नोएडा के सेक्टर 12 में आजकल बारिश के मौसम में सफाई का काम पूरे जोशो ख़रोस के साथ चल रहा है।उत्तर प्रदेश के इस इलैक्ट्रॉनिक सिटी में बाकायदा जैसे कोई अभियान चल रहा हो, लेकिन नवीन ओखला औद्योगिक प्राधिकरण इस कार्य में सिर्फ खानापूर्ति के सिवाय कुछ नहीं कर रहा है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब जेड ब्लाक के मंदिर के पास के नाले की सफाई तो कर दी गयी, लेकिन हर बार की तरह उसकी गंदगी को वहीं पर छोड़कर चले गये सफाईकर्मी। ये इस तरह की अकेली घटना नहीं है। ऐसे हालात कई सेक्टर्स के हैं। हर साल इस तरह के सफाई अभियान चलते हैं, लेकिन इसमें काम कितना होता है इसके गवाह है सेक्टर 12 के ज़ेड ब्लाक निवासी सुरेश जो कहते है "हर साल इस तरह सफाई के नाम पर गंदगी को उठाकर सड़को पर डाल दिया जाता है। फिर वो बारिश के पानी में बहकर दोबारा नालों में चली आती है"। जी हाँ, बारिश का मौसम होने के कारण वो गंदगी दोबारा उसी नाले में समा जाती है, जहां से उसे निकाला गया था। इसे सफाई के नाम पर लगने वाले सरकारी पैसे की बर्बादी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? क्योंकि हर साल नालों की सफाई के नाम पर लाखों रुपये का बजट पास होता है और उन पैसों का इस्तेमाल सफाई पर कम खानापूर्ति पर ज्यादा होता है। क्योंकि गंदगी वहीं रहती है और उन पैसों से प्राधिकरण की जेब गर्म होती रहती है।
2 टिप्पणियाँ:
Shukla ji akarmanyataa aur bhrastaachaar ka ye grahan meerut me bhee lagaa hua hai.Aapne acchaa mudda uthayaa hai.
jhalli-kalam-se
jhalli gallan
angrezi-vichar.blogspot.com
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