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8.8.09

दाता तेरे हज़ारों हैं नाम



दाता तेरे हज़ारों है नाम…(2)

कोई पुकारे तुझे रहीम,

और कोई कहे तुझको राम।दाता(2)

क़ुदरत पर है तेरा बसेरा,

सारे जग पर तेरा पेहरा,

तेरा राज़ बड़ा ही गैहरा,

तेरे इशारे होता सवेरा,

तेरे इशारे होती शाम।दाता(2)

ऑंधी में तुं दीप जलाए,

पत्थर से पानी तूं बहाये,

बिन देखे को राह दिख़ाये,

विष को भी अमृत तू बनाये,

तेरी कृपा हो घनश्याम।दाता(2)

क़ुदरत के हर-सु में बसा तू,

पत्तों में पौंधों में बसा तू,

नदिया और सागर में बसा तू,,

दीन-दु:ख़ी के घर में बसा तू,

फ़िर क्यों में ढुंढुं चारों धाम।दाता(2)

ये धरती ये अंबर प्यारे,

चंदा-सूरज और ये तारे,

पतझड़ हो या चाहे बहारें,

दुनिया के सारे ये नज़ारे,

देखूँ मैं ले के तेरा नाम।दाता(2)




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