आज कल शहर में, सन्नाटे बहुत गहरे हुए जाते हैं ।
कोई रोको हमे कि हम, अब प्यार में दीवाने हुए जाते है ।।
तेरे ख्याल बस अब मेरे, जीने के सहारे हुए जाते है ।
वरना आज कल तो खुद ही हम, खुद से बेगाने हुए जाते है ।।
ज़िन्दगी ले चली है, हमे जाने किस मोड़ पर।
अब तो रास्ते ही मेरे, ठिकाने हुए जाते है ।।
मोहब्बत का करम है, जो मुझे ये किस्मत बक्शी ।
अब तो बातो- में न जाने ,कितने फसाने हुए जाते हैं॥
चंद लम्हो में मिली है, जो दौलत हम को ।
इतने नशे में है, कि मयखाने हुए जाते हैं॥
मेरी बातों को हसी में न लेना, मैं सच कहती हूँ ।
कि अब हर खुशी के आप ही, बहाने हुए जाते हैं ।।
रुकी-रुकी सी नदी थी, ये ज़िन्दगी मेरी ।
अब तो रुकना-ठहरना लगता है, अफ़साने हुए जाते हैं॥
4 टिप्पणियाँ:
गार्गी जी, दिल की बात कह आपने, मै काफ़ी दिनो से कोई ब्लोग नही पढ पा रहा था, आज से शुरु किया है तो आप से ही बिस्मिल्लाह की है...
अब हम आपका साथ नही छोडेंगें
achhi rachna!
kyonki yeh ISHQ ishq hai ISHQ.
ज़िन्दगी ले चली है, हमे जाने किस मोड़ पर।
अब तो रास्ते ही मेरे, ठिकाने हुए जाते है ।।
itni achhi lines ke liye sukriyaa...
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