स्वाइन फ्लू की गंभीरता को देखते हुये भारत सरकार ने इसके लिये वैक्सीन विकसित करने का फैसला लिया है। दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस खतरनाक बीमारी की वैक्सीन विकसित करने के लिये जरूरी ढांचा तैयार करने को मंजूरी दे दी गई। बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिज़ीज, सीरम इन्स्टीट्यूट, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ दवा निर्माता कंपनियों के अधिकारी शामिल थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के शोध विभाग के सचिव वीएन कटोच ने बताया कि सरकार ने स्वाइन फ्लू से निपटने के लिये एक तात्कालिक और एक दीर्घकालीन योजना बनाई है। दीर्घकालीन योजना में इसका टीका विकसित करना और चुने हुये जनसमूह के टीकाकरण करने की योजना है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के अटलॉन्टा स्थित सेंटर फ़ॉर डिज़ीज कंट्रोल (सीडीसी) से एचवन-एनवन वॉइरस का नमूना मंगाया जाएगा ताकि शोध कार्य को आगे बढ़ाया जा सके। जल्दी ही शोध कार्य के लिये टीम का चयन पूरा कर लिया जायेगा जिसमें दवा निर्माता कंपनियां भी शामिल होंगी। यद्यपि भारत में स्वाइन फ्लू के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई हैलेकिन दुनिया के कई देशों में इस बीमारी के बेहद तेजी से फैलने से सरकार हरकत में आ गई है।
अगर देखा जाए तो भारत क्या नही कर सकता? आवश्यकता है तो सिर्फ़ दृढ़ संकल्प की। भारत सब कुछ कर सकता है।
1 टिप्पणियाँ:
भ्रस्टाचार रोकने तथा सरकारी काम काज में पारदर्शिता लाने में सरकारें कितनी गंभीर रहीं हैं? अगर इनमे सुधार आये तो बात बने!
आपने लिखा: "उन्होंने बताया कि अमेरिका के अटलॉन्टा स्थित सेंटर फ़ॉर डिज़ीज कंट्रोल (सीडीसी) से एचवन-एनवन वॉइरस का नमूना मंगाया जाएगा ताकि शोध कार्य को आगे बढ़ाया जा सके।" जब तक नमूना आएगा, वाइरस की स्ट्रेन (strain) ही बदल जाये न! फिर भी इस विषय पर फोकस है, यह अच्छी बात है.
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