मंच पर आकर अपना परिचय दिया तथा अपने जीवन साथी के सम्बन्ध में खुलकर पसंद व्यक्त की. समारोह में मुख्य अतिथि हरियाणा के शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री मांगेराम गुप्ता रहे जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर समाजसेवी और अग्रवाल नेता चुडिया राम गोयल तथा रामगोपाल अग्रवाल ने शिरकत की. समारोह को संबोधित करते हुए श्री मांगेराम गुप्ता ने कहा कि वास्तव में इस तरह के परिचय सम्मलेन आज के इस आधुनिक दौर की ज़रूरत बन गए हैं तथा अग्र बंधुओं हेतु रामबाण बनकर सामने आये हैं. परिचय सम्मेलनों के माध्यम से मात-पिता की बहुत सी मुश्किलें आसान हो गई हैं. इन सम्मेलनों में एक ही मंच पर सैंकडों रिश्ते आसानी से हो जाते हैं. इन कार्यकर्मों ने अग्रवाल समाज को जोड़ने का काम किया है तथा समाज में फैली दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक बुराई पर भी अंकुश लगा है. उन्होंने पुराने समय की बातों का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले इस समाज में बिचोलिये ही रिश्ते करवाते थे लेकिन आज जीवन में भाग-दौड़ व समय की कमी के चलते बिचोलिओं की भूमिका कम हो गई है जिसके कारण समाज में नौजवान बच्चों के रिश्ते होने में बड़ी कठिनाईयां आ रही हैं. इस आधुनिक युग में परिचय सम्मेलनों के माध्यम से रिश्ते होना अपने आप में एक नई पहल है. गुप्ता जी ने अग्रवाल समाज की अन्य संस्थाओं से भी आह्वान किया कि वें इस प्रकार के सम्मलेन समय-समय पर आयोजित करें ताकि रिश्ते होने में आने वाली कठिनाइयों से निजात मिल सके. अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं समारोह के संयोजक राजकुमार गोयल ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज में रिश्तों से मुतल्लिक आने वाली समस्याओं की दूरगामी सोच के अनुरूप उन्होंने सन 2001 से युवक-युवति परिचय सम्मलेन का सिलसिला शुरू किया था. उसके बाद सन 2005 और अब 2009 में तीसरा सफल सम्मलेन आयोजित हुआ है. उन्होंने परिचय सम्मलेन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि संस्था सम्मलेन से पूर्व पूरे भारतवर्ष से अग्रवाल युवक-युवतियों के फॉर्म आमंत्रित करती है. उन प्राप्त फोरमों की एक पुस्तिका तैयार की जाती है तथा आवेदकों को पंजीकृत नंबर दिए जाते हैं. सम्मलेन के दिन एक-एक नम्बर को स्टेज पर बुलाकर उनका परिचय करवाया जाता है. अगर एक पक्ष के किसी अभिभावक को कोई लड़का या लड़की पसंद आती है तो वह दूसरे पक्ष के अभिभावक के साथ बैठकर अपने पुत्र या पत्री हेतु रिश्ते की बातचीत कर सकता है. इसके लिए संस्था के द्वारा अलग से बैठने की व्यवस्था की जाती है और इस दौरान समाज के जिम्मेदार बुजुर्ग व्यक्ति बतौर सलाहकार वहां मौजूद होते हैं. इस प्रकार से नौजवान पीढी के रिश्ते तय हो जाते हैं एवं बाद में अपने अनुकूल समयानुसार वें शादी के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं. उन्होंने कहा की वह और उनकी टीम भविष्य में भी इस तरह के परिचय सम्मेलनों का आयोजन करती रहेगी.
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