आज के इस दौर में देखने में आता है कि पुरानी परम्पराओं एवं रिवाजो का लगभग अंत सा ही हो चूका है, लेकिन हरियाणा के जींद जिले के मुवाना गाँव में घटित एक घटना ने यह साबित कर दिया है कि इस आधुनिक दौर में भी पुरानी परम्परायें एवम रीति-रिवाज़ कायम है. इस गाँव के लोगों ने अपने स्तर पर ही एक चोरी के मामले को सुलझा लिया. उल्लेखनीय है कि मुवाना गाँव के सुखबीर के घर मे चोरो ने उसके स्वर्ण आभूषण व नकदी चोरी कर ली थी. सुखबीर ने इस चोरी की सूचना पुलिस को दे दी थी. पुलिस ने भी सुखबीर की शिकायत पर अज्ञात चोरो के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर लिया था. लेकिन गाँव के लोगों ने इस मामले को अपने स्तर पर ही सुलझाने का मन बना लिया. इसके लिये गाँव के बुजुर्ग लोगों ने पुरानी परम्पराओं एवं रीति रिवाजो का सहारा लिया. इस मामले को सुलझाने के लिया गाँव में एक पंचायत बुलाई गई. पंचायत में यह फैसला लिया गया कि गाँव के लोग एक निर्धारित स्थान पर भुस की एक-एक टोकरी डालेंगे तथा जिसने भी सुखबीर के घर से स्वर्ण आभूषण व नकदी चोरी की है, वो उस भुस की टोकरी में चोरी किया सामान डालकर लाएगा. पंचायत के फैसले के मुताबिक गाँव के लोगो ने निर्धारित स्थान पर भुस की एक-एक टोकरी डाल दी. उस इकट्ठा हुए भुस में से गाँव के बुजुर्गों ने चोरी हुए सामान को बरामद कर लिया. गाँव के पढ़े लिखे नवयुवकों का भी मनना है कि इस तरह का मामला सुलझाने के लिये इन पुरानी परम्पराओं का सहारा लिया जाना चाहिए.यें परम्पराएँ कई बार कारगर सिद्ध हुई है. इस परम्परा से जिसने चोरी की है वह बेइज्जत होने से बच जाता है तथा गाँव में अपसी भाईचारा भी कायम रहता है.गाँव के सतीश नामक केमिस्ट का कहना है कि यह एक तरह का मनोवैज्ञानिक ट्रीटमेंट है. जिससे अपराध करने वाले में सुधार की काफी हद तक गुन्जाईस रहती है. जबकि पुलिस की गिरफ्त में आया अपराधी कईं बार भंयकर अपराधी बन जाता है. कमाल की हैं, हमारी पुरातन परम्पराएं. जिन्हें हमें भूलना नही चाहिए.
1 टिप्पणियाँ:
अच्छी मिसाल है.पंचायती राज सुद्रिड हो, भारतीय लोक तंत्र का विकेंद्रीकरण हो ताकि आम लोग सशक्त हो पायें.
एक टिप्पणी भेजें