इस देश में प्रतिभाओं को कमी नही है, बस जरूरत है तो एक अदद अवसर और उचित मंच की। जिसके माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। न जाने ऐसी कितनी ही प्रतिभाएं हैं, जो एक उचित अवसर के अभाव में गुमनामी के अंधेरे में दम तोड़ देती हैं। एक टीवी चॅनल के रियलिटी शो के माध्यम से सुदूर ग्रामीण अंचल बहराम पुर ( उडीसा ) के शारीरिक कमियों से ग्रस्त युवाओं के प्रिंस डांस ग्रुप ने शानदार नृत्य प्रस्तुत कर देश भर के दर्शकों का दिल जीतकर अपने अटूट जज्बे और अदभुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया है । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा प्रतिभाओं को सामने लाने और उन्हें उचित अवसर प्रदान करने का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास किया जा रहा है ।
पहले पहल दूरदर्शन में यह बात देखने को मिलती थी। जिसमे शास्त्रीय नृत्य , संगीत और बाद्य यंत्रों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ करता था । नीजि चेनलों के आ जाने से देश की प्रतिभाओं को उचित अवसर और मंच मिलने की सम्भावना बढ़ने लगी । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया धीरे-धीरे मनोरंजन , ख़बरों एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के दायरे से निकलकर अब देश की प्रतिभाओं हेतु प्रतिभा प्रदर्शन का उचित मंच साबित होने लगा । प्रारम्भ में केवल फिल्मी क्षेत्रों से जुड़े गीत , संगीत और नृत्य से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन का माध्यम बना एवं लंबे समय तक बना रहा , इससे ऐसा लगने लगा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सिर्फ़ फिल्मी कला क्षेत्रों से जुड़ी प्रतिभाओं के प्रदर्शन के मंच तक ही सिमटकर रह गया है, जिसमे नैसर्गिक और स्वाभाविक प्रतिभा प्रदर्शन के अपेक्षा नक़ल को ज्यादा तवज्जो दी जाती रही है । यंहा तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी फिल्मी गाने की नक़ल कर प्रेम और प्यार के नगमे गाते नजर आते रहे । ऐसा देखने को मुश्किल ही मिला हो कि प्रतियोगी स्वयं द्वारा रचित गीत संगीत अथवा निर्मित नृत्य शैली का प्रदर्शन कर रहा हो ।किंतु रियलिटी शो के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा लोगों को नैसर्गिक और स्वाभाविक प्रतिभा और हुनर के प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया जा रहा है और वह भी फिल्मी क्षेत्रों के आलावा अन्य कला क्षेत्रों में।
कुछ अपवादों को छोड़ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की यह नई भूमिका अत्यन्त प्रशंसनीय और सराहनीय है, जो देश की प्रतिभाओं को प्रसिद्धि पाने और कला एवं हुनर के प्रदर्शन हेतु उचित मंच और अवसर प्रदान करने का कार्य कर रही है । युवा पीढियों के साथ सभी उम्र के कलाकारों अथवा प्रतिभाओं को रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों की ओर प्रेरित कर रही है । इससे देश के सुदूर अंचलों एवं कोने-कोने में विद्यमान उभरती प्रतिभाओं की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आशा कुछ ज्यादा बढ़ गई है । अतः इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कंधे पर भारी जिम्मेदारी आन पड़ी है कि स्वस्थ्य मनोरंजन के साथ-साथ देश की छुपी हुई प्रतिभाओं को प्रदर्शन का उचित अवसर बिना किसी पूर्वाग्रह के प्रदान कर सके । आशा है, मीडिया अपने जिम्मेदारी पर खरा उतरेगा और देश तथा समाज के लोगों की खुशहाली और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा ।
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