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12.5.09

क्या मानवता इस तरह तार-तार होती रहेगी?

आज मानवता इस कद्र गिर चुकी है कि हरियाणा के क़स्बा सफीदों के पास से गुजरती पश्चमी यमुना नहर का पानी सूखने के बाद उसके बीच एक अज्ञात शव कई दिनों तक सरेआम लावारिश हालत में पडा रहा तथा उसे कुत्ते व परिंदे लगातार नोचते रहे. परन्तु शव को किसी ने भी दो गज ज़मीन जलाने या दफ़नाने के लिए मयस्सर नही करवाई. राहगीर उस ओर से मुंह फेरकर निकलते रहे, वहीँ पुलिस व प्रशासन भी इस घटना से अनजान बने रहे। हो सकता है की यह चित्र आपके मानव मन को विचलित कर दे, परन्तु आज के इस भौतिकवादी युग में क्या मानवता इसी तरह से तार-तार होती रहेगी?

1 टिप्पणियाँ:

अश्विनी जी:
क्या किसी ने पुलिस को खबर दी? एक फ़ोन किया जाये तो शायद पुलिस कुछ हरकत में आये? हो सकता है पुलिस को पता भी न हो. एक छोटे कसबे में इस ढंग से लाश का पड़े रहना वाकई आश्चर्य -जनक है.

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