लिट्टे समर्थक वेबसाइट द्वारा प्रभाकरण की मौत पर सवाल उठाने तथा उसके जीवित और सुरक्षित होने का दावा किए जाने के बाद श्रीलंका सेना ने मंगलवार को कहा कि वेलुपिल्लई प्रभाकरण का शव मिल चुका है।
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर उदय नानायक्कारा ने कहा कि प्रभाकरण का शव नो फायर जोन में नांदीकादल के समीप मिला। उन्होंने कहा कि प्रभाकरण अपनी विशेष वेशभूषा में था और उसके सिर पर गोलियों के घाव थे।
सेना अधिकारियों ने मुठभेड़ का विवरण देते हुए बताया कि लिट्टे प्रमुख की मौत सोमवार को हुई। प्रभाकरण और उसके दो उच्चस्तरीय कमांडर पोट्टू अम्मन और समुद्री छापामार प्रमुख सूसोई अपने छिपने के ठिकाने से एक सशस्त्र वाहन में निकले। इनके साथ एक एबुलेंस में उनके सशस्त्र जवान भी थे।
उन्होंने सेना के सुरक्षा घेरे को तोड़ने का प्रयास किया जिसके बाद सुरक्षा बलों और छापामारों के बीच दो घंटे तक मुठभेड़ चली। अंत में सुरक्षा बलों ने वाहन को रॉकेट से उड़ा दिया, जिसके बाद बलों ने वाहन में से सभी के शव बरामद कर लिए।
अधिकारियों के अनुसार प्रभाकरण के शव पर रॉकेट के सीधे प्रभाव के कारण जलने के निशान पड़े हुए थे।
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