भारत जैसे विकासशील समाजों में फैले जातिवाद और सम्प्रदायवाद जैसे दकियानूसी विचारों से लड़ना मीडिया की एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। गरीबी और अन्धविश्वास के खिलाफ लोगों की लड़ाई को ताकत देना मीडिया का एक सामाजिक और व्यवसायिक कर्तव्य है। खासकर तब, जब हमारे अधिकतर नागरिक जागरूक नही हैं। ऐसे में नए विचारों को उन तक पंहुचाना और उनका पिछडापन दूर करना मीडिया का ही काम है, ताकि नागरिक एक ताकतवर जागरूक राष्ट्र का हिस्सा बन पायें।
दोस्तों, जस्टिस मार्कण्डेय काटजू का यह पूरा आलेख गैर-ज़िम्मेदार है भारतीय मीडिया के शीर्षक से जल्द ही प्रस्तुत करेंगे। बस, थोड़ा इंतजार..........
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