Kripya aur jaankari de. is visay ko gambhirta se lena jaruri hai. Koun hai ye log. Kripya jyada jaankari jarur de. helpdesk.chandan@gmail.com www.sanghsadhna.blogspot.com
प्रवीण जी, ये भारत माता का अपमान ही तो है. जैसा कि अपनी टिप्पणी में चन्दन जी ने भी कहा है, कृपया इस बारे विस्तार से लिखिए. और आइये विचारें कि इस घटना के विरूद्व कैसे क़दम उठाए जाएँ !!!!!!!!!!!
प्रवीण जी पूरी पूरी जानकारी दें जिससे नाम लेकर सम्बंधित लोंगों की भर्त्सना की जा सके , आयोजन आयोजकों का विवरण विशेष रूप से दें | इस ओर ध्यान आकृष्ट करने का धन्यवाद
जमाना गुजर गया इस बात को और आप लोग अब अपमान अपमान कह रहे हैं ये महिला जिसके पैरों में राष्ट्रध्वज पड़ा है वो एक धर्म गुरू के तौर पर थीं इनका नाम था निर्मला देवी जिन्हें कि उनके भक्त शक्ति का अवतार मानते थे भला हुआ कि धरती का बोझ काफ़ी समय पहले हल्का हो चुका है। जब देश चलाने केलिये भेजे गये जनप्रतिनिधि चंद्रास्वामी और न जाने किन किन बापुओं मुल्लाओं के कदमों में पड़े रहते हैं तो फिर एक कपड़े के बने ध्वज की क्या इज्जत रह जाती है ये हरामी लोग इस महज कपड़े का टुकड़ा मानते हैं जबकि ये राष्ट्रीय अस्मिता का सवाल है। लेकिन मैं इसी राष्ट्रध्वज को २ अक्तूबर से लेकर २६ जनवरी और १५ अगस्त के अगले दिन लाखों की संख्या में हमारे ही देश के लोगों के पैरों तले आते दिखा सकता हूं जितने एकत्र करते बनते हैं करके मिट्टी में संस्कार कर देता हूं बाकी ईश्वर जाने और देश के कर्णधार.....। लोगों के दिल से राष्ट्रीय अस्मिता का संस्कार मिट चुका है आप जगा सकते हों तो जगाइये मैं तो पागल ठहराया जा चुका हूं इस विषय पर।
जनाब डॉक्टर साहब, अगर देशप्रेमियों को पागल की संज्ञा दी जाने लगी है तो इस देश के पागल जिंदाबाद! वैसे राष्ट्रवादी लोगों को पागल कहने वालों को क्या कहा जाये?
mitro jankari yaha hai On 17 August 2005 the official Sahaja Yoga website reported that, on the eve on India's independence day, "an Indian flag was offered to Her and a prayer was recited for the divine blessings and protection of India." [33] In 2007, two images showing the Indian national flag at the feet of Niramala Srivastava (with her husband seated beside) were circulated by youngsters[34] on the social network Orkut, provoking "outrage" and "anger" according to one source.[35]
According to India's 1971 Prevention of Insults to National Honour Act, it is an offence to show disrespect to the national flag or let it touch the ground. Rajendra Kumar, a trustee of Sahaja Yoga Trust issued an apology on behalf of Nirmala Devi. He said it is inconceivable that any member of Shri Mataji's family would tolerate even the slightest disrespect to our National Flag. Her husband, Indian Civil Servant C.P.Srivastava, was bestowed an honorary knighthood by the Queen of England and served the former Prime Minister Lal Bahadur Shastri as his Principal Secretary. Nirmala Devi was jailed for participating in the Mahatma Gandhi-led Quit India Movement in 1942.[36]
7 टिप्पणियाँ:
Kripya aur jaankari de.
is visay ko gambhirta se lena jaruri hai.
Koun hai ye log.
Kripya jyada jaankari jarur de.
helpdesk.chandan@gmail.com
www.sanghsadhna.blogspot.com
प्रवीण जी, ये भारत माता का अपमान ही तो है. जैसा कि अपनी टिप्पणी में चन्दन जी ने भी कहा है, कृपया इस बारे विस्तार से लिखिए. और आइये विचारें कि इस घटना के विरूद्व कैसे क़दम उठाए जाएँ !!!!!!!!!!!
अपमान ही है
और अपमान के सिवाय
कुछ नहीं है
आओ मिलकर इसकी
भर्त्सना करें
प्रवीण जी पूरी पूरी जानकारी दें जिससे नाम लेकर सम्बंधित लोंगों की भर्त्सना की जा सके ,
आयोजन आयोजकों का विवरण विशेष रूप से दें |
इस ओर ध्यान आकृष्ट करने का धन्यवाद
जमाना गुजर गया इस बात को और आप लोग अब अपमान अपमान कह रहे हैं ये महिला जिसके पैरों में राष्ट्रध्वज पड़ा है वो एक धर्म गुरू के तौर पर थीं इनका नाम था निर्मला देवी जिन्हें कि उनके भक्त शक्ति का अवतार मानते थे भला हुआ कि धरती का बोझ काफ़ी समय पहले हल्का हो चुका है। जब देश चलाने केलिये भेजे गये जनप्रतिनिधि चंद्रास्वामी और न जाने किन किन बापुओं मुल्लाओं के कदमों में पड़े रहते हैं तो फिर एक कपड़े के बने ध्वज की क्या इज्जत रह जाती है ये हरामी लोग इस महज कपड़े का टुकड़ा मानते हैं जबकि ये राष्ट्रीय अस्मिता का सवाल है। लेकिन मैं इसी राष्ट्रध्वज को २ अक्तूबर से लेकर २६ जनवरी और १५ अगस्त के अगले दिन लाखों की संख्या में हमारे ही देश के लोगों के पैरों तले आते दिखा सकता हूं जितने एकत्र करते बनते हैं करके मिट्टी में संस्कार कर देता हूं बाकी ईश्वर जाने और देश के कर्णधार.....। लोगों के दिल से राष्ट्रीय अस्मिता का संस्कार मिट चुका है आप जगा सकते हों तो जगाइये मैं तो पागल ठहराया जा चुका हूं इस विषय पर।
जनाब डॉक्टर साहब,
अगर देशप्रेमियों को पागल की संज्ञा दी जाने लगी है तो इस देश के पागल जिंदाबाद! वैसे राष्ट्रवादी लोगों को पागल कहने वालों को क्या कहा जाये?
mitro jankari yaha hai
On 17 August 2005 the official Sahaja Yoga website reported that, on the eve on India's independence day, "an Indian flag was offered to Her and a prayer was recited for the divine blessings and protection of India." [33] In 2007, two images showing the Indian national flag at the feet of Niramala Srivastava (with her husband seated beside) were circulated by youngsters[34] on the social network Orkut, provoking "outrage" and "anger" according to one source.[35]
According to India's 1971 Prevention of Insults to National Honour Act, it is an offence to show disrespect to the national flag or let it touch the ground. Rajendra Kumar, a trustee of Sahaja Yoga Trust issued an apology on behalf of Nirmala Devi. He said it is inconceivable that any member of Shri Mataji's family would tolerate even the slightest disrespect to our National Flag. Her husband, Indian Civil Servant C.P.Srivastava, was bestowed an honorary knighthood by the Queen of England and served the former Prime Minister Lal Bahadur Shastri as his Principal Secretary. Nirmala Devi was jailed for participating in the Mahatma Gandhi-led Quit India Movement in 1942.[36]
http://en.wikipedia.org/wiki/Nirmala_Srivastava
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