मेरे पंख मुझसे न छीनलो,
मुझे आसमॉ की तलाश है।
मैं हवा हूँ मुझको न बॉधलो ,
मुझे ये समॉ की तलाश है।
मुझे मालोज़र की ज़रूरत क्या?
मुझे तख़्तो-ताज न चाहिये !
जो जगह पे मुझको सुक़ुं मिले,
मुझे वो जहाँ की तलाश है।
मैं तो फूल हूं एक बाग़ का।
मुझे शाख़ पे बस छोड दो।
में खिला अभी-अभी तो हूं।
मुझे ग़ुलसीतॉ की तलाश है।
न हो भेद भाषा या धर्म के।
न हो ऊंच-नीच या करम के।
जो समझ सके मेरे शब्द को।
वही हम-ज़बॉ की तलाश है।
जो अमन का हो, जो हो चैन का।
जहॉ राग_द्वेष,द्रुणा न हो।
पैगाम दे हमें प्यार का ।
वही कारवॉ की तलाश है।
4 टिप्पणियाँ:
इतनी तेज न चलें अछि चीजें धीरे धीरे बांटें , क्योंकि हम जैसे भुक्खड़ रोज दर पर पहुंचे रहेंगे , मुमकिन है इसी दर के होकर रह जाएँ \
लुब्बो लुआब ये है नज्म पुरसुकूं है
rajiya ji namaskaar bhhut hi sundar aap ki rachnaayo me hamesha hi ye baat rahti hai aap smaaj ki tikhi pad rakhti hai aur kam joor jagah par baar karti hai
न हो भेद भाषा या धर्म के।
न हो ऊंच-नीच या करम के।
जो समझ सके मेरे शब्द को।
वही हम-ज़बॉ की तलाश है।
saadar
praveen pathik
9971969084
RAZIYA JI,
DARDE-DIL AUR DARDE-JANA JAB DARDE-DAYRAN ME DHAL JUATA HAI TOH RAAT KI SIYAAHI ME BHI SOORAJ NIKAL AATA HAI ...............
AAPKI KALAM SE NIKLLE ALFAAZ AAPKI SOCH AUR AAPKI INSAANI TAUFEEQ-E-TASAVVAR KA AAINA HAI..
MAIN HI NAHIN IS AAINE ME JO BHI JHAANKEGA USE EK BAAT TOH BADI SHIDDAT K SAATH KUBOOL KARNI HOGI KI
मुझे मालोज़र की ज़रूरत क्या?
मुझे तख़्तो-ताज न चाहिये !
जो जगह पे मुझको सुक़ुं मिले,
मुझे वो जहाँ की तलाश है।
__________BADHAAI
_____________MUBAARAQBAAD !
bahut sundar talaash hai shubhakaamanaayeM
एक टिप्पणी भेजें